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पानीपत में बीते 30 महीनों में 2050 नवजात बच्चों की मौत हुई: RTI - panipat newborn baby delivery death

पानीपत जिले में हर महीने 68 नवजात बच्चों की मौत हो रही है. बीते 30 महीनों में 2050 नवजाते बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं. जिससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सवालों के घेरे में आ गई है.

Panipat newborn baby death
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Published : Dec 29, 2020, 5:30 PM IST

पानीपत: जिले में नवजात बच्चों की मौत से सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सवालों के घेरे में आ गई है. नवजात बच्चों की मौत का जो आंकड़ा अब सामने आया है, वो हैरान और परेशान करने वाला है. आंकड़ों की मानें तो बीते 30 महीनों में डिलीवरी के बाद या डिलीवरी के दौरान 2050 बच्चों की मौत हो गई. इसका मतलब ये है कि हर महीने पानीपत में डिलीवरी के दौरान या डिलीवरी के बाद 68 बच्चों की मौत हो रही है.

डिप्टी सीएमओ और सीएमओ मौन

आपको ये बता दें कि ये आंकड़ें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नहीं किए गए हैं, बल्कि एक वकील द्वारा लगाई गई आरटीआई से इस बात का खुलासा हुआ है. वहीं जब इस बारे में पानीपत के डिप्टी सीएमओ नवीन सुनेजा और सीएमओ संतलाल वर्मा से बात कई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया. इसके बाद हमारे संवाददाता ने पानीपत जिला उपायुक्त का रुख किया.

पानीपत में बीते 30 महीनों में 2050 नवजात बच्चों की मौत हुई: RTI

ये बोले जिला उपायुक्त

जिला उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मामला खबरों के माध्यम से उन तक पहुंचा है. उन्होंने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं. इसको लेकर अगर कहीं भी कोई कमी है तो वो जल्द ही हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे और बच्चों की मृत्यु दर को रोकने की हरसंभव कोशिश की जाएगी.

लापरवाही ले रही बच्चों की जान!

पानीपत में नवजात बच्चों की लगातार मौत हो रही है. आरटीआई से जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चिंताजनक हैं. आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानीपत स्वास्थ्य विभाग में किस कदर लापरवाही बरती जा रही है. आलम ये है कि जब ये बात बाहर आई तो डिप्टी सीएमओ और सीएमओ ने कैमरे के सामने बात करने से भी मना कर दिया. हालांकि जिला उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि मृत्यु दर को रोकने की हरसंभव कोशिश की जाएगी.

ये भी पढे़ं- लिंगानुपात के आंकड़ों में पानीपत ने मारी बाजी, रंग लाया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान

पानीपत: जिले में नवजात बच्चों की मौत से सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सवालों के घेरे में आ गई है. नवजात बच्चों की मौत का जो आंकड़ा अब सामने आया है, वो हैरान और परेशान करने वाला है. आंकड़ों की मानें तो बीते 30 महीनों में डिलीवरी के बाद या डिलीवरी के दौरान 2050 बच्चों की मौत हो गई. इसका मतलब ये है कि हर महीने पानीपत में डिलीवरी के दौरान या डिलीवरी के बाद 68 बच्चों की मौत हो रही है.

डिप्टी सीएमओ और सीएमओ मौन

आपको ये बता दें कि ये आंकड़ें स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नहीं किए गए हैं, बल्कि एक वकील द्वारा लगाई गई आरटीआई से इस बात का खुलासा हुआ है. वहीं जब इस बारे में पानीपत के डिप्टी सीएमओ नवीन सुनेजा और सीएमओ संतलाल वर्मा से बात कई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया. इसके बाद हमारे संवाददाता ने पानीपत जिला उपायुक्त का रुख किया.

पानीपत में बीते 30 महीनों में 2050 नवजात बच्चों की मौत हुई: RTI

ये बोले जिला उपायुक्त

जिला उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मामला खबरों के माध्यम से उन तक पहुंचा है. उन्होंने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं. इसको लेकर अगर कहीं भी कोई कमी है तो वो जल्द ही हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे और बच्चों की मृत्यु दर को रोकने की हरसंभव कोशिश की जाएगी.

लापरवाही ले रही बच्चों की जान!

पानीपत में नवजात बच्चों की लगातार मौत हो रही है. आरटीआई से जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चिंताजनक हैं. आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानीपत स्वास्थ्य विभाग में किस कदर लापरवाही बरती जा रही है. आलम ये है कि जब ये बात बाहर आई तो डिप्टी सीएमओ और सीएमओ ने कैमरे के सामने बात करने से भी मना कर दिया. हालांकि जिला उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि मृत्यु दर को रोकने की हरसंभव कोशिश की जाएगी.

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