पंचकूला: केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि संसद में पारित तीन कृषि कानून किसानों के लिए गेम चेंजर साबित होंगे. उन्होंने बताया कि किसानों को चार विकल्प इस बिल से उपलब्ध होंगे. उन्होंने कृषि अध्यादेशों के विधेयकों को कानूनी रूप देने पर देश के राष्ट्रपति का आभार जताया.
मंत्री कटारिया ने कहा कि अब किसान अपनी उपज को मंडी में बेच सकता है इसके अलावा मंडी के बाहर भी बेचने के लिए किसान को विकल्प दिया गया है. उन्होंने कहा कि किसान ट्रेडर्स के साथ फसल बारे कॉन्ट्रैक्ट करके देश के किसी भी क्षेत्र में फसल को भेज सकता है. सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि यह बिल किसानों की आमदनी दोगुनी करने, बिचौलियों से मुक्ति दिलाने तथा टैक्स से भी निजात दिलाने वाले हैं.
फसलों पर एमएसपी जरूर रहेगा- कटारिया
मंत्री ने कहा कि सरकार के लक्ष्य अनुसार अब किसानों की आमदनी दोगुनी होगी और किसान वास्तव में आर्थिक रूप से सशक्त होगा.केंद्रीय राज्य मंत्री सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि विपक्ष एमएसपी को लेकर बखेड़ा कर रहा है. उन्होंने कहा कि एमएसपी अवश्य ही रहेगा और एमएसपी पर धान की फसल खरीदने का कार्य शुरू किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि देश में एमएसपी पर केवल 6 प्रतिशत अनाज ही खरीदा जाता है. यह वर्ष 2015 में शांताकुमार कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट है. सबसे अधिक किसान हरियाणा व पंजाब के हैं जो एमएसपी पर 75 से 80 प्रतिशत तक फसल बेचने का कार्य करते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष कृषि अध्यक्षों का विरोध करके किसानों को बेवजह भड़का रहे हैं. उन्होंने कहा कि संसद में बिल पारित होने के समय विपक्ष स्वास्थ्य जांच को लेकर विदेशों में चले गए.
'हुड्डा, गहलोत, कैप्टन की कमेटी ने ही बिल पर मोहर लगाई'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में तीनों बिल प्रस्तावित किए गए, वहीं इसके अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कमेटी ने बिल पास होने पर मोहर लगाई और अब इसका किस मुंह से विरोध कर रहे हैं.
'कांग्रेस ने अच्छे काम का विरोध करने की कसम खाई है'
केंद्रीय राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि एनडीए चाहे कितना ही अच्छा कार्य कर ले, उसका विरोध करने की कांग्रेस अध्यक्ष सहित सभी ने कसम खाई है. उन्होंने कहा कि 40 करोड़ जनधन खाते खोले गए, जीएसटी पास किया, फ्रांस के साथ समझौता करके राफेल लाए, गरीब महिलाओं के लिए उज्जवल योजना लेकर आए, उन्होंने कहा कि इन सभी का कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया है और अब इन बिलों से किसान के माल की बोली से मुक्ति का विकल्प मिला है.
बिल में किसान के जमीन का जिक्र नहीं
उन्होंने कहा कि यदि कांट्रेक्टर व किसान का झगड़ा भी हो जाता है तो संबंधित एसडीएम उसका निपटारा करेगा, और यदि फिर भी नहीं सुलह होती तो ट्रेडर्स को एमएसपी तो देनी ही पड़ेगी. उन्होंने कहा कि विरोधी जमीन छीनने की बात करते हैं जबकि किसान की जमीन का कोई जिक्र बिलों में नहीं है. तथा कोई भी ताकत किसान को जमीन से बेदखल नहीं कर सकता और भाजपा किसी भी कीमत पर किसानों का बुरा नहीं होने देगी.
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