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पलवल के इस किसान ने पेश की मिसाल, डेयरी फार्मिंग कर श्वेत क्रांति को दे रहा बढ़ावा - dairy farming haryana

गांव कटेसरा के किसान श्यामबीर ने बताया कि पशुपालन का कार्य करते हुए उन्होंने डेयरी फार्मिंग शुरू कर दी है. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें इस कार्य से काफी लाभ हो रहा है. उन्होंने किसानों से भी डेयरी फार्मिंग करने की अपील की.

पलवल कटेसरा गांव
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Published : Nov 24, 2019, 6:31 PM IST

पलवल: पलवल के गांव कटेसरा में किसानों का रूझान डेयरी फार्मिंग की तरफ बढ़ रहा है. किसान श्यामबीर ने पशुपालन को बढ़ावा देते हुए डेयरी खोलने का कार्य किया है. किसान श्यामबीर ने साहिवाल, एचएफ देशी नस्ल की गायों का पालन कर श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं.

श्यामबीर की डेयरी में हैं 22 गाय
गांव कटेसरा के किसान श्यामबीर ने बताया कि पशुपालन का कार्य करते हुए उन्होंने डेयरी फार्मिंग शुरू कर दी है. डेयरी में लगभग 22 गाय हैं, जिसमें साहिवाल गाय, होल्सटीन फ्रिजन (एचएफ) गाय और देशी नस्ल की गाय हैं.

पलवल के इस किसान ने पेश की मिसाल, देखें वीडियो

उन्होंने बताया कि साहिवाल नस्ल की गाय 40 से लेकर 45 लीटर दूध देती है. इसके अलावा होल्सटीन फ्रिजन (एचएफ) गाय पचास लीटर से भी अधिक दूध देने की क्षमता रखती है. अधिकतर गायों की कीमत एक लाख रुपये के करीब है.

ये भी पढ़ें- सिरसा में बन रहा पक्षियों का 21 मंजिला आशियाना, 30 लाख की लागत से होगा तैयार

'शहरों में है गाय के दूध की अधिक डिमांड'
उन्होंने बताया कि गाय के दूध की शहरी क्षेत्र में अधिक मांग है. साइबर सिटी गुरुग्राम में गाय का दूध 65 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है. उन्होंने बताया कि सुबह के समय गाय के दूध की सप्लाई गुरुग्राम में की जाती है, जबकि शाम के समय दूध को गांव में ही बनी हुई दूध की डेयरी पर बेच दिया जाता है.

'किसान डेयरी फार्मिंग कर श्वेत क्रांति को दें बढ़ावा'
उन्होंने कहा कि कृषि कार्य करने की बजाय डेयरी फार्मिंग करना एक अच्छा कार्य है. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान डेयरी फार्मिंग करें ताकि श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया जा सके.

पलवल: पलवल के गांव कटेसरा में किसानों का रूझान डेयरी फार्मिंग की तरफ बढ़ रहा है. किसान श्यामबीर ने पशुपालन को बढ़ावा देते हुए डेयरी खोलने का कार्य किया है. किसान श्यामबीर ने साहिवाल, एचएफ देशी नस्ल की गायों का पालन कर श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे हैं.

श्यामबीर की डेयरी में हैं 22 गाय
गांव कटेसरा के किसान श्यामबीर ने बताया कि पशुपालन का कार्य करते हुए उन्होंने डेयरी फार्मिंग शुरू कर दी है. डेयरी में लगभग 22 गाय हैं, जिसमें साहिवाल गाय, होल्सटीन फ्रिजन (एचएफ) गाय और देशी नस्ल की गाय हैं.

पलवल के इस किसान ने पेश की मिसाल, देखें वीडियो

उन्होंने बताया कि साहिवाल नस्ल की गाय 40 से लेकर 45 लीटर दूध देती है. इसके अलावा होल्सटीन फ्रिजन (एचएफ) गाय पचास लीटर से भी अधिक दूध देने की क्षमता रखती है. अधिकतर गायों की कीमत एक लाख रुपये के करीब है.

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'शहरों में है गाय के दूध की अधिक डिमांड'
उन्होंने बताया कि गाय के दूध की शहरी क्षेत्र में अधिक मांग है. साइबर सिटी गुरुग्राम में गाय का दूध 65 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है. उन्होंने बताया कि सुबह के समय गाय के दूध की सप्लाई गुरुग्राम में की जाती है, जबकि शाम के समय दूध को गांव में ही बनी हुई दूध की डेयरी पर बेच दिया जाता है.

'किसान डेयरी फार्मिंग कर श्वेत क्रांति को दें बढ़ावा'
उन्होंने कहा कि कृषि कार्य करने की बजाय डेयरी फार्मिंग करना एक अच्छा कार्य है. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान डेयरी फार्मिंग करें ताकि श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया जा सके.

Intro:एंकर : पलवल, पलवल के गांव कटेसरा में किसानों का रूझान डेयरी फार्मिंग की तरफ बढ रहा है। किसान श्यामबीर ने पशुपालन को बढावा देते हुए डेयरी खोलने का कार्य किया। किसान श्यामबीर ने साहिवाल,एचएफ स देशी नस्ल की गायों का पालन कर श्वेत क्रांति को बढावा देने का कार्य कर रहे है।


वीओं : गांव कटेसरा के किसान श्यामबीर ने बताया कि पशुपालन का कार्य करते हुए डेयरी फार्मिंग शुरू कर दी है। डेयरी में लगभग 22 गायें है। जिसमें साहिवाल गाय, होल्सटीन फ्रिज़न (एचएफ) गाय व देशी नस्ल की गाय है। उन्होंने बताया कि साहिवाल नस्ल की गाय 40 से लेकर 45 लीटर दूध देती है। इसके अलावा होल्सटीन फ्रिज़न (एचएफ) गाय पचास लीटर से भी अधिक दूध देने की क्षमता रखती है। अधिकतर गायों की कीमत एक लाख रूपए के करीब है। उन्होंने बताया कि गाय के दूध की शहरी क्षेत्र में अधिक मांग है। साईबर सिटी गुरूग्राम में गाय का दूध 65 रूपए प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है। उन्होंने बताया कि सुबह के समय गाय के दूध की सप्लाई गुरूग्राम में की जाती है। जबकि शाम के समय दूध को गांव में ही बनी हुई दूध की डेयरी पर बेच दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कृषि कार्य करने की बजाय डेयरी फार्मिंग करना एक अच्छा कार्य है। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान डेयरी फार्मिंग करें ताकि श्वेत क्रांति को बढावा दिया जा सके।

बाइट : श्यामबीर किसान गांव कटेसरा पलवल फाइल नं 4
बाइट : चंदन किसान गांव कटेसरा पलवल फाइल नं 5
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