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पलवल: किसानों को नहीं मिल रहे धान की बुवाई के लिए मजदूर - Paddy Sowing in palwal

लॉकडाउन से पहले बाहर के मजदूर किसान की धान की रोपाई करने के लिए आते थे. लेकिन कोरोना की वजह से बाहर के मजदूर अब रोपाई करने के लिए नहीं आ रहे हैं. जिस वजह से किसान अब परेशान हो गया है.

labour  shortage due to lockdown for Paddy Sowing in palwal
किसानों को नहीं मिल रहे धान की बुवाई के लिए मजदूर
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Published : May 17, 2020, 9:56 PM IST

पलवल: जिले में कोरोना की वजह से किसानों को धान की रोपाई करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से अब किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. क्योंकि किसान की खेती फसल की बुवाई के लिए पूरी तरह से तैयार है. लेकिन मजदूर नहीं मिलने की वजह से किसान समय पर धान की फसल की रोपाई नहीं कर पाएगा.

गांवों के मजदूर पहले दो हजार प्रति एकड़ के हिसाब से धान रोपाई करते थे. लेकिन अब 5 से 6 हजार रुपये प्रति एकड़ रोपाई करने की मांग रहे हैं. उसके बाद भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

किसानों को नहीं मिल रहे धान की बुवाई के लिए मजदूर

लॉकडाउन से पहले बाहर के मजदूर किसान की धान की रोपाई करने के लिए आते थे. लेकिन कोरोना की वजह से बाहर के मजदूर अब रोपाई करने के लिए नहीं आ रहे हैं. जिस वजह से किसान अब परेशान हो गया है. क्योंकि किसान की खेती पूरी तरह से फसल की बुवाई करने के लिए तैयार है लेकिन मजदूर नहीं मिलने की वजह से किसान समय पर धान की फसल की रोपाई नहीं कर पाएगा.

किसानों ने कहा कि पहले उनको 2000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से धान की रोपाई करने के लिए मजदूर मिल जाते थे. लेकिन अब गांवों के मजदूर भी 5 से 6 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से रोपाई करने की मांग रहे हैं. उसके बाद भी उनको मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से उनकी खेत में फसल की बुवाई नहीं हो पाएगी.

किसानों ने कहा कि पहले उनकी फसल बारिश की वजह से खराब हुई थी और अब उनकी धान की फसल भी नहीं हो पाएगी तो वो काफी परेशान हो जाएगा. क्योंकि किसान खेती से अपने परिवार का गुजारा करता है लेकिन जब खेतों में फसल ही नहीं होगी तो वो परिवार का गुजारा कैसे करेगा. किसान किसी का कर्ज भी नहीं दे पाएगा. इसलिए किसानों की चिंता बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ पुलिस ने बनाई नई डिवाइस, दो मीटर दूर रहकर चेक कर सकते हैं तापमान

पलवल: जिले में कोरोना की वजह से किसानों को धान की रोपाई करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से अब किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. क्योंकि किसान की खेती फसल की बुवाई के लिए पूरी तरह से तैयार है. लेकिन मजदूर नहीं मिलने की वजह से किसान समय पर धान की फसल की रोपाई नहीं कर पाएगा.

गांवों के मजदूर पहले दो हजार प्रति एकड़ के हिसाब से धान रोपाई करते थे. लेकिन अब 5 से 6 हजार रुपये प्रति एकड़ रोपाई करने की मांग रहे हैं. उसके बाद भी मजदूर नहीं मिल रहे हैं.

किसानों को नहीं मिल रहे धान की बुवाई के लिए मजदूर

लॉकडाउन से पहले बाहर के मजदूर किसान की धान की रोपाई करने के लिए आते थे. लेकिन कोरोना की वजह से बाहर के मजदूर अब रोपाई करने के लिए नहीं आ रहे हैं. जिस वजह से किसान अब परेशान हो गया है. क्योंकि किसान की खेती पूरी तरह से फसल की बुवाई करने के लिए तैयार है लेकिन मजदूर नहीं मिलने की वजह से किसान समय पर धान की फसल की रोपाई नहीं कर पाएगा.

किसानों ने कहा कि पहले उनको 2000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से धान की रोपाई करने के लिए मजदूर मिल जाते थे. लेकिन अब गांवों के मजदूर भी 5 से 6 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से रोपाई करने की मांग रहे हैं. उसके बाद भी उनको मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिस वजह से उनकी खेत में फसल की बुवाई नहीं हो पाएगी.

किसानों ने कहा कि पहले उनकी फसल बारिश की वजह से खराब हुई थी और अब उनकी धान की फसल भी नहीं हो पाएगी तो वो काफी परेशान हो जाएगा. क्योंकि किसान खेती से अपने परिवार का गुजारा करता है लेकिन जब खेतों में फसल ही नहीं होगी तो वो परिवार का गुजारा कैसे करेगा. किसान किसी का कर्ज भी नहीं दे पाएगा. इसलिए किसानों की चिंता बढ़ गई है.

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