पानीपत: लघु सचिवालय में आशा वर्करों ने न्यूनतम वेतन की मांग को लेकर जेल भरो आंदोलन किया. आंदोलन के बाद आशा वर्करों ने देश के प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा.
सरकार पर निजीकरण का आरोप
आशा वर्करों ने प्रदर्शन के दौरान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनका निजीकरण करना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट कंपनियों को ठेका देकर उनका रोजगार खत्म करना चाहती है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उनका शोषण किया जा रहा है और सरकार उन्हें बेरोजगार करने पर तुली हुई है.
आशा वर्कर यूनियन के सचिव पिंकी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें समय पर वेतन नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि वेतन पांच से छह महीने बाद मिलता है.
आशा वर्करों की मांगें-
- पक्का किया जाए.
- फॉर्मेट प्रणाली को बंद किया जाए.
- समान काम समान वेतन दिया जाए.
- न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये दिया जाए.
इसके साथ ही आशा वर्करों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा करे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले समय में आशा वर्कर लगातार प्रदर्शन जारी रखेंगी.
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