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कृषि अध्यादेश: पंचकूला में सांसद कमेटी और किसान संगठनों के बीच बैठक जारी

कृषि अध्यादेश पर गठित कमेटी पंचकूला पहुंच चुकी है. अध्यादेश पर सुझाव लेने के लिए ये बैठक तीन सांसद और किसान संगठनों के बीच हो रही है. इस कमेटी को पहले ही भारतीय किसान यूनियन छल और ढकोसला बता चुकी है.

Agriculture Ordinance Committee Meeting with Farmers Second Day in panchkula
Agriculture Ordinance Committee Meeting with Farmers Second Day in panchkula
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Published : Sep 13, 2020, 12:27 PM IST

पंचकूला: कृषि अध्यादेश के विरोध में पिपली में जुटे किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर सरकार अब किसानों को मनाने की कोशिश कर रही है. हरियाणा सरकार ने कृषि अध्यादेश पर किसानों से सुझाव लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी किसानों से अध्यादेश पर सुझाव लेगी.

बता दें कि कृषि अध्यादेश पर बातचीत के लिए बीजेपी के तीन सांसदों का डेलिगेशन पंचकूला पहुंचा है. इस बैठक में कई किसान और किसान संगठन पहुंचे हैं. ये बैठक पंचकूला के सेक्टर 1 में स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हो रही है. इस बैठक में बातचीत के लिए व्यापारिक संगठनों को भी बुलाया गया है.

पंचकूला में कमेटी और किसान संगठनों के बीच बैठक शुरू, देखें वीडियो

किसान और सांसद कर रहे हैं अध्यादेश पर चर्चा

इस बैठक में किसानों से अध्यादेश पर सुझाव लेने के लिए सांसद धर्मवीर सिंह, सांसद बृजेंद्र सिंह और सांसद नायब सैनी किसानों से संवाद कर रहे हैं. बैठक में पहुंचे किसान भी तीनों सांसदों के सामने खुलकर चर्चा कर रहे हैं.

कमेटी और किसानों के बातचीत का दूसरा दिन

गौरतलब है कि कमेटी का किसानों से बातचीत का ये दूसरा दिन है. पहले दिन तीनों सांसदों ने रोहतक में किसान और किसान संगठनों से मुलाकात की थी. लेकिन पहले दिन कोई नतीजा नहीं निकला था और कुछ किसान संगठन बैठक बीच में ही छोड़कर निकल गए थे. पहले दिन की बैठक में सरकार पिपली में हुए लाठीचार्ज का जबाव नहीं दे पाई थी, जिसकी वजह से किसान नाराज हो गए थे.

कमेटी पर नहीं है भाकियू को भरोसा

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार द्वारा गठित कमेटी को एक छल और ढकोसला बताया था. चढूनी ने कहा था कि ये कमेटी किसानों के आक्रोश के ठंडा करने के लिए बनाया गया है. इस कमेटी में उन्हीं किसानों को बुलाया गया है, जिन्हें इस अध्यादेश के बारे में कुछ पता नहीं है. चढूनी ने कहा था कि सरकार इस कमेटी के जरिए किसानों को गुमराह कर रही है.

लाठीचार्ज के बाद गठित हुई थी कमेटी

कुरुक्षेत्र के पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद राजनीति भी तेज हो गई है. एक तरफ विपक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधा और सरकार को किसान विरोधी बताया तो दूसरी तरफ बीजेपी किसानों को समझाने की कोशिश में लग गई और कहा कि ये अध्यादेश उनके हित में है और इससे किसानों को कोई भी समस्या नहीं होगी.

गौरतलब है की पिपली में किसान रैली के दौरान किसानों पर हुए लाठीचार्ज के दौरान ये मामला गर्मा गया है. ये रैली भाकियू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंक और जिला प्रधान कृष्ण की अध्यक्षता में हुई थी जिसमें किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. किसान कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे थे.

पंचकूला: कृषि अध्यादेश के विरोध में पिपली में जुटे किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर सरकार अब किसानों को मनाने की कोशिश कर रही है. हरियाणा सरकार ने कृषि अध्यादेश पर किसानों से सुझाव लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी किसानों से अध्यादेश पर सुझाव लेगी.

बता दें कि कृषि अध्यादेश पर बातचीत के लिए बीजेपी के तीन सांसदों का डेलिगेशन पंचकूला पहुंचा है. इस बैठक में कई किसान और किसान संगठन पहुंचे हैं. ये बैठक पंचकूला के सेक्टर 1 में स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हो रही है. इस बैठक में बातचीत के लिए व्यापारिक संगठनों को भी बुलाया गया है.

पंचकूला में कमेटी और किसान संगठनों के बीच बैठक शुरू, देखें वीडियो

किसान और सांसद कर रहे हैं अध्यादेश पर चर्चा

इस बैठक में किसानों से अध्यादेश पर सुझाव लेने के लिए सांसद धर्मवीर सिंह, सांसद बृजेंद्र सिंह और सांसद नायब सैनी किसानों से संवाद कर रहे हैं. बैठक में पहुंचे किसान भी तीनों सांसदों के सामने खुलकर चर्चा कर रहे हैं.

कमेटी और किसानों के बातचीत का दूसरा दिन

गौरतलब है कि कमेटी का किसानों से बातचीत का ये दूसरा दिन है. पहले दिन तीनों सांसदों ने रोहतक में किसान और किसान संगठनों से मुलाकात की थी. लेकिन पहले दिन कोई नतीजा नहीं निकला था और कुछ किसान संगठन बैठक बीच में ही छोड़कर निकल गए थे. पहले दिन की बैठक में सरकार पिपली में हुए लाठीचार्ज का जबाव नहीं दे पाई थी, जिसकी वजह से किसान नाराज हो गए थे.

कमेटी पर नहीं है भाकियू को भरोसा

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार द्वारा गठित कमेटी को एक छल और ढकोसला बताया था. चढूनी ने कहा था कि ये कमेटी किसानों के आक्रोश के ठंडा करने के लिए बनाया गया है. इस कमेटी में उन्हीं किसानों को बुलाया गया है, जिन्हें इस अध्यादेश के बारे में कुछ पता नहीं है. चढूनी ने कहा था कि सरकार इस कमेटी के जरिए किसानों को गुमराह कर रही है.

लाठीचार्ज के बाद गठित हुई थी कमेटी

कुरुक्षेत्र के पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद राजनीति भी तेज हो गई है. एक तरफ विपक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधा और सरकार को किसान विरोधी बताया तो दूसरी तरफ बीजेपी किसानों को समझाने की कोशिश में लग गई और कहा कि ये अध्यादेश उनके हित में है और इससे किसानों को कोई भी समस्या नहीं होगी.

गौरतलब है की पिपली में किसान रैली के दौरान किसानों पर हुए लाठीचार्ज के दौरान ये मामला गर्मा गया है. ये रैली भाकियू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंक और जिला प्रधान कृष्ण की अध्यक्षता में हुई थी जिसमें किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. किसान कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे थे.

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