पंचकूलाः मानेसर लैंड डील घोटाला मामले में आज पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई में मुख्य आरोपी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान आज आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर बहस जारी होनी थी जो कि नहीं हो सकी.
इस कारण जारी नहीं हो सकी बहस
बचाव पक्ष वकील एस पी एस परमार ने बताया कि सुनवाई में आज आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर बहस नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि मामले में दो आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर बहस होनी थी लेकिन दो आरोपियों में से एक आरोपी के वकील के पिता की मौत हो गई थी, जिसके चलते वो वकील कोर्ट में नहीं आया. जिसके चलते दोनों आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर बहस नहीं हो सकी.
वकील एस पी एस परमार ने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी. 16 जनवरी को आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर बहस जारी रहेगी.
क्या है मानेसर लैंड डील मामला?
27 अगस्त 2004 को तत्कालीन इनेलो सरकार ने गुरुग्राम जिले के गांव मानेसर, नवरंगपुर और लखनौला में 912 एकड़ जमीन पर आईएमटी बनाने के लिए सेक्शन-4 का नोटिस जारी किया था. लेकिन इसके बाद आई तत्कालीन कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने आईएमटी को 25 अगस्त 2005 को रद्द कर सेक्शन-6 का नोटिस जारी कर दिया.
जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा 25 लाख रुपए तय हुआ था. सरकार ने अवार्ड के लिए सेक्शन-9 का नोटिस भी जारी कर दिया लेकिन इससे पहले बिल्डर्स ने किसानों को अधिग्रहण का डर दिखाकर 400 एकड़ जमीन औने-पौने दामों में खरीद ली.
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डेढ़ हजार करोड़ का हुआ था नुकसान
बाद में हुड्डा सरकार ने 2007 में बिल्डर्स की 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त कर दी. माना जाता है कि इससे किसानों को करीबन डेढ़ हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. मानेसर जमीन घोटाले में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा 34 अन्य के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को केस दर्ज किया था. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.