पानीपत: हरियाणा में क्लर्क पे ग्रेड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. जिसके चलते शुक्रवार को सरकार और क्लर्क एसोसिएशन के सदस्यों के बीच दूसरे दौर की बैठक हुई और जोकि बेनतीजा रही. सरकार के साथ हुई बैठक के बाद क्लर्कों ने बताया कि सरकार उनकी मुख्य मांगें मानने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए आज से वह प्रदेश स्तर की हड़ताल करने का ऐलान करते हैं. उन्होंने बताया कि सरकार भविष्य में उन्हें वार्ता के लिए बुलाती है, तो वो इसके लिए तैयार है.
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आपको बता दें कि हरियाणा में वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर सरकारी क्लर्क की हड़ताल को शुक्रवार को 17 दिन पूरे हो गए हैं. लघु सचिवालय परिसर से धरना प्रदर्शन खदेड़ने के बाद 6 जुलाई से क्लर्क पुल के नीचे टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं. हड़ताल में क्लर्कों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तो डीसी दफ्तर के सुप्रिडेंट भी क्लेर्कों की हड़ताल में शामिल हो चुके हैं. पर इस हड़ताल का खामियाजा आम जनता हो भुगतना पड़ रहा है.
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पानीपत जिला प्रशासन बेशक काम प्रभावित ना होने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत को देखा जाए, तो हड़ताल से ग्राम काफी हद तक प्रभावित हुआ है. एक तहसील में जहां 70 से 80 रजिस्ट्री रोजाना हुआ करती थी. वहीं अब पिछले 3 दिनों से 10-12 रजिस्ट्रेशन प्रतिदिन हो रही है. प्रशासन ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मार्केटिंग बोर्ड और परिवहन विभाग के कुछ कर्मचारियों को क्लर्क की जगह ड्यूटी पर लगाया है. लेकिन क्लर्क के दबाव में यह लोग भी ठीक तरह से काम नहीं कर पा रहे हैं.
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वाहन रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस के क्लर्कों की अथॉरिटी नगर निगम के कर्मचारियों को दी गई है. पर अनुभव न होने के चलते वहां भी काम प्रभावित है. इसके अलावा कई विभागों की सैलरी भी हड़ताल के चलते अटक गई है और पेंशन विभाग में भी हड़ताल से समस्या का सामना करना पड़ रहा है. तहसील में काम करवाने आए लोगों का कहना है कि वह रोजाना रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसील पहुंचते हैं. लेकिन टोकन लेने के बाद लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. शाम तक उन्हें इंतजार करके खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है. क्योंकि क्लर्क की जगह ड्यूटी दे रहे दूसरे विभाग के कर्मचारी को अनुभव की कमी होने के कारण कार्य धीमी गति से होता है और फिर अगले दिन सुबह टोकन लेकर अपने समय का इंतजार करना पड़ता है.
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आपको बता दें कि राजस्व अदालतों का कामकाज भी इस हड़ताल की वजह से काफी हद तक प्रभावित हो रहा है. जानकारी के मुताबिक हरियाणा में क्लर्कों की हड़ताल से रोजाना करीब 200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. यही वजह है कि पिछले 17 दिनों से जारी हड़ताल की वजह से अभी तक करीब तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान राजस्व को हो चुका है.
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गौरतलब है कि क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले 5 जुलाई से हड़ताल जारी है. लिपिकों की मुख्य मांग है कि सरकार उन्हें ₹19900 बेसिक मासिक वेतन देती है. जिसे बढ़ाकर उनका वेतन ₹35400 किया जाना चाहिए. लेकिन हरियाणा सरकार को क्लर्कों की ये मांगें मंजूर नहीं है. जिसके चलते दूसरे दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही है. जिसके चलते क्लर्कों ने प्रदेश स्तर की हड़ताल करने का निर्णय लिया है. बता दें कि बैठक में सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, फाइनेंस डिपार्टमेंट के अधिकारी और सीएम के OSD के साथ क्लर्क एसोसिएशन शामिल हुई.