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आज मां ब्रह्मचारिणी की हो रही उपासना, जानें कैसे सजाया गया माता मनसा देवी का दरबार

आज नवरात्र का दूसरा दिन है. आज भक्त मां दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की उपासना कर रहे हैं.

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Published : Sep 30, 2019, 8:26 AM IST

आज नवरात्र का दूसरा दिन है

पंचकूला: आज नव दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है. नवरात्र के दूसरे दिन माता मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा. मां के दीदार के लिए सुबह ही लंबी कतार लग गई और पूरा मंदिर परिसर माता के जयकारों से गूंजता रहा.

maa brahmacharini
भक्त मां दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की कर रहे उपासना

16 क्विंटल फूलों से सजा मां का दरबार
माता मनसा देवी मंदिर को फूलों से सजाने वाले कारीगरों का कहना है कि इस बार माता मनसा देवी दरबार सहित अन्य मंदिरों को सजाने के लिए 16 क्विंटल फूल इस्तेमाल किए गए हैं. उन्होंने बताया कि भवन को सजाने के साथ-साथ सभी रास्तों और अन्य मंदिरों को भी फूलों से सजाया गया है.

maa brahmacharini
माता मनसा देवी का दरबार

शिवालिक की पहाड़ियों में है मां का बसेरा
यह मंदिर पंचकूला में शिवालिक की पहाड़ियों में स्थित है और उत्तर भारत में इसे शक्ति की पूजा के रूप में मान्यता देने की पुरानी परंपरा रही है.

मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करना शुभ फलदायी
मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया. छात्रों और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी है, जिनका चंद्रमा कमजोर हो तो उनके लिए मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करना शुभ फलदायी होता है.

मां ब्रह्मचारिणी ने की थी कठोर तपस्या
ब्रह्म का मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना. मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. यही वजह है कि उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला है और देवी ने बाएं हाथ में कमंडल धारण किया है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरुप की पूजा अर्चना करता है उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है. सन्यासियों के लिए देवी की पूजा विशेष रूप से फलदायी है. आइए जानते हैं नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए करें किस मंत्र का जाप और किस तरह करें मां की पूजा अर्चना.

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के लिए पढ़ें ये मंत्र:
या देवी सर्वभू‍तेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
ये भी पढ़ें- नवरात्रि का पहला दिन: देवी दुर्गा के पहले स्वरुप शैलपुत्री का कैसे हुआ नामकरण

पंचकूला: आज नव दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है. नवरात्र के दूसरे दिन माता मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा. मां के दीदार के लिए सुबह ही लंबी कतार लग गई और पूरा मंदिर परिसर माता के जयकारों से गूंजता रहा.

maa brahmacharini
भक्त मां दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की कर रहे उपासना

16 क्विंटल फूलों से सजा मां का दरबार
माता मनसा देवी मंदिर को फूलों से सजाने वाले कारीगरों का कहना है कि इस बार माता मनसा देवी दरबार सहित अन्य मंदिरों को सजाने के लिए 16 क्विंटल फूल इस्तेमाल किए गए हैं. उन्होंने बताया कि भवन को सजाने के साथ-साथ सभी रास्तों और अन्य मंदिरों को भी फूलों से सजाया गया है.

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माता मनसा देवी का दरबार

शिवालिक की पहाड़ियों में है मां का बसेरा
यह मंदिर पंचकूला में शिवालिक की पहाड़ियों में स्थित है और उत्तर भारत में इसे शक्ति की पूजा के रूप में मान्यता देने की पुरानी परंपरा रही है.

मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करना शुभ फलदायी
मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया. छात्रों और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी है, जिनका चंद्रमा कमजोर हो तो उनके लिए मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करना शुभ फलदायी होता है.

मां ब्रह्मचारिणी ने की थी कठोर तपस्या
ब्रह्म का मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना. मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. यही वजह है कि उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला है और देवी ने बाएं हाथ में कमंडल धारण किया है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरुप की पूजा अर्चना करता है उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है. सन्यासियों के लिए देवी की पूजा विशेष रूप से फलदायी है. आइए जानते हैं नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए करें किस मंत्र का जाप और किस तरह करें मां की पूजा अर्चना.

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के लिए पढ़ें ये मंत्र:
या देवी सर्वभू‍तेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
ये भी पढ़ें- नवरात्रि का पहला दिन: देवी दुर्गा के पहले स्वरुप शैलपुत्री का कैसे हुआ नामकरण

Intro:मान्यता को लेकर पुजारी के साथ one 2 one और एक बाइट अटैच्ड है।

माता मनसा देवी शक्ति पीठ में इस बार अश्विन नवरात्रों के अवसर पर माता मनसा देवी के मंदिर को भारी भरकम फूलों से सजाया जाएगा। काबलीयजिगर की बात है कि इस बार पूरे माता मनसा देवी के भवन को सजाने के लिए 16 क्विंटल फूल इस्तेमाल में लाए जाएंगे। वही कल रविवार को अश्विन नवरात्रि शुरू हो रहे हैं और इसी की तैयारी में मंदिर परिसर के सभी सदस्य लगे हुए हैं।


Body:माता मनसा देवी मंदिर को फूलों से सजाने वाले कारीगरों का कहना है कि इस बार माता मनसा देवी दरबार सहित अन्य मंदिरों को सजाने के लिए 16 क्विंटल फूल इस्तेमाल में लाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भवन को सजाने के साथ-साथ सभी रास्तों व अन्य मंदिरों को भी फूलों से सजाया जाएगा। आपको बता दें कि पंचकूला स्थित माता मनसा देवी का ऐतिहासिक मंदिर बहुत ही पुरातन कथा है जहां माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और माता मनसा देवी की पिंडियां है। नवरात्रों में माता के दर्शन करने श्रद्धालु विभिन्न राज्यों व देशों से आते हैं और माता के चरणों में माथा टेक श्रद्धालु माता मनसा देवी के आशीवार्द से अपनी झोली भरते हैं।




Conclusion:इस बार अश्विन नवरात्र पर माथा टेकने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए माता मनसा देवी पूजा बोल द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं। अश्विन के यह नवरात्रे कल रविवार से आरंभ होंगे और अगले सप्ताह रविवार को संपन्न होंगे।

बाइट - आशीष, कारीगर।

मान्यता को लेकर पुजारी के साथ one 2 one.....
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