पलवल: आठ दिन बाद भारतीय वायुसेना (Indian Air force) के लापता एएन-32 (AN-32) विमान का मलबा मिला. AN-32 विमान का मलबा अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिला है. इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है. इस सूचना के मिलते ही लापता पायलट पलवल निवासी आशीष तंवर के परिजनों ने वायु सेना से संपर्क साधा.
आशीष के परिजनों ने कहा कि वायु सेना ने केवल अभी मलबे की पुष्टि की है. आशीष और बाकी यात्रियों की की जानकारी नहीं दी गई है. एयरफोर्स की तरफ से बस इतनी ही जानकारी दी गई है. परिजनों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है अभी सभी यात्री सुरक्षित हैं. वो मोबाइल और दूसरे माध्यमों से खबरों के जरिए भी सूचना इकट्ठी कर रहे हैं.
कैसे टूटा था विमान से संपर्क
- एएन-32 विमान ने 3 जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरी, इसमें क्रू मेंबर समेत 13 यात्री थे.
- अरुणाचल की मेनचुका एयर फील्ड से उड़ान भरते वक्त विमान का संपर्क टूटा था, यह इलाका चीन सीमा के पास है.
एमआई-17 ने खोजा है मलबा
वायुसेना के हेलिकॉप्टर एमआई-17 ने टाटो के उत्तरपूर्व इलाके में करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर इसका मलबा देखा. हालांकि खोज अभियाना में एएन-32 विमान की तलाश नौसेना के टोही विमान पी-8आई और इसरो के सैटेलाइट के जरिए भी की गई. जंगल काफी घना होने की वजह से पी-8आई एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया. यह विमान इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड सेंसर्स से लैस है. इसमें बेहद शक्तिशाली सिंथेटिक अपर्चर राडार (एसएआर) लगे हैं.
एएन-32 के बारे में जानें
- रूस निर्मित एएन-32 (AN-32) परिवहन विमान को 1986 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था.
- वर्तमान में, भारतीय वायुसेना 105 विमानों को संचालित करती है जो ऊंचे क्षेत्रों में भारतीय सैनिकों को लैस करने और स्टॉक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमें चीनी सीमा भी शामिल है.
- 2009 में भारत ने 400 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट यूक्रेन के साथ किया था, जिसमें AN-32 की ऑपरेशन लाइफ को अपग्रेड और एक्सटेंड करने की बात कही गई थी.
- अपग्रेड किया गया एएन-32 आरई एयरक्राफ्ट 46 में 2 कॉन्टेमपररी इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर्स शामिल किए गए हैं. लेकिन एएन-32 को अब तक अपग्रेड नहीं किया गया था.