पंचकूला: पिछले कुछ महीनों में कोरोना वायरस ने दुनिया में जिस कदर तबाही मचाई उससे हम सब वाकिफ है, जैसे तैसे लोगों ने इस महामारी के साथ जीना शुरू किया तो अब बढ़ती बेरोजगारी लोगों की नींद उड़ा रही है. कोरोना की वजह से लागू हुए लॉकडाउन में बड़े से बड़े व्यापार तो ठप हुए ही थे लेकिन अब अनलॉक होने के बाद भी लोगों के लिए रोजी-रोटी कमाने का संकट बढ़ता जा रहा है. हालात ये है कि हर वर्ग मंदी की मार से जूझ रहा है.
मंदिर के बाहर दुकानदारों पर बेरोजगारी का संकट
इस महामारी का असर मंदिरों में होने वाले दान पर तो पड़ा ही है, बल्कि इसका प्रभाव मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद की दुकान चलाने वालों पर भी पड़ा है. पंचकूला के आम मंदिरों के बाहर इक्का-दुक्का दुकान है, जहां फूल और माता का प्रसाद बिक जाता है लेकिन माता मनसा देवी मंदिर के पास बनी प्रसाद की दुकानों पर प्रसाद की बिक्री अब पहले जैसी नहीं रही.
माता मनसा देवी मंदिर परिसर के बाहर करीब 120 से 150 दुकाने हैं. जिनका परिवार मंदिर में चड़ने वाले चढ़ावे पर निर्भर करता है. इन दुकानों में से ज्यादातर दुकानें प्रसाद और ऐसी सामग्री की है जो कि मंदिर में पूजा के काम आती है. मंदिर के बाहर बनी इन दुकानों का हाल देखा जाए तो इन प्रसाद की दुकानों पर ग्राहक नहीं दिखते, क्योंकि माता मनसा देवी मंदिर में बाहर से प्रसाद लेकर जाने पर पाबंदी है.
प्रशासन ने भी प्रसाद खरीदने पर लगा रखी है पाबंदी
दुकानदारों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी लॉकडाउन खत्म होने के बाद मंदिर के बाहर फिर से भक्तों की भीड़ होगी, उनकी दुकान से प्रसाद खरीदा जाएगा और उनकी आमदनी सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी. लॉकडाउन तो खत्म हो गया है लेकिन प्रशासन ने दुकानों से प्रसाद लेने पर पाबंदी लगा रखी है.
दुकानदारों का कहना है कि कोरोना के डर से पहले ही भक्त कम आ रहे है और दूसरी तरफ प्रशासन की पाबंदी से इनका कामकाज बिल्कुल ठप हो गया है. इन दुकानदारों का कहना है कि कोरोना की वजह से कामकाज 0% पर आ गया है, जिससे आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.
उन्होंने बताया कि जिन दुकानदारों की अपनी दुकान है उन्हें फिर भी थोड़ी राहत है, क्योंकि उन्हें किराया नहीं देना पड़ता, जबकि जिसने दुकान किराए पर ली हुई है उसे उधार लेकर काम चलाना पड़ रहा है और दुकानदारों पर कर्जा बढ़ता जा रहा है.
आर्थिक तंगी की मार झेल रहे इन दुकानदारों का कहना है कि वो प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और उन्हें हालात से रुबरु कराएंगे ताकि प्रशासन इनकी समस्या को समझ सके और कोई रास्ता निकाले.
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