पंचकूला: एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की विशेष अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई. आरोपी व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व एजेएल के रिप्रेजेन्टेटिव ईडी कोर्ट में पेश हुए. वहीं आरोपी मोती लाल वोरा स्वास्थ्य ठीक ना होने के चलते हाजिरी माफी पर रहे.
सुनवाई में आज कोई खास कार्रवाई नहीं हुई और आरोपियों की केवल हाजरी लगी. मामले की अगली सुनवाई अब 7 अप्रैल को होगी. बचाव पक्ष वकील अभिषेक राणा ने बताया कि आरोपियों पर चार्ज लगाए जाने को लेकर 7 अप्रैल को बहस शुरू होगी.
क्या है AJL भूखंड आवंटन मामला
बता दें कि पूर्व सीएम हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 64. 93 करोड़ रुपए का प्लॉट एजेएल को 69 लाख 39 हजार रुपये में दे दिया था. परिवर्तन निदेशालय ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को एक भूखंड आवंटन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की थी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत बयान दर्ज किए गए थे.
ईडी की जांच में पाया गया था कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए यह भूखंड पुनः आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को 1982 की दर और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित कर दिया. एजेंसी ने कहा था कि 2005 में इस पुनः आवंटन से एजेएल को अनुचित फायदा हुआ. ईडी के मुताबिक इस भूखंड का बाजार मूल्य 64.93 करोड रुपए था जोकि हुड्डा को 69.39 लाख रुपये में आवंटित कर दिया था.
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