पलवल: जिले में सामान्य अस्पताल की लापरवाही कोविड-19 की तैयारियों पर सवाल खड़े कर रही है. लोगों का आरोप है कि सामान्य अस्पताल में लक्षण होने के बाद भी उनका कोरोना टेस्ट नहीं किया जा रहा. जिले में कोविड-19 का टेस्ट करवाने वाले संदिग्धों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.
वहीं अस्पताल प्रशासन कोविड-19 के लक्षण वालों को वहम बता रहा है. जिले में 5 दिन में 40 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. कोविड-19 के टेस्ट के लिए अस्पताल में संदिग्धों की भीड़ उमड़ रही है. टेस्ट कराने की होड में सोशल डिसटेंसिंग की भी पालना नहीं हो पा रही.
हालत ये है कि पलवल जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रोजाना 200 से 300 लोग कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए आते हैं, लेकिन सैंपल केवल 70 से लेकर 80 लोगों के लिए जाते हैं. लोगों का आरोप है कि पहले तो अस्पताल स्टाफ टेस्ट करने में आनाकानी करता है. जिद्द करने पर वो अगले दिन आने के लिए बोल देता है. अगले दिन स्टाफ परिचित और सिफारिशी लोगों का टेस्ट करते है.
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स्वास्थ्य विभाग की ये लापरवाही लोगों पर भारी पड़ सकती है. क्योंकि संदिग्ध मरीज दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं. वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर ब्रह्मदीप कदमों ने इन सभी आरोपों की सिरे से खारिज किया और कहा कि टेस्ट करने में देर जरूर हो रही है, लेकिन हर किसी का टेस्ट किया जा रहा है.
बता दें कि पलवल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 80 के पार हो चुकी है. जिसमें से एक्टिव केस 35 हैं. अगर संदिग्धों के टेस्ट वक्त पर नहीं हुए तो ये आंकड़ा तेजी से बढ़ सकता है.