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पंचकूला के इस गांव में सरकारी बस का अभाव, जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं बच्चे - पंचकूला में सरकारी बस

कालका के गांव मल्लाह के सरकारी स्कूल के बच्चों को पर्याप्त बस सुविधाएं नहीं मिल रही है. बच्चों को घर से स्कूल जाने के लिए सिर्फ एक बस चलती है. जिसमें बच्चे बस से लटक कर जाने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते बच्चे
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Published : Aug 22, 2019, 6:50 PM IST

पंचकूला: कालका के मल्लाह गांव के सरकारी स्कूल के बच्चों को बस की पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. छात्राओं को भी इसी परेशानी से रोजाना दो-चार होना पड़ता है. छात्र-छात्राओं को घर से स्कूल जाने के लिए एक ही बस मिलती है. जिसमें बच्चे जानवरों की तरह ठूंस कर जाने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते बच्चे

एक बस के चलने के कारण बहुत से बच्चों को बस में जगह नहीं मिलती है, जिसके कारण उन्हें कई किलोमीटर तक पैदल जंगल के रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. जिसमें जान तक जाने का जोखिम है. जिस कारण से मल्लाह गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन से स्कूली बच्चों के लिए पर्याप्त बस सुविधा देने की मांग की है.

गांव के निवासी विजय कुमार ने बताया कि मल्लाह स्कूल के बच्चे रोजाना इसी तरह को बस में ठूंस कर जाने को मजबूर हैं. अगर कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. इसलिए वे सरकार और प्रशासन से बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए बस की सुविधा की मांग कर रहे हैं.

पंचकूला: कालका के मल्लाह गांव के सरकारी स्कूल के बच्चों को बस की पर्याप्त सुविधा नहीं मिलने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. छात्राओं को भी इसी परेशानी से रोजाना दो-चार होना पड़ता है. छात्र-छात्राओं को घर से स्कूल जाने के लिए एक ही बस मिलती है. जिसमें बच्चे जानवरों की तरह ठूंस कर जाने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते बच्चे

एक बस के चलने के कारण बहुत से बच्चों को बस में जगह नहीं मिलती है, जिसके कारण उन्हें कई किलोमीटर तक पैदल जंगल के रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. जिसमें जान तक जाने का जोखिम है. जिस कारण से मल्लाह गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन से स्कूली बच्चों के लिए पर्याप्त बस सुविधा देने की मांग की है.

गांव के निवासी विजय कुमार ने बताया कि मल्लाह स्कूल के बच्चे रोजाना इसी तरह को बस में ठूंस कर जाने को मजबूर हैं. अगर कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. इसलिए वे सरकार और प्रशासन से बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए बस की सुविधा की मांग कर रहे हैं.

Intro:कालका रिपोर्टर - जयन्त मोठसरा -22अगस्त2019.

स्कूली बच्चों के लिए नही पर्याप्त बस सुविधा

एंकर - एक तरफ तरफ तो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे बड़े बड़े अभियान चला कर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने के प्रोहत्सान देती है । दूसरी तरफ स्कूलों में पढ़ने वाले उन्ही बच्चों खासकर बेटियों को जब रोजाना पढ़ाई के लिए तकलीफें और समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो सरकार द्वारा उनके लिए कारगर कदम तक नही उठाए जाते और वे समस्याएँ उनके लिए एक पहाड़ का रूप धारण कर लेती है । पिंजौर क्षेत्र के गावँ मल्लाह के सरकारी स्कूल के बच्चे भी रोजाना कुछ इस तरह की समस्या झेलते हुए अपनी पढ़ाई करते है । उन्हें घर से स्कूल आने जाने के लिए पर्याप्त बस सुविधा नही है । केवल मात्र एक बस है जिसमे सभी बच्चे मजबूरन ठूस ठूस कर भर आने जाने को मजबूर हो जाते है । वरना उन्हें कई किलोमीटर तक पैदल जंगल के रास्तों से गुजरना पड़ता है जिसमे जान तक का जोखिम है । मल्लाह गावँ निवासीयों ने प्रशासन से स्कूली बच्चों के लिए पर्याप्त बस सर्विस देने की मांग की ।

वी/ओ - गावँ निवासी विजय कुमार ने बात करते हुए बताया कि मल्लाह स्कूल के बच्चों को रोजाना इस तरह बच्चों को बस में भर कर जाना पड़ता है ऐसे में कोई भी हादसा हो सकता है उसकी जिम्मेवारी किसकी होगी । इसलिए वे सरकार और प्रशासन से बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए सुविधाओं की मांग करते है ।

बाइट- विजय कुमार ( गांववासी मल्लाह )Body:कालका रिपोर्टर - जयन्त मोठसरा -22अगस्त2019.

स्कूली बच्चों के लिए नही पर्याप्त बस सुविधा

एंकर - एक तरफ तरफ तो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे बड़े बड़े अभियान चला कर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने के प्रोहत्सान देती है । दूसरी तरफ स्कूलों में पढ़ने वाले उन्ही बच्चों खासकर बेटियों को जब रोजाना पढ़ाई के लिए तकलीफें और समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो सरकार द्वारा उनके लिए कारगर कदम तक नही उठाए जाते और वे समस्याएँ उनके लिए एक पहाड़ का रूप धारण कर लेती है । पिंजौर क्षेत्र के गावँ मल्लाह के सरकारी स्कूल के बच्चे भी रोजाना कुछ इस तरह की समस्या झेलते हुए अपनी पढ़ाई करते है । उन्हें घर से स्कूल आने जाने के लिए पर्याप्त बस सुविधा नही है । केवल मात्र एक बस है जिसमे सभी बच्चे मजबूरन ठूस ठूस कर भर आने जाने को मजबूर हो जाते है । वरना उन्हें कई किलोमीटर तक पैदल जंगल के रास्तों से गुजरना पड़ता है जिसमे जान तक का जोखिम है । मल्लाह गावँ निवासीयों ने प्रशासन से स्कूली बच्चों के लिए पर्याप्त बस सर्विस देने की मांग की ।

वी/ओ - गावँ निवासी विजय कुमार ने बात करते हुए बताया कि मल्लाह स्कूल के बच्चों को रोजाना इस तरह बच्चों को बस में भर कर जाना पड़ता है ऐसे में कोई भी हादसा हो सकता है उसकी जिम्मेवारी किसकी होगी । इसलिए वे सरकार और प्रशासन से बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए सुविधाओं की मांग करते है ।

बाइट- विजय कुमार ( गांववासी मल्लाह )Conclusion:कालका रिपोर्टर - जयन्त मोठसरा -22अगस्त2019.

स्कूली बच्चों के लिए नही पर्याप्त बस सुविधा

एंकर - एक तरफ तरफ तो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे बड़े बड़े अभियान चला कर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने के प्रोहत्सान देती है । दूसरी तरफ स्कूलों में पढ़ने वाले उन्ही बच्चों खासकर बेटियों को जब रोजाना पढ़ाई के लिए तकलीफें और समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो सरकार द्वारा उनके लिए कारगर कदम तक नही उठाए जाते और वे समस्याएँ उनके लिए एक पहाड़ का रूप धारण कर लेती है । पिंजौर क्षेत्र के गावँ मल्लाह के सरकारी स्कूल के बच्चे भी रोजाना कुछ इस तरह की समस्या झेलते हुए अपनी पढ़ाई करते है । उन्हें घर से स्कूल आने जाने के लिए पर्याप्त बस सुविधा नही है । केवल मात्र एक बस है जिसमे सभी बच्चे मजबूरन ठूस ठूस कर भर आने जाने को मजबूर हो जाते है । वरना उन्हें कई किलोमीटर तक पैदल जंगल के रास्तों से गुजरना पड़ता है जिसमे जान तक का जोखिम है । मल्लाह गावँ निवासीयों ने प्रशासन से स्कूली बच्चों के लिए पर्याप्त बस सर्विस देने की मांग की ।

वी/ओ - गावँ निवासी विजय कुमार ने बात करते हुए बताया कि मल्लाह स्कूल के बच्चों को रोजाना इस तरह बच्चों को बस में भर कर जाना पड़ता है ऐसे में कोई भी हादसा हो सकता है उसकी जिम्मेवारी किसकी होगी । इसलिए वे सरकार और प्रशासन से बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए सुविधाओं की मांग करते है ।

बाइट- विजय कुमार ( गांववासी मल्लाह )
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