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छोटी सी आशा: पंचकूला की तनिका ने बनाए ऐसे पटाखे जिसमें से धुआं नहीं पेड़ निकलेंगे - इको फ्रेंडली दिवाली

तनिका बंसल की मानें तो जब लोग पटाखों के बारे में सोचते हैं, तो जलाना, धुआं निकलना और शोर ही दिमाग में आता है. हमें ये मानसिकता बदलने की जरूरत है कि पटाखों को जलाने की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें अलग-अलग पौधों के रूप में उगाया भी जा सकता है.

tanika bansal of panchkula made seed crackers for diwali
पंचकूला की तनिका ने बनाए खास पटाखे, इन्हें फोड़ने से धुआं नहीं फल और फूल उगेंगे
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Published : Nov 13, 2020, 1:21 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 2:14 PM IST

पंचकूला: एक छोटा सा बदलाव बड़ा परिवर्तन ला सकता है. ये कहना है पंचकूला की तनिका बंसल का, जो इस दिवाली कुछ खास कर रही हैं. तनिका पेशे से इंटीरियर डिजाइनर हैं और इन्होंने दिवाली पर खास बीज वाले पटाखे बनाए हैं. ये पटाखों की शक्ल में पैक किए गए बीज हैं. जो दिखते तो किसी आम पटाखे की तरह हैं, लेकिन ये पटाखे खास हैं क्योंकि इन्हें आप सीधे मिट्टी में बो सकते हैं.

तनिका ने पटाखों के नाम के मुताबिक ही सीड पटाखे बनाए हैं. जिनमें अलग-अलग तरह के बीज भरे गए हैं. जैसे चकरी में फूल के बीज डाले गए हैं, आलू बम में सब्जियों के बीज, फुलझड़ी में फूल के बीज और अनार में अनार के बीज डाले गए हैं. तनिका ने बताया कि उन्होंने पहले सीड पटाखों पर 5 से 6 महीने रिसर्च की. जिसके बाद दो महीने के वक्त में इन सीड पटाखों को तैयार किया गया है.

पंचकूला की तनिका ने बनाए खास पटाखे, इनसे धुआं नहीं होगा, फल और फूल उगेंगे

ये दिवाली इको फ्रेंडली पटाखे वाली

तनिका ने बताया कि उन्हें इस बात का दर्द था कि लोग पॉल्यूशन से मर रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने सोचा कि उनका छोटा सा कदम बढ़ा बदलाव ला सकता है और फिर उन्होंने इसी सोच के साथ सीड्स से पटाखे बनाए हैं. जिस तरह से कोरोना महामारी का दौर चल रहा है और कोरोना महामारी में भी सांस लेने की दिक्कत होती है तो कहीं ना कहीं कोरोना से बचने में भी ये सीड्स वाले पटाखे लोगों की मदद करेंगे.

ये भी पढ़िए: दिवाली पर देश के महानगरों को रौशन करते हैं हरियाणा के दीये, इस साल घटी डिमांड

तनिका के पिता जगदेव बंसल ने बताया कि उनकी बेटी तनिका को बचपन से ही क्रिएटिव चीजे करने का पैशन है. यही वजह है कि वो आए दिन कुछ ना कुछ क्रिएटिव करती रहती है.

अब दिवाली पर नहीं होगा प्रदूषण!

NGT पहले ही बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर समेत तमाम बड़े शहरों में आतिशबाजी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा चुकी है. ऐसे में आप इन सीड पटाखों का इस्तेमाल कर ना सिर्फ दिवाली को पॉल्यूशन फ्री बना सकते हैं बल्कि दिवाली के बाद इन सीड्स को पेड़ में बदलते भी देख सकते हैं.

पंचकूला: एक छोटा सा बदलाव बड़ा परिवर्तन ला सकता है. ये कहना है पंचकूला की तनिका बंसल का, जो इस दिवाली कुछ खास कर रही हैं. तनिका पेशे से इंटीरियर डिजाइनर हैं और इन्होंने दिवाली पर खास बीज वाले पटाखे बनाए हैं. ये पटाखों की शक्ल में पैक किए गए बीज हैं. जो दिखते तो किसी आम पटाखे की तरह हैं, लेकिन ये पटाखे खास हैं क्योंकि इन्हें आप सीधे मिट्टी में बो सकते हैं.

तनिका ने पटाखों के नाम के मुताबिक ही सीड पटाखे बनाए हैं. जिनमें अलग-अलग तरह के बीज भरे गए हैं. जैसे चकरी में फूल के बीज डाले गए हैं, आलू बम में सब्जियों के बीज, फुलझड़ी में फूल के बीज और अनार में अनार के बीज डाले गए हैं. तनिका ने बताया कि उन्होंने पहले सीड पटाखों पर 5 से 6 महीने रिसर्च की. जिसके बाद दो महीने के वक्त में इन सीड पटाखों को तैयार किया गया है.

पंचकूला की तनिका ने बनाए खास पटाखे, इनसे धुआं नहीं होगा, फल और फूल उगेंगे

ये दिवाली इको फ्रेंडली पटाखे वाली

तनिका ने बताया कि उन्हें इस बात का दर्द था कि लोग पॉल्यूशन से मर रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने सोचा कि उनका छोटा सा कदम बढ़ा बदलाव ला सकता है और फिर उन्होंने इसी सोच के साथ सीड्स से पटाखे बनाए हैं. जिस तरह से कोरोना महामारी का दौर चल रहा है और कोरोना महामारी में भी सांस लेने की दिक्कत होती है तो कहीं ना कहीं कोरोना से बचने में भी ये सीड्स वाले पटाखे लोगों की मदद करेंगे.

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तनिका के पिता जगदेव बंसल ने बताया कि उनकी बेटी तनिका को बचपन से ही क्रिएटिव चीजे करने का पैशन है. यही वजह है कि वो आए दिन कुछ ना कुछ क्रिएटिव करती रहती है.

अब दिवाली पर नहीं होगा प्रदूषण!

NGT पहले ही बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर समेत तमाम बड़े शहरों में आतिशबाजी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा चुकी है. ऐसे में आप इन सीड पटाखों का इस्तेमाल कर ना सिर्फ दिवाली को पॉल्यूशन फ्री बना सकते हैं बल्कि दिवाली के बाद इन सीड्स को पेड़ में बदलते भी देख सकते हैं.

Last Updated : Nov 13, 2020, 2:14 PM IST
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