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पलवल से सैकड़ों की संख्या में पैदल घर जाने को मजबूर हैं प्रवासी श्रमिक

पलवल में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी श्रमिक पैदल अपने घर जा रहे हैं. प्रवासी श्रमिकों का कहना है कि सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. जिसकी वजह से उन्हें यहां कई दिनों तक भूखों रहना पड़ा.

पलवल से सैकड़ों की संख्या में पैदल अपने घर जा रहे प्रवासी श्रमिक
पलवल से सैकड़ों की संख्या में पैदल अपने घर जा रहे प्रवासी श्रमिक
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Published : May 15, 2020, 10:15 PM IST

पलवल : 15 अप्रैल से शुरू हुए लॉकडाउन पार्ट दो के बाद से जिले के सड़कों पर प्रतिदिन प्रवासी श्रमिक अपने घरों की तरफ निकल रहे हैं. प्रवासी श्रमिक अपने परिवार के साथ रात दिन पैदल चल अपनी मंजिल तक पहुंचने में लगे हुए हैं. प्रतिदिन हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिक पैदल अपने घरों की तरफ निकल रहे हैं. ऐसा ही वाक्या पलवल के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर देखने को मिला. जहां यूपी और बिहार के प्रवासी श्रमिक छुपते छुपाते हुए अपने घर जा रहे हैं.

इन प्रवासी श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ना तो उनके पास काम है और ना ही पैसे. जिसकी वजह से उन्हें और बच्चों को भूखों रहना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि गांव में ना तो लोग खाना दे रहे हैं और ना ही रहने दे रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि लोग पानी के लिए भी पैसे ले रहे हैं.

पलवल से सैकड़ों की संख्या में पैदल घर जाने को मजबूर हैं प्रवासी श्रमिक

प्रवासी श्रमिकों ने बताया कि सरकार ने सिर्फ वादे किए हैं. अभीतक उन्हें ना तो भोजन मिल पाया है और ना ही उन्हें अभी तक कोई सुविधा उपलब्ध कराया गया है.

श्रमिकों ने बताया कि शहर से निकलते समय बीच बीच में कोई सामाजिक संस्था उन्हें खाना-पानी दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभीतक कुछ भी उनके लिए नहीं किया. जिसकी वजह से वो पैदल ही घर को निकल रहे हैं. प्रवासी श्रमिकों ने कहा कि वो जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहते हैं. ताकि कम से कम इस लॉकडाउन के दौरान वो जिंदा रह सकें.

इसे भी पढ़ें: तावडू: 90 प्रवासी श्रमिकों को रोहतक रेलवे स्टेशन किया गया रवाना

पलवल : 15 अप्रैल से शुरू हुए लॉकडाउन पार्ट दो के बाद से जिले के सड़कों पर प्रतिदिन प्रवासी श्रमिक अपने घरों की तरफ निकल रहे हैं. प्रवासी श्रमिक अपने परिवार के साथ रात दिन पैदल चल अपनी मंजिल तक पहुंचने में लगे हुए हैं. प्रतिदिन हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिक पैदल अपने घरों की तरफ निकल रहे हैं. ऐसा ही वाक्या पलवल के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर देखने को मिला. जहां यूपी और बिहार के प्रवासी श्रमिक छुपते छुपाते हुए अपने घर जा रहे हैं.

इन प्रवासी श्रमिकों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से ना तो उनके पास काम है और ना ही पैसे. जिसकी वजह से उन्हें और बच्चों को भूखों रहना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि गांव में ना तो लोग खाना दे रहे हैं और ना ही रहने दे रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि लोग पानी के लिए भी पैसे ले रहे हैं.

पलवल से सैकड़ों की संख्या में पैदल घर जाने को मजबूर हैं प्रवासी श्रमिक

प्रवासी श्रमिकों ने बताया कि सरकार ने सिर्फ वादे किए हैं. अभीतक उन्हें ना तो भोजन मिल पाया है और ना ही उन्हें अभी तक कोई सुविधा उपलब्ध कराया गया है.

श्रमिकों ने बताया कि शहर से निकलते समय बीच बीच में कोई सामाजिक संस्था उन्हें खाना-पानी दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभीतक कुछ भी उनके लिए नहीं किया. जिसकी वजह से वो पैदल ही घर को निकल रहे हैं. प्रवासी श्रमिकों ने कहा कि वो जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहते हैं. ताकि कम से कम इस लॉकडाउन के दौरान वो जिंदा रह सकें.

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