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पानीपत सिलेंडर ब्लास्ट हादसा: मृतकों को ले जा रही एंबुलेंस आधी रात को लखनऊ बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर हुई खराब

सिलेंडर ब्लास्ट हादसे (panipat cylinder blast accident) में मारे गए 6 लोगों को ले जा रही एंबुलेंस रास्ते में खराब हो गई. देर रात बीच रास्ते में खराब एंबुलेंस को ठीक कराने के लिए मैकेनिक को बुलाया गया. लेकिन मैकेनिक अपने आने का चार्ज भी उनसे मांगने लगा. बता दें कि सभी मृतक पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे.

panipat cylinder blast accident
लखनऊ बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर एंबुलेंस खराब
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Published : Jan 13, 2023, 12:52 PM IST

पानीपत: बीते गुरुवार को पानीपत में सिलेंडर ब्लास्ट (panipat cylinder blast accident) से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई. मृतक पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले से ताल्लुक रखते थे. घटना को लेकर ताजा अपडेट यह है कि मृतकों के शवों को पश्चिम बंगाल के गांव जागीर बस्ती गायसल ले जाया जा रहा था. तभी बीच रास्ते में एंबुलेंस खराब हो गई. समय रात के 1 बजे थे. एंबुलेंस लखनऊ-बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से गुजर रही थी. बताया जा रहा है कि एंबुलेंस की पेट्रोल पाइप फट गई. आधी रात बीच रास्ते में एंबुलेंस के खराब हो जाने के बाद किसी तरह मैकेनिक को बुलाया गया.

लेकिन मैकेनिक ने भी आपदा में अवसर ढूंढने का काम किया. मैकेनिक ने एंबुलेंस को हाथ तक नहीं लगाया. एंबुलेंस चालक वीरेंद्र ने बताया कि शवों को लेकर एंबुलेंस तेज गति से पैतृक गांव की ओर बढ़ रही थी. रात को करीब 12:55 बजे जब वे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर पहुंचे तो वहां अचानक चलती हुई एंबुलेंस झटका लेकर बंद हो (ambulance stop on Lucknow Bundelkhand Expressway) गई. बीच सड़क से एंबुलेंस को किसी तरह साइड में लगाया गया. जिसके बाद उसका बोनेट खोला गया. देखा गया कि पेट्रोल वाली पाइप फटी गई है.

उन्होंने बीच सड़क पर करीब डेढ घंटा लगाकर एंबुलेंस स्टफनी में रखी दूसरी पेट्रोल पाइप निकालकर लगाई. मगर, इसके बाद भी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई. हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर मदद मांगी गई. मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंची. पुलिस ने मौके पर क्रेन चालक को बुलाया. जिसकी सहायता से एंबुलेंस को टोचन कर वहां से करीब 25 किलोमीटर दूर एक पेट्रोल पंप पर ले जाया गया. देर रात 3 बजे का वक्त था. मौके पर मैकेनिक को बुलाया गया. हालांकि पेट्रोल मीटर में पेट्रोल पर्याप्त मात्रा में दिखा रहा था. फिर भी एंबुलेंस चल नहीं रही थी. यहां एंबुलेंस में पेट्रोल भरवाया गया. जिसके बाद एंबुलेंस को फिर से स्टार्ट करने का प्रयास किया गया.

यह भी पढ़ें-पानीपत सिलेंडर ब्लास्ट हादसा: सभी शवों का हुआ पोस्टमार्टम, पश्चिम बंगाल में होगा अंतिम संस्कार

दो बार कोशिश करने पर एंबुलेंस स्टार्ट हो गई. अलसुबह करीब 4 बजे वे वहां से रवाना हुए. एंबुलेंस के खराब होने के बाद आधी रात को कड़ी मशक्कत कर एंबुलेंस को टोचन कर 25 किलोमीटर दूर तक एंबुलेंस ले जाने वाले क्रेन चालक ने मानवता दिखाते हुए कोई फीस नहीं ली. वहीं, मदद के लिए मौके पर बुलाए गए ऑटो मैकेनिक ने बिना एंबुलेंस को हाथ लगाए ही 1500 रुपये की मांग की. उसे हादसे के बारे में बताया भी गया. मगर वह नहीं माना. आखिरी में एक हजार रुपये उसके पैरो को हाथ लगाते हुए दिए गए. जिसके बाद भी वह वहां से एक हजार रुपये लेकर चला गया.

यह भी पढ़ें-पानीपत हादसा: 8 गुना 10 फुट के कमरे में नहीं था वेंटिलेशन का रास्ता, देखें हादसे के बाद की तस्वीरें

क्या है मामला: गुरुवार को पानीपत में एक ही परिवार के 6 सदस्य सिलेंडर ब्लास्ट की चपेट में आ गए. मृतक पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर के रहने वाले थे. बताया जा रहा है कि मृतक परिवार एक ही कमरे में रह रहे थे. घर गृहस्थी का सारा सामान भी उसी कमरे में था. यहां तक की किचन भी उसी कमरे बना हुआ था. खबर है कि रातभर सिलेंडर से गैस का रिसाव होता रहा, वैंटिलेशन की कोई जगह नहीं थी. इसलिए कमरे में ही गैस फैल गई. सुबह जब खाना बनाने के लिए गैस को जलाया गया तो ब्लास्ट हो गया. इस ब्लास्ट में परिवार के सभी सदस्य चपेट में आ गए.

पानीपत: बीते गुरुवार को पानीपत में सिलेंडर ब्लास्ट (panipat cylinder blast accident) से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई. मृतक पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले से ताल्लुक रखते थे. घटना को लेकर ताजा अपडेट यह है कि मृतकों के शवों को पश्चिम बंगाल के गांव जागीर बस्ती गायसल ले जाया जा रहा था. तभी बीच रास्ते में एंबुलेंस खराब हो गई. समय रात के 1 बजे थे. एंबुलेंस लखनऊ-बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से गुजर रही थी. बताया जा रहा है कि एंबुलेंस की पेट्रोल पाइप फट गई. आधी रात बीच रास्ते में एंबुलेंस के खराब हो जाने के बाद किसी तरह मैकेनिक को बुलाया गया.

लेकिन मैकेनिक ने भी आपदा में अवसर ढूंढने का काम किया. मैकेनिक ने एंबुलेंस को हाथ तक नहीं लगाया. एंबुलेंस चालक वीरेंद्र ने बताया कि शवों को लेकर एंबुलेंस तेज गति से पैतृक गांव की ओर बढ़ रही थी. रात को करीब 12:55 बजे जब वे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर पहुंचे तो वहां अचानक चलती हुई एंबुलेंस झटका लेकर बंद हो (ambulance stop on Lucknow Bundelkhand Expressway) गई. बीच सड़क से एंबुलेंस को किसी तरह साइड में लगाया गया. जिसके बाद उसका बोनेट खोला गया. देखा गया कि पेट्रोल वाली पाइप फटी गई है.

उन्होंने बीच सड़क पर करीब डेढ घंटा लगाकर एंबुलेंस स्टफनी में रखी दूसरी पेट्रोल पाइप निकालकर लगाई. मगर, इसके बाद भी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई. हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर मदद मांगी गई. मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंची. पुलिस ने मौके पर क्रेन चालक को बुलाया. जिसकी सहायता से एंबुलेंस को टोचन कर वहां से करीब 25 किलोमीटर दूर एक पेट्रोल पंप पर ले जाया गया. देर रात 3 बजे का वक्त था. मौके पर मैकेनिक को बुलाया गया. हालांकि पेट्रोल मीटर में पेट्रोल पर्याप्त मात्रा में दिखा रहा था. फिर भी एंबुलेंस चल नहीं रही थी. यहां एंबुलेंस में पेट्रोल भरवाया गया. जिसके बाद एंबुलेंस को फिर से स्टार्ट करने का प्रयास किया गया.

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दो बार कोशिश करने पर एंबुलेंस स्टार्ट हो गई. अलसुबह करीब 4 बजे वे वहां से रवाना हुए. एंबुलेंस के खराब होने के बाद आधी रात को कड़ी मशक्कत कर एंबुलेंस को टोचन कर 25 किलोमीटर दूर तक एंबुलेंस ले जाने वाले क्रेन चालक ने मानवता दिखाते हुए कोई फीस नहीं ली. वहीं, मदद के लिए मौके पर बुलाए गए ऑटो मैकेनिक ने बिना एंबुलेंस को हाथ लगाए ही 1500 रुपये की मांग की. उसे हादसे के बारे में बताया भी गया. मगर वह नहीं माना. आखिरी में एक हजार रुपये उसके पैरो को हाथ लगाते हुए दिए गए. जिसके बाद भी वह वहां से एक हजार रुपये लेकर चला गया.

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क्या है मामला: गुरुवार को पानीपत में एक ही परिवार के 6 सदस्य सिलेंडर ब्लास्ट की चपेट में आ गए. मृतक पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर के रहने वाले थे. बताया जा रहा है कि मृतक परिवार एक ही कमरे में रह रहे थे. घर गृहस्थी का सारा सामान भी उसी कमरे में था. यहां तक की किचन भी उसी कमरे बना हुआ था. खबर है कि रातभर सिलेंडर से गैस का रिसाव होता रहा, वैंटिलेशन की कोई जगह नहीं थी. इसलिए कमरे में ही गैस फैल गई. सुबह जब खाना बनाने के लिए गैस को जलाया गया तो ब्लास्ट हो गया. इस ब्लास्ट में परिवार के सभी सदस्य चपेट में आ गए.

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