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राहत शिविर में भूखे मजदूरों को नहीं मिली मदद, प्रशासन से लगाई राशन की गुहार

पलवल में गरीब मजदूरों पर लॉकडाउन अब एक मुसीबत का पहाड़ बनकर टूट रहा है. राहत शिविर पहुंचने के बाद भी इन लोगों को कोई मदद नहीं मिली, जिसके बाद ये लोग रोने लगे.

Hungry laborers in trouble and  not get help in palwal relief camp
Hungry laborers in trouble and not get help in palwal relief camp
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Published : Apr 4, 2020, 11:12 PM IST

पलवल: पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के बाद से बाजार बंद हैं. इसके बाद जो रोज कमाते और खाते हैं उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं पलवल में गरीब और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग राशन के लिए काफी परेशान हैं.

बता दें कि लॉकडाउन के बाद मजदूरी करने वाले मजदूरों और गरीबों की आय बंद हो गई है. जिस वजह से उनके पास पेट भरने के लिए कोई दूसरा साधन नहीं बचा है. लोगों के पास अब पेट भरने के लिए काफी परेशानी हो रही है. इन लोगों का कहना है कि अब उनके पास कई दिनों से खाने के लिए कुछ भी नहीं है और उनकी मजदूरी भी नहीं रही है.

ऐसे में ये लोग अब प्रशासन से राशन के लिए गुहार लगा रहे हैं कि कोई उनकी मदद करें. पलवल जिले के होडल में दर्जनभर असहाय लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ होडल की अग्रवाल धर्मशाला में पहुंचे, क्योंकि यहां पर होडल नगर परिषद द्वारा राहत शिविर लगाया हुआ है.

ये भी जानें-भिवानी में दो कोरोना पॉजिटिव मामले, पूरे गांव की नाकेबंदी

हैरत करने वाली बात ये है कि इन झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब लोगों को यहां से भगा दिया गया और उनसे कहा गया कि उनके पास कोई राशन नहीं है. इसके बाद ये गरीब लोग होडल थाने में राशन मांगने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां पर पुलिसकर्मी नहीं मिले क्योंकि सभी पुलिसकर्मियों ड्यूटी नाकों पर लगाई गई है.

जब कोई नहीं मिला तो ये लोग थाने के बाहर चिल्लाने लगे. इन गरीब लोगों ने बताया कि वो उमराला रोड पर झुग्गियों में रहते हैं और खेल तमाशा और सीकरी बनाने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि जो कुछ उनके पास पैसा था, जो अब समाप्त हो गया है ओर वो 7 दिनों से भूखे हैं उनके पास आटा तक नहीं है. उनकी मजदूरी बंद हो गई और काम बंद हो गया है.

उन्होंने बताया कि कई जगह लोगों से मदद के लिए कहा गया, लेकिन कोई मदद करने नहीं आया. उन्होंने बताया कि वो अधिकारियों के पास ही पहुंचे थे, लेकिन कोई नहीं मिला. इन सभी ने रोते हुए बताया कि अब वो किसके पास जाएं और कहां जाएं, क्योंकि कहीं पर भी मदद नहीं मिला पा रही है.

पलवल: पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के बाद से बाजार बंद हैं. इसके बाद जो रोज कमाते और खाते हैं उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं पलवल में गरीब और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग राशन के लिए काफी परेशान हैं.

बता दें कि लॉकडाउन के बाद मजदूरी करने वाले मजदूरों और गरीबों की आय बंद हो गई है. जिस वजह से उनके पास पेट भरने के लिए कोई दूसरा साधन नहीं बचा है. लोगों के पास अब पेट भरने के लिए काफी परेशानी हो रही है. इन लोगों का कहना है कि अब उनके पास कई दिनों से खाने के लिए कुछ भी नहीं है और उनकी मजदूरी भी नहीं रही है.

ऐसे में ये लोग अब प्रशासन से राशन के लिए गुहार लगा रहे हैं कि कोई उनकी मदद करें. पलवल जिले के होडल में दर्जनभर असहाय लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ होडल की अग्रवाल धर्मशाला में पहुंचे, क्योंकि यहां पर होडल नगर परिषद द्वारा राहत शिविर लगाया हुआ है.

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हैरत करने वाली बात ये है कि इन झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब लोगों को यहां से भगा दिया गया और उनसे कहा गया कि उनके पास कोई राशन नहीं है. इसके बाद ये गरीब लोग होडल थाने में राशन मांगने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां पर पुलिसकर्मी नहीं मिले क्योंकि सभी पुलिसकर्मियों ड्यूटी नाकों पर लगाई गई है.

जब कोई नहीं मिला तो ये लोग थाने के बाहर चिल्लाने लगे. इन गरीब लोगों ने बताया कि वो उमराला रोड पर झुग्गियों में रहते हैं और खेल तमाशा और सीकरी बनाने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि जो कुछ उनके पास पैसा था, जो अब समाप्त हो गया है ओर वो 7 दिनों से भूखे हैं उनके पास आटा तक नहीं है. उनकी मजदूरी बंद हो गई और काम बंद हो गया है.

उन्होंने बताया कि कई जगह लोगों से मदद के लिए कहा गया, लेकिन कोई मदद करने नहीं आया. उन्होंने बताया कि वो अधिकारियों के पास ही पहुंचे थे, लेकिन कोई नहीं मिला. इन सभी ने रोते हुए बताया कि अब वो किसके पास जाएं और कहां जाएं, क्योंकि कहीं पर भी मदद नहीं मिला पा रही है.

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