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6 से 14 वर्ष तक के शिक्षा से वंचित बच्चों को मिलेगा दोबारा मौका, सरकार ने ये उठाया ये कदम

प्रदेश में 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को दोबारा से शिक्षा की मुख्य धारा के साथ जोड़ा जाएगा. जो बच्चें इस उम्र में शिक्षा से वंचित रह गए हैं उनके लिए सरकार ने ये कदम उठाया है. इस अभियान के तहत करीब 20 हजार बच्चों को लाभ मिलेगा.

samagr siksha abhiyan for 6 and 14 years children in palwal
शिक्षा
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Published : Jan 16, 2020, 6:55 PM IST

पलवल: अगर किसी भी समाज को सभ्य बनाना हो तो वहां शिक्षा का फैलाव कर दीजिए. ऐसा ही अथक प्रयास हरियाणा सरकार कर रही है. प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग ने शिक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है. जो बच्चे शिक्षा से वंचित रह गए है उनकों शिक्षा के साथ दोबारा जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया है.

शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार ने चलाया अभियान

इसमें 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को समग्र शिक्षा अभियान के अंर्तगत दोबारा से मुख्य धारा के साथ जोडऩे का कार्य किया जाएगा. शिक्षा परियोजना परिषद के सलाहकार अमीचंद ने पलवल में इस योजना को लेकर औचक निरीक्षण किया और इस योजना से जुड़े हुए शिक्षकों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि पलवल जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत बेहत्तर कार्य किया जा रहा है.

6 से 14 वर्ष तक के वंचित बच्चों को मिलेगा दोबारा मौका, देखें वीडियो

शिक्षा वंचित बच्चों को मिलेगा दोबारा अवसर

इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल, जिला परियोजना अधिकारी हुक्मचंद भी मौजूद थे. अमीचंद ने बताया कि आर्थिक कारणों के चलते कई बार इस वर्ष तक की आयु के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है. शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत सरकार की यह कोशिश है कि 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहे.

करीब 20 हजार बच्चें उठा रहे हैं इसका फायदा

इन बच्चों को स्कूल में लाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से चार हजार रुपये और राज्य सरकार की तरफ से दो हजार रुपये दिए जाते हैं. ये राशि बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाती है. योजना के तहत बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए अध्यापक उपलब्ध करवाऐ जाते हैं. जिनकों 9 हजार रुपये प्रति माह प्रदान किया जाता है. आपको बता दें कि प्रदेश भर में 19 हजार 505 बच्चें इस योजना का लाभ उठा रहे है, जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं.

इसको लेकर सर्वे भी किया जाएगा

गुरुग्राम में करीब 7 हजार बच्चे और मेवात में लगभग 6 हजार बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. पलवल जिले में 1600 बच्चों को योजना में शामिल किया गया है. वर्ष 2020 में पलवल जिले में लगभग ढाई हजार से तीन हजार बच्चों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए जल्द ही एक सर्वे किया जाएगा.

ये भी जाने- बीजेपी हाईकमान तक पहुंचा सीआईडी को लेकर सीएम और गृहमंत्री के बीच खींचतान का मामला

हुक्मचंद ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंर्तगत पलवल जिले में विभिन्न स्थानों पर 59 केंद्र चलाए जा रहे हैं. जो बच्चे विभिन्न कारणों से स्कूल नहीं जा पाते उनके माता पिता से संर्पक कर उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है और शिक्षा से वंचित रह गए बच्चों को दोबारा से समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का कार्य किया जा रहा है. सरकार की इस योजना का लाभ देने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से अथक प्रयास किए जा रहे है.

पलवल: अगर किसी भी समाज को सभ्य बनाना हो तो वहां शिक्षा का फैलाव कर दीजिए. ऐसा ही अथक प्रयास हरियाणा सरकार कर रही है. प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग ने शिक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है. जो बच्चे शिक्षा से वंचित रह गए है उनकों शिक्षा के साथ दोबारा जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया है.

शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार ने चलाया अभियान

इसमें 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को समग्र शिक्षा अभियान के अंर्तगत दोबारा से मुख्य धारा के साथ जोडऩे का कार्य किया जाएगा. शिक्षा परियोजना परिषद के सलाहकार अमीचंद ने पलवल में इस योजना को लेकर औचक निरीक्षण किया और इस योजना से जुड़े हुए शिक्षकों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि पलवल जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत बेहत्तर कार्य किया जा रहा है.

6 से 14 वर्ष तक के वंचित बच्चों को मिलेगा दोबारा मौका, देखें वीडियो

शिक्षा वंचित बच्चों को मिलेगा दोबारा अवसर

इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल, जिला परियोजना अधिकारी हुक्मचंद भी मौजूद थे. अमीचंद ने बताया कि आर्थिक कारणों के चलते कई बार इस वर्ष तक की आयु के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है. शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत सरकार की यह कोशिश है कि 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहे.

करीब 20 हजार बच्चें उठा रहे हैं इसका फायदा

इन बच्चों को स्कूल में लाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से चार हजार रुपये और राज्य सरकार की तरफ से दो हजार रुपये दिए जाते हैं. ये राशि बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाती है. योजना के तहत बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए अध्यापक उपलब्ध करवाऐ जाते हैं. जिनकों 9 हजार रुपये प्रति माह प्रदान किया जाता है. आपको बता दें कि प्रदेश भर में 19 हजार 505 बच्चें इस योजना का लाभ उठा रहे है, जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं.

इसको लेकर सर्वे भी किया जाएगा

गुरुग्राम में करीब 7 हजार बच्चे और मेवात में लगभग 6 हजार बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है. पलवल जिले में 1600 बच्चों को योजना में शामिल किया गया है. वर्ष 2020 में पलवल जिले में लगभग ढाई हजार से तीन हजार बच्चों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए जल्द ही एक सर्वे किया जाएगा.

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हुक्मचंद ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंर्तगत पलवल जिले में विभिन्न स्थानों पर 59 केंद्र चलाए जा रहे हैं. जो बच्चे विभिन्न कारणों से स्कूल नहीं जा पाते उनके माता पिता से संर्पक कर उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है और शिक्षा से वंचित रह गए बच्चों को दोबारा से समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का कार्य किया जा रहा है. सरकार की इस योजना का लाभ देने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से अथक प्रयास किए जा रहे है.

Intro:
एंकर : पलवल, शिक्षा से वंचित रह गए 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को समग्र शिक्षा अभियान के अंर्तगत दोबारा से मुख्य धारा के साथ जोडऩे का कार्य किया जाएगा। शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के सलाहकार अमीचंद ने आज पलवल में इस योजना को लेकर औचक निरीक्षण किया और योजना से जुड़े हुए शिक्षकों से बातचीत की । उन्होंने कहा कि पलवल जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत बेहत्तर कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल, जिला परियोजना अधिकारी हुक्मचंद भी मौजूद थे। Body:वीओं : शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के सलाहकार अमीचंद ने बताया कि आर्थिक कारणों के चलते कई बार 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है। शिक्षा के अधिकार के नियम के तहत सरकार की यह कोशिश है कि 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहे। इन बच्चों को स्कूल में लाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से चार हजार रूपए व राज्य सरकार की तरफ से दो हजार रूपए प्रदान किए जाते है। यह राशी बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाती है। योजना के तहत बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए टीचर उपलब्ध करवाऐ जाते है। जिनकों 9 हजार रूपए प्रति माह प्रदान किया जाता है। प्रदेश भर में 19 हजार 505 पर इस योजना का लाभ उठा रहे है। जिसमें लडक़े व लड़कियां शामिल है। गुरूग्राम में करीब 7 हजार बच्चे व मेवात में लगभग 6 हजार बच्चों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। पलवल जिले में 1600 बच्चों को योजना में शामिल किया गया है। वर्ष 2020 में पलवल जिले में लगभग ढाई हजार से 3 हजार बच्चों को इस योजना में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए जल्द ही एक सर्वे किया जाएगा।

बाइट : अमीचंद सलाहकार शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला फाइल नं 2

वीओं : जिला परियोजना अधिकारी हुक्मचंद ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंर्तगत पलवल जिले में विभिन्न स्थानों पर 59 केंद्र चलाए जा रहे है। जो बच्चे विभिन्न कारणों से स्कूल नहीं जा पाते उनके माता पिता से संर्पक कर उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है और शिक्षा से वंचित रह गए बच्चों को दोबारा से समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का कार्य किया जा रहा है। सरकार की इस योजना का लाभ देने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से अथक प्रयास किए जा रहे है।

बाइट : हुक्म चंद परियोजना अधिकारी पलवल फाइल नं 3Conclusion:शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के सलाहकार अमीचंद ने आज पलवल में इस योजना को लेकर औचक निरीक्षण किया
योजना से जुड़े हुए शिक्षकों से बातचीत की । उन्होंने कहा कि पलवल जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत बेहत्तर कार्य किया जा रहा है।
शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के सलाहकार अमीचंद ने बताया कि आर्थिक कारणों के चलते कई बार 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है।
नियम के तहत सरकार की यह कोशिश है कि 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की आयु का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहे।
प्रदेश भर में 19 हजार 505 पर इस योजना का लाभ उठा रहे है।
समग्र शिक्षा अभियान के अंर्तगत पलवल जिले में विभिन्न स्थानों पर 59 केंद्र चलाए जा रहे है।
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