पंचकूला: गाय को लेकर देश और प्रदेश में खूब राजनीतिक रोटियां सेंकी जाती हैं. कुछ सियासी दलों के लिए गाय चुनाव जीत का एक अहम मुद्दा है. हरियाणा सरकार भी गाय की सुरक्षा को लेकर खूब राजनीति करती है. गाय और गोवंशों की रक्षा के लिए गौ रक्षक दल भी बनाए गए हैं. जो गोवंशों की तस्करी को रोकते हैं. गौकशी को रोकने के लिए मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने कानून भी बना रखे हैं, लेकिन कानून बनने से अगर जमीनी हालात बदल जाते तो पंचकूला से ऐसी तस्वीर कभी सामने नहीं आती.
दरअसल पंचकूला के माता मनसा देवी गौशाला में पिछले 24 घंटों के अंदर 70 से ज्यादा गायों की मौत का मामला सामने आया है. वहीं करीब 30 से ज्यादा गाय घायल बताई जा रही हैं. कुल कितने गायों की मौत हुई है. इसकी फिलहाल अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
मृत गायों के मिलने पर मौके पर गौशाला के लोगों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी. जिसके बाद पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची. बड़ी संख्या में गायों की मौत होने का कारण प्रथम दृष्टि से फूड प्वाइजनिंग बताया जा रहा है. हालांकि गायों की मौत का सही कारण पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा.
गौशाला में पहुंच कर पशु चिकित्सकों की टीम डॉक्टर अनिल की निगरानी में मामले की जांच कर रही है और ये पता लगाने में लगी है कि आखिरकार गायों की मौत फूड पॉइजनिंग से ही हुई या फिर किसी और कारण से. फिलहाल मृतक गायों के शवों को उठाने का कार्य जारी और घायल गायों का इलाज किया जा रहा है.
बता दें कि, करीब दो महीने पहले भी पंचकूला के अलग-अलग गौशालाओं में दर्जनों गायों की फूड प्वाइजनिंग से मौत हुई थी और उस समय बताया गया था कि गायों के लिए जो बाजरा खाने के लिए लाया गया था. उस बाजरे को खाने के कारण गायों की मौत हुई थी.
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