पानीपत: हरियाणा में एक महीने बाद फिर स्कूलों में रौनक लौटी है. कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने मिनी लॉकडाउन के आदेश जारी कर दिए थे. जिसमें स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था. वहीं अब कोरोना के मामलों में गिरावट आई है. फिर से नई गाइडलाइन के साथ स्कूल खोलने की इजाजत सरकार (Schools Open In Haryana)द्वारा दे दी गई है. जिसके तहत आज प्रदेश में 10वीं से 12वीं के स्कूल खोल दिए गए.
ईटीवी भारत ने जब पानीपत के स्कूलों में पड़ताल की तो बच्चों के साथ-साथ प्रधानाचार्य भी कोविड नियमों का उल्लंघन करते पाए गए. स्कूलों में टीचर और बच्चे बिना मास्क के बैठे दिखाई दिए. स्कूल की एंट्रेंस पर किसी तरह की सैनिटाइजेशन का प्रबंध नहीं किया गया और ना ही बच्चों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच के लिए किसी कर्मचारी को बिठाया गया. जब इस बारे में स्कूल कॉलेज प्रशासन से बात की गई तो उनका कहना था कि हम उन्हें ही एंट्री दे रहे हैं जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है. ऐसे में सवाल उठता है कि स्कूल प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही क्यों बरत रहा है.
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गौरतलब है कि कोरोना के मामलों में कमी देखते हुए आज से सरकार ने 10वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिए हैं. साथ ही आदेश दिए गए थे कि बिना वैक्सीनेशन के किसी बच्चे को स्कूल में जाने की इजाजत नहीं है. वहीं प्रदेश में बच्चों के वैक्सीनेशन की बात करें तो अभी तक 15 से 18 साल की उम्र वाले 80 प्रतिशत स्कूली छात्र-छात्राओं का टीकाकरण कराया गया है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस आयु वर्ग में कुल 6 लाख 54 हजार 491 विद्यार्थी हैं. जिनमें पांच लाख 23 हजार 143 ने टीका लगवाया है. टीकाकरण नहीं कराने वाले एक लाख 31 हजार 347 बच्चों को आनलाइन क्लासेस ही लगानी पड़ेंगी, क्योंकि इन्हें स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. हालांकि विभिन्न स्थानों पर राज्य सरकार ऐसे बच्चों के लिए विशेष कैंप लगा रही है ताकि वह टीकाकरण कराकर स्कूल में उपस्थिति दर्ज करा सकें.
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