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आजमगढ़ एयरक्राफ्ट हादसे की जांच शुरू, पलवल के पायलट की हुई थी मौत

यूपी के आजमगढ़ जिले में सोमवार को एक प्रशिक्षु विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था. विमान हादसे में ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन की मौत हो गई थी. विमान हादसे की जांच शुरू हो गई है और अधिकारियों द्वारा संभावना जताई जा रही है कि विमान क्यूम्यलोनिंबस से टकरा कर हवा में ही क्षतिग्रस्त हो गया था.

investigation started into death of trainee pilot of palwal in aircraft accident
हादसे बाद क्षतिग्रस्त एयरक्राफ्ट
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Published : Sep 23, 2020, 3:20 PM IST

पलवल/वाराणसी: आजमगढ़ जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के कोलपुर कुसहां गांव में सोमवार सुबह 11.15 बजे के आसपास इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (इग्रुआ) का विमान सोकाटा टीबी 20 क्रैश हो गया था. इस हादसे में पलवल निवासी ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन की मौत हो गई थी. हादसे के समय विमान को वाराणसी एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) द्वारा कंट्रोल किया जा रहा था.

एयरपोर्ट के अधिकारियों की मानें तो विमान इग्रुआ से उड़ान भरने के बाद विमान वाराणसी एयरस्पेश में आया था, उसके बाद आजमगढ़ होते हुए विमान वापस जा रहा था. एटीसी के अधिकारियों द्वारा विमान के पायलट का संपर्क बना हुआ था. इसी बीच सुबह 11.11 बजे विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया.

उस समय विमान साढ़े पांच हजार फीट ऊपर उड़ रहा था. हादसे का अंदेशा भांपते हुए एयरपोर्ट के अधिकारियों ने तत्काल आजमगढ़ जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को सूचित किया. अधिकारियों का कहना है कि हादसे के पूर्व पायलट द्वारा एटीसी को कोई संदेश नहीं दिया गया था. ऐसे में संभावना है कि विमान क्यूम्यलोनिम्बस से टकरा कर हवा में ही क्षतिग्रस्त हो गया था.

investigation started into death of trainee pilot of palwal in aircraft accident
हादसे के बाद क्षतिग्रस्त एयरक्राफ्ट

क्या होता है क्यूम्यलोनिंबस?

एविएशन के जानकारों का कहना है कि क्यूम्यलोनिम्बस को सीबी के भी नाम से जाना जाता है. ये एक प्रकार का बादल ही होता है जो आंधी तूफान, मूसलाधार वर्षा, बवंडर, आकाशीय बिजली आदि को उत्पन्न करता है. जब गर्म और नम हवाएं ऊपर की ओर गति करती हैं तो इन्हीं हवाओं से क्यूम्यलोनिम्बस बनता है. इसे विमानों के लिए काफी खतरनाक बताया जाता है. पायलट को भी सलाह दी जाती है कि ​क्यूम्यलोनिंबस दिखाई देने पर तत्काल एटीसी से संपर्क कर विमान का रास्ता बदल देना चाहिए.

investigation started into death of trainee pilot of palwal in aircraft accident
ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन
एएआईबी और इग्रुआ के अधिकारी कर रहे जांच

विमान हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआईबी) और इग्रुआ के अधिकारियों द्वारा की जा रही है. सोमवार को सायंकाल एएआईबी के अधिकारी श्रीरामचंद्रन और इग्रुआ के फ्लाइंग सेफ्टी मैनेजर सीबीएन यादव और प्रशासनिक अधिकारी संदीप पूरी भी विशेषज्ञों के साथ घटनास्थ पर पहुंचे और मलबे को एकत्र कराने के अलावा जांच कर रहे हैं. विमान के मलबे को इग्रुआ भेजा जायेगा और वहां भी जांच की जाएगी.

तेज आवाज के साथ हवा में ​ही विमान के परखच्चे उड़े

विमान जिस स्थान पर गिरा था, वहां पर खेत में धान की फसल लगाई गई थी और मिट्टी नम थी. बरसात भी हो रही थी. ऐसे में जिस तरह से विमान क्षतिग्रस्त हुआ है, उससे ये स्पष्ट होता है कि विमान हवा में ही टुकड़ों में बंट गया था. ग्रामीणों ने भी बताया कि हादसे से पहले आसमान में तेज धमाका सुनाई दिया था. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों द्वारा संभावना जताई जा रही है कि विमान आसमान में क्यूम्यलोनिम्बस से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गया. खतरा भांपते हुए पायलट कोणार्क शरन ने तत्काल छलांग लगा दी थी.

आजमगढ़ में हुए विमान हादसे के बाद जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विमान क्यूम्यलोनिम्बस (सीबी) से टकराया था. हादसे की जांच एएआईबी के अधिकारी और इग्रुआ के अधिकारियों द्वारा की जा रही है. जांच के बाद दुर्घटना का कारण स्पष्ट हो पायेगा.

ये भी पढ़ें- ट्रेनी पायलट कोणार्क सरन का पलवल में हुआ अंतिम संस्कार

पलवल/वाराणसी: आजमगढ़ जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के कोलपुर कुसहां गांव में सोमवार सुबह 11.15 बजे के आसपास इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (इग्रुआ) का विमान सोकाटा टीबी 20 क्रैश हो गया था. इस हादसे में पलवल निवासी ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन की मौत हो गई थी. हादसे के समय विमान को वाराणसी एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) द्वारा कंट्रोल किया जा रहा था.

एयरपोर्ट के अधिकारियों की मानें तो विमान इग्रुआ से उड़ान भरने के बाद विमान वाराणसी एयरस्पेश में आया था, उसके बाद आजमगढ़ होते हुए विमान वापस जा रहा था. एटीसी के अधिकारियों द्वारा विमान के पायलट का संपर्क बना हुआ था. इसी बीच सुबह 11.11 बजे विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया.

उस समय विमान साढ़े पांच हजार फीट ऊपर उड़ रहा था. हादसे का अंदेशा भांपते हुए एयरपोर्ट के अधिकारियों ने तत्काल आजमगढ़ जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को सूचित किया. अधिकारियों का कहना है कि हादसे के पूर्व पायलट द्वारा एटीसी को कोई संदेश नहीं दिया गया था. ऐसे में संभावना है कि विमान क्यूम्यलोनिम्बस से टकरा कर हवा में ही क्षतिग्रस्त हो गया था.

investigation started into death of trainee pilot of palwal in aircraft accident
हादसे के बाद क्षतिग्रस्त एयरक्राफ्ट

क्या होता है क्यूम्यलोनिंबस?

एविएशन के जानकारों का कहना है कि क्यूम्यलोनिम्बस को सीबी के भी नाम से जाना जाता है. ये एक प्रकार का बादल ही होता है जो आंधी तूफान, मूसलाधार वर्षा, बवंडर, आकाशीय बिजली आदि को उत्पन्न करता है. जब गर्म और नम हवाएं ऊपर की ओर गति करती हैं तो इन्हीं हवाओं से क्यूम्यलोनिम्बस बनता है. इसे विमानों के लिए काफी खतरनाक बताया जाता है. पायलट को भी सलाह दी जाती है कि ​क्यूम्यलोनिंबस दिखाई देने पर तत्काल एटीसी से संपर्क कर विमान का रास्ता बदल देना चाहिए.

investigation started into death of trainee pilot of palwal in aircraft accident
ट्रेनी पायलट कोणार्क शरन
एएआईबी और इग्रुआ के अधिकारी कर रहे जांच

विमान हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (एएआईबी) और इग्रुआ के अधिकारियों द्वारा की जा रही है. सोमवार को सायंकाल एएआईबी के अधिकारी श्रीरामचंद्रन और इग्रुआ के फ्लाइंग सेफ्टी मैनेजर सीबीएन यादव और प्रशासनिक अधिकारी संदीप पूरी भी विशेषज्ञों के साथ घटनास्थ पर पहुंचे और मलबे को एकत्र कराने के अलावा जांच कर रहे हैं. विमान के मलबे को इग्रुआ भेजा जायेगा और वहां भी जांच की जाएगी.

तेज आवाज के साथ हवा में ​ही विमान के परखच्चे उड़े

विमान जिस स्थान पर गिरा था, वहां पर खेत में धान की फसल लगाई गई थी और मिट्टी नम थी. बरसात भी हो रही थी. ऐसे में जिस तरह से विमान क्षतिग्रस्त हुआ है, उससे ये स्पष्ट होता है कि विमान हवा में ही टुकड़ों में बंट गया था. ग्रामीणों ने भी बताया कि हादसे से पहले आसमान में तेज धमाका सुनाई दिया था. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों द्वारा संभावना जताई जा रही है कि विमान आसमान में क्यूम्यलोनिम्बस से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गया. खतरा भांपते हुए पायलट कोणार्क शरन ने तत्काल छलांग लगा दी थी.

आजमगढ़ में हुए विमान हादसे के बाद जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विमान क्यूम्यलोनिम्बस (सीबी) से टकराया था. हादसे की जांच एएआईबी के अधिकारी और इग्रुआ के अधिकारियों द्वारा की जा रही है. जांच के बाद दुर्घटना का कारण स्पष्ट हो पायेगा.

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