पानीपत: औद्योगिक एवं ऐतिहासिक नगरी पानीपत में हर दिन हजारों लोग बाहर से करोड़ों का व्यापार करने के लिए आते हैं. आए दिन शहर में ये सूचना मिलती है कि बाजार में व्यापारी के साथ लूट हुई.
लगातार बढ़ रही इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लागने के लिए प्रशासन ने 10 महीने पहले ही जिला प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से लाखों रुपये खर्च करके सीसीटीवी कैमरे लगाए.
शहरभर में जीटी रोड पर 60-70 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, लेकिन ये कैमरे समय के साथ खराब होने लगे हैं. न तो अभी तक कोई अपराधी इमनें कैद हुआ न ही कोई यातायात के नियम तोड़ने वाला. सिर्फ देखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. कंट्रोल रूम का कोई अता-पता नहीं है.
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वहीं बात अगर बाजारों की करें तो बाजार में दुकानदारों ने अपने पैसे से सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. ताकि कोई भी अप्रिय घटना हो तो उसका सबूत दे सकें. लेकिन आए दिन होने वाली घटनाओं से व्यापारी, दुकानदार और राहगीर भी अपराधियों से नहीं बच पा रहे हैं.
गायब कंट्रोल रूम
ऐसे में बड़ा सवाल पुलिस प्रशासन पर खड़ा होता है कि करोड़ों का टैक्स देने वाले शहर को आखिर इन अपराधों से कब छुटकारा मिलेगा. पानीपत के रेड लाइट चौक पर लाखों रुपये की मदद से सहायता केंद्र बनाया गया था. लेकिन समय के साथ कंट्रोल रूम गायब हो गया और कोई शिकायत सुनने वाला नहीं है.