पलवल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत प्रदान करने के लिए हरियाणा भावांतर भरपाई योजना 2021 (Haryana Bhavantar Bharpai Yojana 2021) को शुरू किया है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों को मंडी में कम कीमत पर फसल बेचने होने वाले नुकसान की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाती है. भावांतर भरपाई योजना के अंर्तगत सब्जियों में आलू, प्याज, टमाटर, फूलगोभी, गाजर, मटर, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, मिर्च, लौकी, करेला, हल्दी, पत्ता गोभी, लहसुन, मूली तथा फलों में अमरूद, आम, किन्नू को शामिल किया गया है.
पलवल के बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने आलू की फसल का संरक्षित मूल्य 500 रूपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 600 रूपए प्रति क्विंटल (protected price of potato Haryana) कर दिया है. जिसका लाभ पलवल जिले के किसानों को होगा. डॉ. अब्दुल ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को कृषि में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा.
वहीं जिला उद्यान विकास अधिकारी डॉ. संतोष शर्मा ने बताया कि भावांतर भरपाई योजना सरकार की एक अनूठी योजना है. संतोष शर्मा ने बताया कि किसान अपनी फसल को बेचने के लिए मंडी में जाता है, यदि उसे फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है तो मार्केट कमेटी में जाकर जे फार्म अवश्य कटवाऐं. जिला उद्यान विकास अधिकारी ने कहा कि जे फार्म को पोर्टल पर जाकर अपलोड करने पर बाजार में फसल की कम कीमत मिलने पर सरकार द्वारा किसान की भरपाई की जाएगी. सरकार द्वारा नुकसान की यह राशी सीधे किसान के खाते में डाली जाएगी. जिससे किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा.
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गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा भावांतर भरपाई योजना शुरू करने से पलवल जिले के किसानों का रूझान बागवानी की फसलों जैसे सब्जियों की खेती व फलों व फूलों की खेती की तरफ लगातार बढ़ रहा है. जिससे किसानों को बागवानी की खेती करने पर काफी लाभ हो रहा है. साथ ही बागवानी विभाग की टीम भी फसलों का सर्वे कर रही है. जिला उद्यान विकास अधिकारी संतोष शर्मा ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora Portal) पर जाकर अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं.
वहीं गांव सिहोल के किसान कुलदीप सिहं ने बताया कि दो एकड़ में आलू की फसल लगाई हुई है. सरकार द्वारा आलू की फसल का संरक्षित मूल्य 500 रूपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 600 रूपए प्रति क्विंटल करने से किसानों को इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि परम्परागत खेती को छोडक़र बागवानी की खेती करने पर बल दे रहे है ताकि अधिक लाभ हो सके.
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