पानीपत: जिल में शुगर मिल को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से बिना अनुमति लिए जमीन से पानी निकालने पर 4.13 करोड़ रुपए का हर्जाना लगाया गया है. एनजीटी के आदेश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम ने जांच के बाद हर्जाना लगाने की सिफारिश की थी. इस राशि से मिल के आसपास भूजल के लेवल को ठीक किया जाएगा. राशि जमा करने के लिए मिल प्रबंधन को लेटर भेज दिया गया.
ये भी पढ़े- पलवल में दुकान का शटर तोड़कर चोरों ने उड़ाया सामान और कैश
कमेटी द्वारा बताया गया कि इस बारे में दो बार रिमाइंडर भी भेज दिया गया है. लैबोरेट्री से मिली रिपोर्ट में एक और बड़े समस्या सामने आई है. कमेटी ने गोहाना रोड संजय कॉलोनी में शहीद रवि कांत कन्या विद्यालय में लगे ट्यूबवेल के पानी की जांच करवाई थी. जिससे पता चला कि टीडीएस तो ज्यादा है लेकिन नाइट्रेट की मात्रा मानक से 2 गुना है. यह चिंता का विषय है.
ये भी पढ़े- कृषि कानूनों के विरोध में FCI दिवस मनाएंगे किसान, मई में करेंगे संसद की तरफ कूच
कमेटी ने आगे बताया कि 15 अप्रैल 2015 से 8 दिसंबर 2020 तक शुगर मिल प्रबंधन ने बिना अनुमति के पानी निकाला जो कि 516683 क्यूबिक मीटर बनता है. नियमों के तहत ₹80 प्रति क्यूबिक मीटर के हिसाब से चार करोड़ 13 लाख 34 हज़ार 640 का हर्जाना बनता है.
इस बारे में 24 दिसंबर 2020 को शुगर मिल के डायरेक्टर डीसी को कमेटी ने लेटर भी भेज दिया था. इसके बाद दो बार रिमाइंडर भी भेजा जा चुका है परंतु अभी तक राशि जमा नहीं करवाई गई.