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राहगीरी या 'चमचागीरी'...! बिना उद्देश्य, पैसे और परमिशन के चल रहा राहगीरी कार्यक्रम ? - पीपी कपूर

RTI कार्यकर्ता पीपी चौधरी की ओर से डाली गई आरटीआई में बड़ा खुलासा हुआ है. पानीपत में पिछले 1 साल से राहगीरी कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. जिसका उद्देश्य ना जिला प्रशासन को पता है और ना ही इसके किए कोई परमिशन सरकार की ओर से ली गई है.

राहगीरी या 'चमचागिरी'...!
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Published : May 4, 2019, 5:37 PM IST

Updated : May 4, 2019, 6:28 PM IST

पानीपत: पानीपत से राहगीरी कार्यक्रम से जुड़ी चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है. एक आरटीआई में सामने आया है कि पिछले साल से आयोजित हो रहे राहगीरी कार्यक्रम की जानकारी ना तो जिला प्रशासन के पास है और ना ही इसके लिए प्रशासन से कोई परमिशन ली गई है. आरटीआई में ये भी सामने आया है कि जो धनराशि इस कार्यक्रम के लिए रखी गई है उसे भी अबतक इस्तेमाल नहीं किया गया है.

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आरटीआई की कॉपी

पानीपत में हो रहा रागगीरी कार्यक्रम सवालों के घेरे में आ गया है.आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने आरटीआई दाखिल की थी. जिसके जवाब में डीएसपी हैड ऑफिस की ओर से कहा गया कि राहगीरी कार्यक्रम का क्या उद्देश्य है ? इसका क्या लक्ष्य है? इससे जुड़ी उनके पास कोई सूचना नहीं है. ये जवाब अपने आप में ही चौंकाने वाला है क्योंकि ये कार्यक्रम जिला प्रशासन की ओर से ही आयोजित किया जाता है, लेकिन पानीपत प्रशासन को इस कार्यक्रम का उद्देश्य ही पता नहीं है. इसके बावजूद 1 साल से राहगीरी कार्यक्रम जिले भर में आयोजित किया जा रहा है.

पीपी कपूर, आरटीआई कार्यकर्ता

जिला उपायुक्त ने सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि लोगों और समाजसेवी संस्थाओ के सहयोग से पानीपत में ये कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

जिला उपायुक्त ने सभी आरोपों को खारिज किया

आरटीआई में ये भी सामने आया है कि सरकार की ओर से 3 लाख की जो धनराशि राहगीरी कार्यक्रम के लिए दी गई है. वो भी अभी तक खर्च नहीं की गई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर सरकार की ओर से आ रही धनराशि खर्च नहीं की जा रही है तो फिर राहगीरी कार्यक्रम के लिए पैसा कौन दे रहा है और कहां से आ रहा है ? सवाल ये भी उठता है कि क्या कुछ चुनिंदा लोग अपना चेहरा चमकाने और चमचागिरी के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित करा रहे हैं ? और क्यों जिले में हो रहे राहगीरी कार्यक्रम की जानकारी जिला प्रशासन के पास नहीं है ?

पानीपत: पानीपत से राहगीरी कार्यक्रम से जुड़ी चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है. एक आरटीआई में सामने आया है कि पिछले साल से आयोजित हो रहे राहगीरी कार्यक्रम की जानकारी ना तो जिला प्रशासन के पास है और ना ही इसके लिए प्रशासन से कोई परमिशन ली गई है. आरटीआई में ये भी सामने आया है कि जो धनराशि इस कार्यक्रम के लिए रखी गई है उसे भी अबतक इस्तेमाल नहीं किया गया है.

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आरटीआई की कॉपी

पानीपत में हो रहा रागगीरी कार्यक्रम सवालों के घेरे में आ गया है.आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने आरटीआई दाखिल की थी. जिसके जवाब में डीएसपी हैड ऑफिस की ओर से कहा गया कि राहगीरी कार्यक्रम का क्या उद्देश्य है ? इसका क्या लक्ष्य है? इससे जुड़ी उनके पास कोई सूचना नहीं है. ये जवाब अपने आप में ही चौंकाने वाला है क्योंकि ये कार्यक्रम जिला प्रशासन की ओर से ही आयोजित किया जाता है, लेकिन पानीपत प्रशासन को इस कार्यक्रम का उद्देश्य ही पता नहीं है. इसके बावजूद 1 साल से राहगीरी कार्यक्रम जिले भर में आयोजित किया जा रहा है.

पीपी कपूर, आरटीआई कार्यकर्ता

जिला उपायुक्त ने सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि लोगों और समाजसेवी संस्थाओ के सहयोग से पानीपत में ये कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

जिला उपायुक्त ने सभी आरोपों को खारिज किया

आरटीआई में ये भी सामने आया है कि सरकार की ओर से 3 लाख की जो धनराशि राहगीरी कार्यक्रम के लिए दी गई है. वो भी अभी तक खर्च नहीं की गई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर सरकार की ओर से आ रही धनराशि खर्च नहीं की जा रही है तो फिर राहगीरी कार्यक्रम के लिए पैसा कौन दे रहा है और कहां से आ रहा है ? सवाल ये भी उठता है कि क्या कुछ चुनिंदा लोग अपना चेहरा चमकाने और चमचागिरी के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित करा रहे हैं ? और क्यों जिले में हो रहे राहगीरी कार्यक्रम की जानकारी जिला प्रशासन के पास नहीं है ?

Intro:

एंकर --जिला प्रशासन द्वारा पिछले एक वर्ष से चलाए जा रहे राहगीरी कार्यक्रम बारे आरटीआई से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिला प्रशासन को नहीं पता कि राहगीरी कार्यक्रम का उद्देश्य व औचित्य क्या है ना ही सरकार से इस कार्यक्रम को चलाने की कोई अनुमति जिला प्रशासन के पास है। सरकार से प्राप्त धन राशि को बिना खर्च किए ही राहगीरी कार्यक्रम चल रहा है। आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कहा कि ये राहगीरी कार्यक्रम नहीं बल्कि चमचागिरी कार्यक्रम है। जिसे शिक्षा माफिया के कालेधन से चलाया जा रहा है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास जनता की समस्याओं के हल के लिए समय नहीं है लेकिन बेवजह वाह-वाही लूटने व अपनी छवि चमकाने के लिए कुछ बड़े निजी स्कूलों व कथित समाजसेवियों, चमचों के सहारे जिला प्रशासन के अधिकारीगण ड्रामा कर रहे हैं। ये राहगीरी नहीं बल्कि चमचागिरी है। जिला उपायुक्त ने किये सभी आरोप सिरे से ख़ारिज ,कल राहगीरी की वर्षगांठ के लिए जनता को दिया निमंत्रण ,

Body:वीओ -- पानीपत जिला प्रसाशन द्वारा पिछले एक साल से पानीपत में चलाये जा रहे रहिगिरि प्रोग्राम पर पानीपत के आरटीआई कार्यकर्त्ता ने आरोप लगाए हे ,पीपी कपूर का कहना हे की इस आयोजन का कोई महत्व नहीं हे कुछ चुनिंदा लोग अपनी प्रदर्शनी कर रहे हे ,पीपी कपूर ने बताया कि राहगीरी कार्यक्रम बारे उन्होंने जिला उपायुक्त कार्यालय में गत वर्ष 28 मई 2018 को आरटीआई भी लगाई थी। नगराधीश के पास जिला प्रशासन के इस कार्यक्रम की कोई सूचना तक नहीं थी। नगराधीश ने सूचना देने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को आवेदन पत्र ट्रांसफर पल्ला झाड़ लिया। जिला पुलिस मुख्यालय के राज्य सूचना अधिकारी एवं डीएसपी (मुख्यालय) ने अपने 18 जुलाई 2018 के पत्र द्वारा चौंकाने वाली सूचनाएं दी। डीएसपी (मुख्यालय) ने बताया कि जिला में राहगीरी कार्यक्रम 6 मई 2018 से चलाया जा रहा है। राहगीरी कार्यक्रम क्या है? इसका कॉन्सेप्ट व उद्देश्य क्या है? इस सवाल के जवाब में डीएसपी (मुख्यालय) ने बताया कि यह सूचना रिकार्ड में उपलब्ध नहीं है। हरियाणा सरकार से इस कार्यक्रम को चलाने की अनुमति व कारवाई रजिस्टर की सूचना भी रिकार्ड में उपलब्ध नहीं। पुलिस महानिदेशक द्वारा इस राहगीरी कार्यक्रम के लिए भेजे गए 3 लाख रूपये भी बिना खर्च पड़े हैं। वाणी जिला उपायुक्त ने सभी आरोपों को किया खारिज कहा की लोगो और समाजसेवी संस्थाओ के सहयोग से पानीपत की जनता के मेरा पानीपत -फिट पानीपत कार्यकर्म चालय जा रहा हे और कल इसकी वर्षगांठ मनाई जाएगी ,उपायुक्त सुमेधा कटारिया का कहना हे की युवाओ को ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए जागरूक करना ही रहिगिरि का उदेश्य हे।

वीओ --कपूर ने आरोप लगाया कि राहगीरी के नाम पर जिला प्रशासन व सरकार जिला पानीपत की जनता का भद्दा मजाक उड़ा रहे हैं। पूरा जिला भीषण गंदगी, प्रदूषण, ट्रैफिक जाम, अतिक्रमण, पेयजल संकट, बिजली संकट, अस्पतालों में कुव्यवस्था, दफ्तरों में बदहाली जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। लेकिन राहगीरी के नाम पर अपनी छवि चमकाने के लिए अधिकारी भौंडे डांस, हू-हल्ले व सैल्फियों से जनता का मजाक उड़ा रहे हैं। आम जनता की इसमें ना कोई दिलचस्पी है और ना कोई भागीदारी है। निजी स्कूल माफिया व जिला प्रशासन के आठ-दस चहेते लोगों की भीड़ जुटाकर फोटोबाजी करके हर महीने लाखों रूपया उड़ाया जा रहा है। बड़े अफसरों को छोडक़र आम सरकारी कर्मचारियों के लिए यह कार्यक्रम बेवजह की सजा से कम नहींं। इस नौटंकी के चक्कर में सरकारी कर्मचारियों के अवकाश का दिन भी व्यर्थ में उड़ जाता है। सरकार को इस शोशेाबाजी व नौटंकी को तत्काल बंद करके यह समय व पैसा जनता की समस्याओं के हल में लगाना चाहिए। इस राहगीरी की आड़ में कई चम्मचे फल-फूल रहे हैं। इसी के चलते पानीपत में जीटी रोड फ्लाई ओवर के नीचे अवैध रूप से वाहन पार्किंग का ठेका मुफ्त में अपने चहेतों को जिला प्रशासन ने सौंप दिया है।


Conclusion:बाईट -- पीपी कपूर ,आरटीआई कार्यकर्त्ता।
बाईट -- सुमेधा कटारिया ,,जिला उपायुक्त
Last Updated : May 4, 2019, 6:28 PM IST
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