पलवल: जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT Recruitment Scam) में सजा पूरी करने के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) तिहाड़ जेल से रिहा हो चुके हैं. वहीं अब वो हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने राजनीति में अपनी दूसरी पारी की शुरूआत पलवल से कर दी है. जेल से बाहर आने के बाद पहली बार ओपी चौटाला मंगलवार को किसानों के धरने पर पलवल पहुंचे.
इनेलो सुप्रीमो ने इस दौरान केंद्र सरकार व प्रदेश की गठबंधन सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि करीब 8 माह से चल रहे किसान आंदोलन को 36 बिरादरी का समर्थन मिल रहा है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून किसान विरोधी हैं. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि वो देश के हर किसान के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे और गांव-गांव जाकर किसान आंदोलन को और मजबूती देने का काम करेंगे ताकि तीन कृषि कानून रद्द हों.
इनेलो सुप्रीमो के सक्रिय होने के बाद ये भी चर्चा चल रही है कि वे किसान आंदोलन के जरिए इनेलो पार्टी में जान फूंकने की कोशिश में जुटे हैं. क्योंकि लम्बे समय से इनेलो पार्टी सत्ता से दूर है और इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला द्वारा विधानसभा से तीन कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा देने के बाद विधानसभा में इनेलो का एक भी विधायक नहीं रहा है. ऐसे में ओम प्रकाश चौटाला किसानों के बीच पहुंच रहे हैं और किसानों का समर्थन भी चौटाला को मिलता दिख रहा है.
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मंगलवार को पलवल में हजारों की संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुंचे और चौटाला को समर्थन भी दिया. इस मौके पर ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि ये काले कानून हैं जो किसान को बर्बाद कर देंगे, वो हमेशा से किसानों के साथ रहे हैं और रहेंगे. इस सरकार में किसानों को ना तो समय पर सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है और ना ही खाद-बीज की सुविधा. पलवल में किसान आंदोलन से जनसभा को समाप्त करने के बाद इनेलो सुप्रीमो गाजीपुर धरने पर पहुंचे.
बता दें कि, ओपी चौटाला को 2013 में जेबीटी भर्ती घोटाले (jbt scam haryana) को लेकर 10 साल की सजा सुनाई गई थी. जो पूरी होने से पहले ही उन्हें रिहा किया गया है क्योंकि दिल्ली सरकार ने एक छूट सभी कैदियों को दी थी जिसका फायदा ओपी चौटाला को हुआ और उन्हें सजा पूरी होने से कुछ महीने पहले तिहाड़ से रिहा कर दिया गया. इस रिहाई को इनेलो ने एक जश्न के तौर पर मनाया और उनका भव्य स्वागत किया गया था. अब इसी रिहाई के सहारे पार्टी अपनी खोई हुई सियासी जमीन को पाने की कोशिश कर रही है. जिसकी शुरुआत ओपी चौटाला द्वारा पलवल से कर दी गई है.
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