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Farmers Protest: पलवल बॉर्डर पर किसानों ने किया हवन यज्ञ, दिनभर होंगे कई कार्यक्रम - etv bharat haryana news

शुक्रवार को किसान आंदोलन को एक साल पूरा (Farmers Protest One Year Complete) हो गया. आंदोलन के एक साल पूरा होने के मौके पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है. इस मौके पर पलवल बॉर्डर (Palwal Border Farmers Protest) पर चल रहे धरना स्थल पर भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो रहे हैं.

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पलवल बॉर्डर पर किसानों ने किया हवन यज्ञ, दिनभर होंगे कई कार्यक्रम
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Published : Nov 26, 2021, 12:33 PM IST

फरीदाबाद: तीन कृषि कानूनों की वापसी (Farm Laws Repeal) के साथ कई मांगों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन को शुक्रवार को एक साल पूरा (Farmers Protest One Year Complete) हो गया. आंदोलन के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है. इस मौके पर पलवल बॉर्डर (Palwal Border Farmers Protest) पर चल रहे धरना स्थल पर भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो रहे हैं. आज किसानों ने आंदोलन में जान गंवा देने वाले करीब 700 किसानों प्रथाना करने के लिए कार्यक्रम रखा गया है.

आज सुबह आंदोलन में जान गंवा देने वाले किसानों के लिए यज्ञ-हवन (Hawan yagya for deceased farmer) किया गया. उनके लिए मौन भी रखा गया. इस धरने में पलवल, मेवात, हथीन, होडल, फरीदाबाद, हसनपुर इलाके से किसान पहुंचे हैं. धरना स्थल पर हवन यज्ञ के बाद कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इन कार्यक्रमों का आयोजन आसपास के गांव से आकर किसान करेंगे.

पलवल बॉर्डर पर किसानों ने किया हवन यज्ञ, देखिए वीडियो

ये भी पढ़ें - केंद्र को एमएसपी पर गारंटी कानून बनाना होगा : राकेश टिकैत

बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद भी पहले की तरह आंदोलन चला रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक पूरी तरह से यह कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे. इसके अलावा किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर भी अधिक दिखाई दे रहे हैं. रोज की तरह ही किसान धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं और कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं.

ये पढे़ं- किसान आंदोलन का एक साल: दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाई गई

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने तीन कृषि कानून वापस ले लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने भी प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत (Farmers on Farm Laws Repeal) किया, लेकिन साथ ही कहा है कि वह संसदीय प्रक्रियाओं के जरिए घोषणा के प्रभावी होने का इंतजार करेगा आंदोलन चलेगा. चालीस किसान संघों के प्रमुख संगठन (core Committee of forty farmers' unions) एसकेएम ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की सभी मांगों को पूरा कराने के लिए संघर्ष जारी रहेगा तथा सभी घोषित कार्यक्रम जारी रहेगा. इसी कड़ी में संयुक्त मोर्चा ने किसानों से 26 नवंबर 2021 को विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचने की अपील की थी.

ये पढ़ें- महंगाई की मार ने बिगाड़ा रसोई का बजट, जानें हरियाणा में क्या है सब्जियों के दाम

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फरीदाबाद: तीन कृषि कानूनों की वापसी (Farm Laws Repeal) के साथ कई मांगों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन को शुक्रवार को एक साल पूरा (Farmers Protest One Year Complete) हो गया. आंदोलन के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है. इस मौके पर पलवल बॉर्डर (Palwal Border Farmers Protest) पर चल रहे धरना स्थल पर भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो रहे हैं. आज किसानों ने आंदोलन में जान गंवा देने वाले करीब 700 किसानों प्रथाना करने के लिए कार्यक्रम रखा गया है.

आज सुबह आंदोलन में जान गंवा देने वाले किसानों के लिए यज्ञ-हवन (Hawan yagya for deceased farmer) किया गया. उनके लिए मौन भी रखा गया. इस धरने में पलवल, मेवात, हथीन, होडल, फरीदाबाद, हसनपुर इलाके से किसान पहुंचे हैं. धरना स्थल पर हवन यज्ञ के बाद कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इन कार्यक्रमों का आयोजन आसपास के गांव से आकर किसान करेंगे.

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बता दें कि कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद भी पहले की तरह आंदोलन चला रहे हैं. किसानों का कहना है कि जब तक पूरी तरह से यह कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे. इसके अलावा किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर भी अधिक दिखाई दे रहे हैं. रोज की तरह ही किसान धरना स्थल पर पहुंच रहे हैं और कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं.

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गौरतलब है कि पीएम मोदी ने तीन कृषि कानून वापस ले लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने भी प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत (Farmers on Farm Laws Repeal) किया, लेकिन साथ ही कहा है कि वह संसदीय प्रक्रियाओं के जरिए घोषणा के प्रभावी होने का इंतजार करेगा आंदोलन चलेगा. चालीस किसान संघों के प्रमुख संगठन (core Committee of forty farmers' unions) एसकेएम ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की सभी मांगों को पूरा कराने के लिए संघर्ष जारी रहेगा तथा सभी घोषित कार्यक्रम जारी रहेगा. इसी कड़ी में संयुक्त मोर्चा ने किसानों से 26 नवंबर 2021 को विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर पहुंचने की अपील की थी.

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