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पलवल में इलाज के दौरान शख्स की मौत, थानेदार और सिपाही पर मारपीट का आरोप

पलवल में तीन अप्रैल को पुलिस अधिकारी और उसके भतीजे सिपाही नरेंद्र पर शख्स से मारपीट का आरोप लगा था. जिसके बाद सुरेंद्र नाम का शख्स घायल हो गया था. मंगलवार के सुरेंद्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

young man death in palwal
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Published : Apr 26, 2023, 5:42 PM IST

पलवल: नूंह में तैनात पुलिस अधिकारी विरेंद्र रावत और उसके भतीजे सिपाही नरेंद्र ने तीन अप्रैल को 55 साल के सुंदर को बेरहमी से पीटा था. मारपीट में घायल सुंदर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जिससे गुस्साए सुरेंद्र के परिजनों और ग्रामीणों ने बहीन थाने के सामने मृतक के शव को रखकर धरना प्रदर्शन किया. पीड़ित पक्ष के लोगों ने आरोपी थानेदार विरेंद्र रावत उसके भतीजे सिपाही नरेंद्र की गिरफ्तारी की मांग की. धरने की सूचना मिलते ही डीएसपी रतनदीप बाली भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पीड़ितों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन देकर शांत करवाया.

खबर है कि 29 मार्च को पहाड़ी का रहने वाला सतीश अपनी माता श्यामवती का अस्पताल से इलाज कराकर घर लाया था. सतीश का घर हरियाणा पुलिस नूंह में तैनात निरीक्षक विरेंद्र के घर के पास है. विरेंद्र रावत पहाड़ी गांव का रहने वाला है. पीड़ित पक्ष के राजबीर ने बताया कि रात को करीब साढ़े नौ बजे थानेदार विरेंद्र और उसके परिजन घर में तेज आवाज से डीजे बजा रहे थे. जिससे परेशान सतीश ने पुलिस अधिकारी विरेंद्र रावत को अपनी बीमार मां के बारे में बताया और डीजे की आवाज कम करने की मांग की, लेकिन विरेंदर ने ऐसा करने के मना कर दिया. जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई.

राजबीर ने बताया कि थानेदार विरेंद्र रावत, मानसिंह और श्यामबीर उर्फ राहुल ने चार से पांच लोगों ने उनके तथा परिवार के साथ मारपीट की. जिसमें सुंदर घायल होगा. पीड़ित परिजनों ने 31 मार्च को बहीन पुलिस थाना में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. इसी बात से दुखी होकर विरेंद्र रावत के परिजनों ने साजबाज होकर तीन अप्रैल की रात को साढ़े नौ बजे फिर से उनके घर पर हमला कर दिया. विरेंद्र रावत व नरेंद्र सहित उसके परिवार के 13 लोगों ने बदला लेने की नीयत से हमला कर राजबीर के परिवार वालों पर हमला कर दिया.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में विदेश भेजने के नाम पर बड़ी ठगी, दो आरोपियों ने मिलकर ऐसे रची साजिश, एक गिरफ्तार

लाठी डंडों, फारसा और हथौड़े से उन्हों ने सुंदर पर हमला किया और फरार हो गए. इस हमले में सुदंर गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसे इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया. परिजनों ने की शिकायत पर 13 लोगों के खिलाफ 6 अप्रैल को पुलिस ने मामला दर्ज किया. मंगलवार को इलाज के दौरान सुंदर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पीड़ित पक्ष का आरोप था कि आरोपी पक्ष ने 17 अप्रैल को उनके 18 लोगों के खिलाफ बहीन थाने में केस दर्ज करा दिया. इस बारे में डीएसपी रतन दीप बाली का कहना है कि 3 अप्रैल को हुए झगड़े के मामले में नामजद केस में 302 की धारा जोड़ दी गई है तथा आरोपियों की तलाश जारी है.

पलवल: नूंह में तैनात पुलिस अधिकारी विरेंद्र रावत और उसके भतीजे सिपाही नरेंद्र ने तीन अप्रैल को 55 साल के सुंदर को बेरहमी से पीटा था. मारपीट में घायल सुंदर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जिससे गुस्साए सुरेंद्र के परिजनों और ग्रामीणों ने बहीन थाने के सामने मृतक के शव को रखकर धरना प्रदर्शन किया. पीड़ित पक्ष के लोगों ने आरोपी थानेदार विरेंद्र रावत उसके भतीजे सिपाही नरेंद्र की गिरफ्तारी की मांग की. धरने की सूचना मिलते ही डीएसपी रतनदीप बाली भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पीड़ितों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन देकर शांत करवाया.

खबर है कि 29 मार्च को पहाड़ी का रहने वाला सतीश अपनी माता श्यामवती का अस्पताल से इलाज कराकर घर लाया था. सतीश का घर हरियाणा पुलिस नूंह में तैनात निरीक्षक विरेंद्र के घर के पास है. विरेंद्र रावत पहाड़ी गांव का रहने वाला है. पीड़ित पक्ष के राजबीर ने बताया कि रात को करीब साढ़े नौ बजे थानेदार विरेंद्र और उसके परिजन घर में तेज आवाज से डीजे बजा रहे थे. जिससे परेशान सतीश ने पुलिस अधिकारी विरेंद्र रावत को अपनी बीमार मां के बारे में बताया और डीजे की आवाज कम करने की मांग की, लेकिन विरेंदर ने ऐसा करने के मना कर दिया. जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई.

राजबीर ने बताया कि थानेदार विरेंद्र रावत, मानसिंह और श्यामबीर उर्फ राहुल ने चार से पांच लोगों ने उनके तथा परिवार के साथ मारपीट की. जिसमें सुंदर घायल होगा. पीड़ित परिजनों ने 31 मार्च को बहीन पुलिस थाना में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया. इसी बात से दुखी होकर विरेंद्र रावत के परिजनों ने साजबाज होकर तीन अप्रैल की रात को साढ़े नौ बजे फिर से उनके घर पर हमला कर दिया. विरेंद्र रावत व नरेंद्र सहित उसके परिवार के 13 लोगों ने बदला लेने की नीयत से हमला कर राजबीर के परिवार वालों पर हमला कर दिया.

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लाठी डंडों, फारसा और हथौड़े से उन्हों ने सुंदर पर हमला किया और फरार हो गए. इस हमले में सुदंर गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसे इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया. परिजनों ने की शिकायत पर 13 लोगों के खिलाफ 6 अप्रैल को पुलिस ने मामला दर्ज किया. मंगलवार को इलाज के दौरान सुंदर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पीड़ित पक्ष का आरोप था कि आरोपी पक्ष ने 17 अप्रैल को उनके 18 लोगों के खिलाफ बहीन थाने में केस दर्ज करा दिया. इस बारे में डीएसपी रतन दीप बाली का कहना है कि 3 अप्रैल को हुए झगड़े के मामले में नामजद केस में 302 की धारा जोड़ दी गई है तथा आरोपियों की तलाश जारी है.

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