पानीपत: इन दिनों उत्तर भारत समेत हरियाणा में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. हरियाणा का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है. ऐसे में लोग पेय पदार्थों का ज्यादा सेवन कर रहे हैं. गर्मी से राहत पाने के लोग गन्ने का जूस और शिकंजी का सहारा ले रहे हैं. इन दिनों सड़कों पर खुले में पेय पदार्थ बेचने वालों की छोटी-छोटी कई दुकानें देखने को मिल जाएंगी. क्या आपको पता है कि इन दुकानों पर पेय पदार्थ पीने से आपको बीमारियां हो सकती हैं.
हरियाणा में अब कोरोना भी तेजी से फैल रहा है. ऐसे में कोराना का संक्रमण इनसे और ज्यादा फैसल सकता है. दरअसल गर्मी में खुले में बिकने वाले पेय पदार्थ का सेवन डायरिया जैसे रोगों को जन्म देता है. पानीपत सिविल अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर संजीव ग्रोवर ने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा मरीज डायरिया और डिहाइड्रेशन के सामने आते हैं. सड़कों पर बिकने वाले खाद्य और पेय पदार्थ इन बीमारियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं.
सड़कों पर खुले में बिकने वाले खाद्य और पेय पदार्थों को बनाने वाले अक्सर साफ सफाई का विशेष ध्यान नहीं रखते. जिसकी वजह से वहां मक्खियां मंडराती रहती है. इसके अलावा सड़क से उठने वाली धूल पेय पदार्थ में जमा हो जाती है. जिसका सेवन करने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. सड़कों पर गन्ने का रस बेचने वाले कोल्हू पर दिनभर मक्खियों का जमावड़ा लगा रहता है. उसी गन्ने के रस का सेवन करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.
इससे डायरिया जैसे गंभीर रोग हो जाते हैं. अब कोरोना का संक्रमण भी भयानक हो सकता है. पानीपत के हर नुक्कड़, चौराहे और सड़कों पर खुले में बिकने वाले जूस, लस्सी, बर्फ की चुस्की जैसी दुकानों की भरमार है. ये ठंडे पेय पदार्थ खुले आम बिक रहे हैं. बर्फ की चुस्की और गोले पर डाले जाने वाला मीठा कलर तो बड़ी बीमारियों को जन्म देता है. इन रंगीन पदार्थों से शरीर में एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियां जन्म ले लेती हैं.
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पैसे कमाने के लालच में रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार पेय पदार्थ को मीठा करने के लिए चीनी की जगह सेक्रिन का इस्तेमाल करते हैं. जो शरीर पर गलत प्रभाव डालते हैं. डॉक्टर ने बताया कि बाहर तेज धूप से आने के ठीक बाद पानी का सेवन ना करें. ठंडा पानी तो बिल्कुल भी ना पीएं. जूस पीते वक्त दुकानदार को जूस में मीठा और रंग को ना मिलाने की हिदायत दें. कच्ची बर्फ मिली लस्सी, शिकंजी और गन्ने के रस का सेवन ना करें. खुले में रखे कटे फल ना खाएं. इससे फूड प्वाइजनिंग का खतरे बढ़ जाता है.