पंचकूला: कोरोना महामारी का असर पंचकूला के माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड पर भी पड़ा है. महामारी से पहले सैंकड़ों श्रद्धालु माता मनसा देवी के दर्शन करने आते थे, लेकिन अब नाम मात्र के ही लोग मंदिर आ रहे हैं. इसका इसर मंदिर की दान राशि पर भी पड़ा है. वैसे तो बोर्ड ने 4500 श्रद्धालुओं के आने की व्यवस्था की है. लेकिन अभी मंदिर में 700 से 1200 के बीच ही लोग मंदिर में आ रहे हैं. इसकी बड़ी वजह है लोगों में कोरोना का डर.
मंदिरों में श्रद्धालुओं की कमी का असर मंदिर की दान राशि पर भी पड़ा है. जनवरी से मई तक इस बार माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के पास सिर्फ 1 करोड़ 62 लाख दान आया है, जबकि साल 2019 में इन्हीं 5 महीनों में 9 करोड़ रुपये का दान आया था. पहले रविवार को 1 लाख के करीब लोग माता के दर्शन के लिए आते थे.
अब सिर्फ 700 से 800 लोग की रविवार को मंदिर पहुंच रहे हैं. खुद श्रद्धालुओं ने भी माना कि कोरोना की वजह से वो जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. हालांकि मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रिनिंग और सैनिजाइर की पूरी व्यवस्था है. फिर भी कम ही लोग मंदिर आ रहे हैं. बोर्ड की तरफ से पूरे इंतजाम किए गए हैं.
अनलॉक में मंदिर खुलने के बाद से श्रद्धालुओं को ना तो चुन्नी, चरणामत दिया जा रहा है और ना ही प्रसाद, श्रद्धालुओं को मंदिर में आने से पहले ऑनलाइन बुकिंग करवानी होती है. जिसके बाद ही वो दर्शन के लिए आ सकते हैं. अगर कोई अचानक से बिना ऑनलाइन बुकिंग करवाए आता है. तो उसे भी दर्शन करने से रोका नहीं जा रहा.
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माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एमएस यादव ने बताया कि कोरोना महामारी से पहले सैंकड़ों लोग माता मनसा देवी के दर्शन करने आते थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते माता के कपाट बन्द कर दिए गए थे. जिसके बाद फिर से श्रद्धालुओं के लिए माता के कपाट खोले गए और केवल 4500 श्रद्धालुओं के रोज़ आने का प्रबंध माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की ओर से किया गया. मौजूदा समय में 700 से लेकर 1200 के करीब श्रद्धालु रोज माता के दर्शन करने आ रहे हैं.