पंचकूला: पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर में हुई आगजनी मामले में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई में सभी आरोपी पेश हुए. वहीं कोर्ट ने एक आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया है.
एक आरोपी भगोड़ा घोषित
जिस आरोपी को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है उसका नाम प्रदीप है. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी. बचाव पक्ष के वकील अभिषेक राणा ने बताया कि आरोपी ने जमानत के लिए जमानती के फर्जी दस्तावेज कोर्ट में दिए थे जिसके चलते उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है.
26 नवंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
वकील अभिषेक राणा ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी और उसी दिन आरोपियों पर तय किए गए चार्ज पर बहस हो सकती है. आपको बता दें कि साल 2016 में जाट आंदोलन के दौरान रोहतक सेक्टर-14 स्थित कैप्टन अभिमन्यु की कोठी पर आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी.
केस की जांच स्थानीय पुलिस से लेकर सीबीआई के हवाले की गई थी. सितंबर, 2017 में पंचकूला स्पेशल कोर्ट ने कैप्टन अभिमन्यु की कोठी मामले में एक ओर जहां प्रदीप सिंह, मोहिंद्र सिंह, राहुल कुमार, जगबीर सिंह, नरिंद्र सिंह और जोगिंद्र सिंह की जमानत याचिकाएं मंजूर की थीं, वहीं दूसरी ओर सुदीप कलकल, मनोज दून, संदीप उमर व अभिषेक सिंह की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं.
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जाट आंदोलन के दौरान हुई थी आगजनी
बता दें कि जाट आंदोलन के दौरान रोहतक में 19 और 20 फरवरी को कैप्टन अभिमन्यु के घर पर आगजनी, डकैती, दंगे का मामला सामने आया था. हरियाणा पुलिस ने इस बारे में 27 फरवरी 2016 को अरबन स्टेट पुलिस थाने में मामला दर्ज किया था. हरियाणा में साल 2016 में फरवरी महीने के दौरान जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जाट आरक्षण की मांग लेकर जसिया में विशाल धरना किया गया और यही धरना बाद में हिंसक हो गया था.
अभिमन्यु के घर हुई थी आगजनी
इस दौरान रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद समेत प्रदेश के कई इलाकों में हिंसा और आंदोलन हुए. इसी हिंसा में 19 फरवरी को रोहतक में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी हुई थी. जिस वक्त आगजनी हुई, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के परिजन घर पर ही मौजूद थे. उन्होंने वहां से भागकर मुश्किल से अपनी जान बचाई थी.