पंचकूला: रंजीत सिंह हत्या मामले (Ranjit Singh murder case) में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट (Special CBI Court Panchkula) ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा (Life imprisonment to Ram Rahim) सुनाई है. इसके साथ की कोर्ट ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 31 लाख रुपये में से आधी राशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी. राम रहीम के अलावा चार और दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
चारों आरोपी 50-50 हजार रुपये कोर्ट में हर्जाने के तौर पर भरेंगे और 50-50 हजार रुपये चारों दोषियों को पीड़ित परिवार को देने होंगे. यानी चार दोषियों को 1-1 लाख रुपये देने होंगे. सीबीआई कोर्ट के जज सुशील गर्ग की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. पंचकूला सीबीआई कोर्ट के फैसले पर रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने संतोष जताया है. जगसीर सिंह ने कहा कि उन्होंने राम रहीम के लिए कोर्ट से सजा-ए-मौत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने जो भी फैसला दिया है. उससे वो और उनका परिवार संतुष्ट है.
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जगसीर ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए. आखिरकार हमें 19 साल बाद इंसाफ मिला. उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट से राम रहीम को फांसी देने की मांग की थी. दरअसल 10 जुलाई, 2002 को डेरे की प्रबंध समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र निवासी रंजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. डेरा प्रमुख राम रहीम को शक था कि रंजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. इसी शक के आधार पर राम रहीम ने रंजीत की हत्या करवाई. पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. 2007 में कोर्ट ने राम रहीम पर आरोप तय किए थे.