पंचकूला: पिंजौर और कालका को पंचकूला नगर निगम से अलग करके नगर परिषद बना दिया गया है. हरियाणा कैबिनेट की बैठक में ये फैसला किया गया. लंबे समय से स्थानीय निवासी और राजनेता पिंजौर और कालका को अलग से नगर परिषद बनाने की मांग कर रहे थे.
स्थानीय लोगों की इस मांग पर हरियाणा सरकार ने मुहर लगा दी है. हरियाणा कैबिनेट के इस फैसले पर जेजेपी के पंचकूला ग्रामीण अध्यक्ष भाग सिंह दमदमा ने खुशी जाहिर की. भाग सिंह के मुताबिक कैबिनेट के इस फैसले से पिंजौर और कालका के विकास में तेजी आएगी. सरकार का ये फैसला मील का पत्थर साबित होगा.
जननायक जनता पार्टी के अर्बन पंचकूला अध्यक्ष ओपी सिहाग ने भी हरियाणा कैबिनेट के इस फैसले का स्वागत किया है. ओपी सिहाग ने कहा कि नगर निगम पंचकूला 2010 में डिक्लेअर हुआ था और 2013 में इसके लिए चुनाव हुए थे. जब पंचकूला नगर निगम का गठन हुआ तब इसके साथ कालका और पिंजौर को जोड़ा गया. जो एक गलत फैसला था. ओपी सिहाग ने कहा कि पिंजौर-कालका में नगर परिषद बनने से इस क्षेत्र का विकास पहले से ज्यादा होगा.
पूर्व विधायक लतिका शर्मा ने भी कैबिनेट के इस फैसले का समर्थन किया और कहा कि इससे कालका विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी आएगी. लतिका शर्मा ने कहा कि कालका को परिषद बनवाने में जो उनका संघर्ष था वो पूरा हो गया है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज का आभार जताया.
अभय चौटाला ने उठाए सवाल
एक तरफ सत्ता पक्ष कैबिनेट के इस फैसले का स्वागत कर रहा है तो दूसरी तरफ विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रहा है. इेनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कैबिनेट के इस फैसले से जनता को फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा. अभय चौटाला ने कहा कि गांव की पंचायतों को मिलने वाले विकास कार्यों के पैसों से सरकार अब पिंजौर-कालका के छोटे-बड़े काम करवाएगी, क्योंकि सरकार के पास विकास कार्यों के लिए पैसे नहीं है.
इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि पहले भी कांग्रेस के समय में पंचकूला, पिंजौर, कालका को मिलाकर कमिश्नरी बनाई गई थी. उसको वापस खत्म करना पड़ा था. क्योंकि उस वक्त बीजेपी ने इसका विरोध किया था. आज वही बीजेपी पंचकूला, कालका, पिंजौर को अलग कर कालका-पिंजौर नगर परिषद बनाने में लगी है.
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बता दें कि नगर निगम पंचकूला का गठन साल 2010 में हुआ था. गठन के वक्त पिंजौर और कालका को भी पंचकूला नगर निगम में शामिल किया गया था. स्थानीय लोग तब से पिंजौर और कालका को नगर परिषद का दर्जा देने की मांग कर रहे थे. स्थानीयों के मुताबिक पिजौंर या कालका से पंचकूला के बीच टोल पड़ता है. जिससे पंचकूला से उनकी क्नेक्टिविटी सही नहीं हो पाती. फिलहाल हरियाणा कैबिनेट ने इसको मंजूरी दे दी है. हालांकि अभी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है.