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20 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके, लेकिन सरकार को फर्क नहीं पड़ा: करण दलाल

कांग्रेस नेता करण दलाल किसानों के धरने में पहुंचे और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. दलाल ने कहा कि इस सरकार को किसानों से कोई फर्क नहीं पड़ता. भाजपा सरकार हल निकालने की बजाय किसानों की आवाज को दबाने के लिए हथकंडे अपना रही है.

karan dalal on new farm laws
karan dalal on new farm laws
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Published : Dec 18, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 3:11 PM IST

पलवल: एनएच-19 पर पिछले 16 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के बीच कांग्रेस नेता करण दलाल पहंचे. यहां उन्होंने कहा कि कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ 20 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके हैं. उन्होंने कहा कि करनाल के संत बाबा राम सिंह द्वारा अपने प्राणों की आहुति देना काफी व्यथित करने वाला है. ये बेहद ही शर्मनाक है कि एक तरफ किसान अपनी जान गंवा रहे हैं और दूसरी तरफ भाजपा सरकार हल निकालने की बजाय किसानों की आवाज को दबाने के लिए हथकंडे अपना रही है.

करण दलाल ने कहा कि संत बाबा राम सिंह को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा और इस निकम्मी भाजपा सरकार को अगर जरा सी भी शर्म होती तो संत बाबा राम सिंह ने इन कृषि कानूनों के चलते अपने प्राणों की आहुति ना दी होगी. उसी समय इस सरकार को किसानों के बीच जाकर उनसे माफी मांगकर किसानों का धरना समाप्त करने और इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर देनी चाहिए थी.

ये भी पढे़ं- निकाय चुनावः गंदगी से परेशान अंबाला शहर के लोग, इन मुद्दों पर डालेंगे वोट

दलाल ने कहा कि अगर ये समझते हैं कि वो लोगों को धर्मों, जातियों और समुदायों में बांटकर ये कुछ पुंजीपतियों के सपनों को पूरा करने में कामियाब होंगे तो ये इनकी भूल है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ सिख भाइयों ने सरकार को आइना दिखाने का बीड़ा उठाया है.

करण दलाल ने कहा कि किसानों की इस लड़ाई में 36 बिरादरी उनके साथ है और इस आवाज को अभी और भी बुलंद करने की जरूरत है. क्योंकि अगर इस लड़ाई को किसान हार जाते हैं तो आने वाले समय में कोई किसानों, मजदूरों और गरीबों के हक की लड़ाई लड़ने की हिम्मत नहीं करेगा.

पलवल: एनएच-19 पर पिछले 16 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के बीच कांग्रेस नेता करण दलाल पहंचे. यहां उन्होंने कहा कि कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ 20 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके हैं. उन्होंने कहा कि करनाल के संत बाबा राम सिंह द्वारा अपने प्राणों की आहुति देना काफी व्यथित करने वाला है. ये बेहद ही शर्मनाक है कि एक तरफ किसान अपनी जान गंवा रहे हैं और दूसरी तरफ भाजपा सरकार हल निकालने की बजाय किसानों की आवाज को दबाने के लिए हथकंडे अपना रही है.

करण दलाल ने कहा कि संत बाबा राम सिंह को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा और इस निकम्मी भाजपा सरकार को अगर जरा सी भी शर्म होती तो संत बाबा राम सिंह ने इन कृषि कानूनों के चलते अपने प्राणों की आहुति ना दी होगी. उसी समय इस सरकार को किसानों के बीच जाकर उनसे माफी मांगकर किसानों का धरना समाप्त करने और इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर देनी चाहिए थी.

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दलाल ने कहा कि अगर ये समझते हैं कि वो लोगों को धर्मों, जातियों और समुदायों में बांटकर ये कुछ पुंजीपतियों के सपनों को पूरा करने में कामियाब होंगे तो ये इनकी भूल है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ सिख भाइयों ने सरकार को आइना दिखाने का बीड़ा उठाया है.

करण दलाल ने कहा कि किसानों की इस लड़ाई में 36 बिरादरी उनके साथ है और इस आवाज को अभी और भी बुलंद करने की जरूरत है. क्योंकि अगर इस लड़ाई को किसान हार जाते हैं तो आने वाले समय में कोई किसानों, मजदूरों और गरीबों के हक की लड़ाई लड़ने की हिम्मत नहीं करेगा.

Last Updated : Jan 18, 2021, 3:11 PM IST
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