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पलवलः गांव गोपालगढ़ से 5 किमी दूर है दूसरा स्कूल, 1 किमी वाले 'सरकारी' वादे का क्या होगा ?

हरियाणा सरकार ने जिन प्राइमरी स्कूलों को बंद करने और उनके एक किमी के दायरे में दूसरा स्कूल उपलब्ध कराने का फैसला किया है. क्या ऐसा हो पाएगा, ये जानने के लिए ईटीवी बारत की टीम ने ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए हकीकत जानी है.

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Published : Mar 21, 2021, 1:45 PM IST

पलवलः हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 1057 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है. जिनमें प्राइमरी और मिडिल स्कूल दोनों शामिल हैं. ये वो स्कूल हैं जिनमें बच्चों की संख्या 25 या उससे कम है. इस आदेश के बाद प्रदेश में 314 मिडिल स्कूल बंद होंगे और 743 प्रइमरी स्कूल. जिसके लिए सरकार ने कहा है कि जो मिडिल स्कूल बंद होंगे उनके बच्चों को 3 किमी. के अंदर वाले स्कूलों में समायोजित किया जाएगा. और प्राइमरी स्कूल के बच्चों को 1 किमी के दायरे में दूसरे स्कूल में समायोजित क्या जाएगा. लेकिन क्या ये संभव है कि हर स्कूल के 1 किमी के दायरे में दूसरा स्कूल मौजूद हो. यही जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पलवल जिले के गांव गोपालगढ़ पहुंची. जहां के एक प्राइमरी स्कूल को बंद किया जा रहा है क्योंकि वहां 25 बच्चे पढ़ते हैं.

पलवलः गांव गोपालगढ़ से 5 किमी दूर है दूसरा स्कूल, 1 किमी वाले 'सरकारी' वादे का क्या होगा ?

क्या बोले अभिभावक ?

जब गोपालगढ़ के प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से बात की गई तो पता चला कि यहां से सबसे पास में जीपीएस औरंगाबाद का स्कूल पड़ता है जिसकी दूरी 4-5 किमी है. ऐसे में अभिभावकों का कहना है कि उनके पास कोई साधन नहीं है अपने छोटे-छोटे बच्चों को वहां तक कैसे पहुंचाएंगे.

छात्रों ने क्या कहा ?

गोपालढ़ के प्राइमरी स्कूल के 5वीं के छात्र मानव से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उसने कहा कि वो इतनी दूर जाने के लिए तैयार नहीं हैं, यहां उन्हें अच्छी शिक्षा मिल रही है और अध्यापक भी अच्छे से पढ़ा रहे हैं साथ ही इतना लंबा सफर तय करना उनके लिए मुश्किल होगा.

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पलवल जिले में ये स्कूल होने वाले हैं बंद

ये भी पढ़ेंः यमुना नगरः 25 से कम बच्चे वाले स्कूलों को बंद करने के लिए शुरू हुआ सर्वे

अध्यापक ने क्या कहा ?

गोपालगढ़ स्कूल के अध्यापक राज सिंह में जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पहले बच्चे काफी कम थे लेकिन हमने गांव वालों से बात की और अब हमारे यहां 25 बच्चे हैं और भविष्य में हम और संख्या बढ़ाने पर काम कर रहे हैं उम्मीद है कि और छात्र बढ़ जाएंगे. इसलिए सरकार को इस पर एक बार सोचना चाहिए क्योंकि यहां ज्यादातर गरीब बच्चे पढ़ते हैं वो इतनी दूर कैसे जा पाएंगे.

सरपंच बोले बढ़ जाएंगे बच्चे

गोपालगढ़ के सरपंच राजकुमार ने कहा कि वो अध्यापकों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं जल्द ही और बच्चे बढ़ जाएंगे, सरकार को चाहिए कि थोड़ा वक्त और देख ले. क्योंकि इतनी दूर छोटे-छोटे बच्चों का जाना आसान नहीं है.

ये भी पढ़ेंः कैथल में बंद होंगे 21 प्राइमरी और 4 मिडिल स्कूल, संकट में 262 विद्यार्थियों का भविष्य

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा ?

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी गौतम कुमार ने कहा कि पलवल में 4 प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें 0 से 25 बच्चे हैं उन्हें बंद नहीं किया जाएगा. बल्कि 1 किमी. के दायरे में किसी दूसरे स्कूल में समायोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम बच्चों के ट्रांसपोर्ट के लिए भी सरकार को लिखेंगे ताकि उन्हों आने-जाने में कोई दिक्कत ना हो. जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने ये भी कहा कि अगर आने वाले समय में इन स्कूलों में बच्चों की संख्या 25 से ज्यादा हो जाती है उन्हें दोबारा भी शुरू किया जा सकता है.

ये भी पढ़ेंः 1057 स्कूल बंद करने पर शिक्षा मंत्री का बड़ा बयान, बताया कब से शुरू होगा नया शैक्षिणक सत्र

शिक्षकों का क्या होगा ?

इन स्कूलों में तैनात 1304 जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) और मुख्य शिक्षकों,167 ईएसएचएम (एलीमेंट्री स्कूल हेडमास्टर) और 763 टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा.

पलवलः हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 1057 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है. जिनमें प्राइमरी और मिडिल स्कूल दोनों शामिल हैं. ये वो स्कूल हैं जिनमें बच्चों की संख्या 25 या उससे कम है. इस आदेश के बाद प्रदेश में 314 मिडिल स्कूल बंद होंगे और 743 प्रइमरी स्कूल. जिसके लिए सरकार ने कहा है कि जो मिडिल स्कूल बंद होंगे उनके बच्चों को 3 किमी. के अंदर वाले स्कूलों में समायोजित किया जाएगा. और प्राइमरी स्कूल के बच्चों को 1 किमी के दायरे में दूसरे स्कूल में समायोजित क्या जाएगा. लेकिन क्या ये संभव है कि हर स्कूल के 1 किमी के दायरे में दूसरा स्कूल मौजूद हो. यही जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम पलवल जिले के गांव गोपालगढ़ पहुंची. जहां के एक प्राइमरी स्कूल को बंद किया जा रहा है क्योंकि वहां 25 बच्चे पढ़ते हैं.

पलवलः गांव गोपालगढ़ से 5 किमी दूर है दूसरा स्कूल, 1 किमी वाले 'सरकारी' वादे का क्या होगा ?

क्या बोले अभिभावक ?

जब गोपालगढ़ के प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से बात की गई तो पता चला कि यहां से सबसे पास में जीपीएस औरंगाबाद का स्कूल पड़ता है जिसकी दूरी 4-5 किमी है. ऐसे में अभिभावकों का कहना है कि उनके पास कोई साधन नहीं है अपने छोटे-छोटे बच्चों को वहां तक कैसे पहुंचाएंगे.

छात्रों ने क्या कहा ?

गोपालढ़ के प्राइमरी स्कूल के 5वीं के छात्र मानव से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उसने कहा कि वो इतनी दूर जाने के लिए तैयार नहीं हैं, यहां उन्हें अच्छी शिक्षा मिल रही है और अध्यापक भी अच्छे से पढ़ा रहे हैं साथ ही इतना लंबा सफर तय करना उनके लिए मुश्किल होगा.

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पलवल जिले में ये स्कूल होने वाले हैं बंद

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अध्यापक ने क्या कहा ?

गोपालगढ़ स्कूल के अध्यापक राज सिंह में जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां पहले बच्चे काफी कम थे लेकिन हमने गांव वालों से बात की और अब हमारे यहां 25 बच्चे हैं और भविष्य में हम और संख्या बढ़ाने पर काम कर रहे हैं उम्मीद है कि और छात्र बढ़ जाएंगे. इसलिए सरकार को इस पर एक बार सोचना चाहिए क्योंकि यहां ज्यादातर गरीब बच्चे पढ़ते हैं वो इतनी दूर कैसे जा पाएंगे.

सरपंच बोले बढ़ जाएंगे बच्चे

गोपालगढ़ के सरपंच राजकुमार ने कहा कि वो अध्यापकों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं जल्द ही और बच्चे बढ़ जाएंगे, सरकार को चाहिए कि थोड़ा वक्त और देख ले. क्योंकि इतनी दूर छोटे-छोटे बच्चों का जाना आसान नहीं है.

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जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा ?

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी गौतम कुमार ने कहा कि पलवल में 4 प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें 0 से 25 बच्चे हैं उन्हें बंद नहीं किया जाएगा. बल्कि 1 किमी. के दायरे में किसी दूसरे स्कूल में समायोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम बच्चों के ट्रांसपोर्ट के लिए भी सरकार को लिखेंगे ताकि उन्हों आने-जाने में कोई दिक्कत ना हो. जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने ये भी कहा कि अगर आने वाले समय में इन स्कूलों में बच्चों की संख्या 25 से ज्यादा हो जाती है उन्हें दोबारा भी शुरू किया जा सकता है.

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शिक्षकों का क्या होगा ?

इन स्कूलों में तैनात 1304 जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) और मुख्य शिक्षकों,167 ईएसएचएम (एलीमेंट्री स्कूल हेडमास्टर) और 763 टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा.

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