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9 दिन बाद शुरू हुई पलवल शुगर मिल, किसानों को प्रत्येक ट्रॉली एक हजार रुपये का नुकसान, बोले- सरकार नहीं दे रही ध्यान

मशीनों में आई तकनीकी खराबी के ठीक होने के बाद बीती शाम से पलवल शुगर मिल शुरू हो गई है. हालांकि करीब 9 दिनों तक बंद रहने की वजह से किसानों का गन्ना सूख गया. जिसकी वजह से किसानों को प्रत्येक ट्रॉली लगभग एक हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.

Palwal Sugar Mill
9 दिन बाद शुरू हुई पलवल शुगर मिल
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 30, 2023, 1:22 PM IST

9 दिन बाद शुरू हुई पलवल शुगर मिल

पलवल: 15 नवंबर को सहकारिता मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल ने चीनी मिल के पिराई सत्र का शुभारंभ किया, लेकिन 20 नवंबर की रात को शुगर मिल के टरबाइन में ब्लास्ट हो गया. जिसकी वजह से मिल को बंद करना पड़ा. मिल बंद होने के बाद इंजीनियरों ने टरबाइन मशीन में आई तकनीकी खराबी को ठीक करने की काफी कोशिश की. टरबाइन मशीन पुरानी होने और उसमें ब्लास्ट होने से वो पूरी तरह से खराब हो चुकी थी.

पलवल शुगर मिल प्रबंधन की तरफ से यूपी के बुलंदशहर से नई मोटर और चेन्नई से पैनल मंगाया गया. इसके बाद इंजीनियरों ने पलवल चीनी मिल में नई मोटर और पैनल लगाकर बीती शाम को मिल चालू की. अब 9 दिन बाद तकनीकी खराबी के ठीक कर पलवल शुगर मिल को सुचारू किया गया है. इस बीच 9 दिनों तक किसानों की गन्ने से लदी ट्रॉली मिल में ही खड़ी रही. जिसकी वजह से काफी गन्ना सूख गया.

गन्ना सूखने की वजह से किसानों को प्रति ट्रॉली लगभग एक हजार रुपये का नुकसान हुआ है. जिससे किसानों में रोष दिखा. किसानों का कहना है कि शुगर मिल में पुरानी मशीनें होने के कारण प्रत्येक वर्ष मिल में बार-बार बंद हो जाती है. जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मिल को सुचारू रूप से शुरू करने से पहले चीफ इंजीनियरों को भी मशीनों को पहले ठीक तरीके से चेक कर लेना चाहिए.

मिल के बंद होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. दस दिन से ट्रैक्टर और गन्ने से लदी ट्रॉली मिल में खड़ी है. जिसकी वजह से गन्ना सूख गया है. जिससे किसानों को नुकसान हुआ है. अब इस घाटे की भरपाई नहीं हो पाएगी, क्योंकि सरकार भी कोई मदद नहीं करती. मिल में ना तो किसानों के बैठने की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की. -राजेश, किसान

किसानों ने कहा कि मिल में बार-बार खराबी आने के कारण किसानों के साथ मिल को भी नुकसान उठाना पड़ता है. किसानों ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार भले ही किसानों की आय को दोगुना करने का दावा करती हो, लेकिन प्रत्येक वर्ष पलवल की शुगर मिल के बंद होने की वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. जिसका उन्हें कोई मुआवजा भी नहीं मिलता.

पलवल शुगर मिल में गन्ना क्रैश करने के लिए जो टरबाइन मशीन लगी हुई है. वो बहुत ही पुरानी हो चुकी है. जिसमें ब्लास्ट होने की वजह से मिल को बंद करना पड़ा, लेकिन अब टरबाइन मशीन की जगह नई मोटर और पैनल लगा दिया गया है. जिसके बाद बीती शाम से मिल को शुरू कर दिया गया है. बीती शाम से मिल अब सुचारू चल रही है. - विजयपाल सिंह, चीफ इंजीनियर, पलवल शुगर मिल

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9 दिन बाद शुरू हुई पलवल शुगर मिल

पलवल: 15 नवंबर को सहकारिता मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल ने चीनी मिल के पिराई सत्र का शुभारंभ किया, लेकिन 20 नवंबर की रात को शुगर मिल के टरबाइन में ब्लास्ट हो गया. जिसकी वजह से मिल को बंद करना पड़ा. मिल बंद होने के बाद इंजीनियरों ने टरबाइन मशीन में आई तकनीकी खराबी को ठीक करने की काफी कोशिश की. टरबाइन मशीन पुरानी होने और उसमें ब्लास्ट होने से वो पूरी तरह से खराब हो चुकी थी.

पलवल शुगर मिल प्रबंधन की तरफ से यूपी के बुलंदशहर से नई मोटर और चेन्नई से पैनल मंगाया गया. इसके बाद इंजीनियरों ने पलवल चीनी मिल में नई मोटर और पैनल लगाकर बीती शाम को मिल चालू की. अब 9 दिन बाद तकनीकी खराबी के ठीक कर पलवल शुगर मिल को सुचारू किया गया है. इस बीच 9 दिनों तक किसानों की गन्ने से लदी ट्रॉली मिल में ही खड़ी रही. जिसकी वजह से काफी गन्ना सूख गया.

गन्ना सूखने की वजह से किसानों को प्रति ट्रॉली लगभग एक हजार रुपये का नुकसान हुआ है. जिससे किसानों में रोष दिखा. किसानों का कहना है कि शुगर मिल में पुरानी मशीनें होने के कारण प्रत्येक वर्ष मिल में बार-बार बंद हो जाती है. जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मिल को सुचारू रूप से शुरू करने से पहले चीफ इंजीनियरों को भी मशीनों को पहले ठीक तरीके से चेक कर लेना चाहिए.

मिल के बंद होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. दस दिन से ट्रैक्टर और गन्ने से लदी ट्रॉली मिल में खड़ी है. जिसकी वजह से गन्ना सूख गया है. जिससे किसानों को नुकसान हुआ है. अब इस घाटे की भरपाई नहीं हो पाएगी, क्योंकि सरकार भी कोई मदद नहीं करती. मिल में ना तो किसानों के बैठने की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की. -राजेश, किसान

किसानों ने कहा कि मिल में बार-बार खराबी आने के कारण किसानों के साथ मिल को भी नुकसान उठाना पड़ता है. किसानों ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार भले ही किसानों की आय को दोगुना करने का दावा करती हो, लेकिन प्रत्येक वर्ष पलवल की शुगर मिल के बंद होने की वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. जिसका उन्हें कोई मुआवजा भी नहीं मिलता.

पलवल शुगर मिल में गन्ना क्रैश करने के लिए जो टरबाइन मशीन लगी हुई है. वो बहुत ही पुरानी हो चुकी है. जिसमें ब्लास्ट होने की वजह से मिल को बंद करना पड़ा, लेकिन अब टरबाइन मशीन की जगह नई मोटर और पैनल लगा दिया गया है. जिसके बाद बीती शाम से मिल को शुरू कर दिया गया है. बीती शाम से मिल अब सुचारू चल रही है. - विजयपाल सिंह, चीफ इंजीनियर, पलवल शुगर मिल

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