पलवल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानून वापस लेने (farm laws repealed) के फैसले के बाद किसानों में हर्षोल्लास का माहौल है. वहीं राजनितिक पार्टियों के नेता भी किसानों के बीच पहुंचकर किसानों की खुशी में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) पलवल में किसान धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों की खुशी में शामिल हुए. इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा और मृतकों के परिजनों को नौकरी दिलवाने की मांग.
उन्होंने आंदोलन में किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे भी वापस लेने की बात कही. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 14 महीनों से तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसानों का सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन लगातार जारी था. इसी बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के आगे झुकना पड़ा है और प्रधानमंत्री के इस फैसले के लिए उनका धन्यवाद करते हैं, लेकिन किसानों की लड़ाई अभी पूरी नहीं हुई है. इस आंदोलन के दौरान जो भी किसान शहीद हुए हैं सरकार को चाहिए कि उनके परिवारों को सरकारी नौकरी और मुआवजा दे.
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आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं वह मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए. किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सी2 फार्मूला लागू किया जाए. बता दें कि पिछले साल मोदी सरकार ने जून, 2020 में तीन कृषि कानून लागू किए थे. पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इनका विरोध करते हुए आंदोलन की शुरुआत की थी. इसके बाद सितंबर के मॉनसून सत्र में इसपर बिल संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया. किसानों का विरोध और तेज हो गया. हालांकि इसके बावजूद सरकार इसे राष्ट्रपति के पास ले गई और उनके हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल कानून बन गए. इस बाद पिछले कई एक साल से किसान दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन को जारी रखा. किसानों ने अभी भी बॉर्डर पर ही जमे रहने का फैसला किया है.
क्या कहा पीएम मोदी ने?
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने (pm modi on farm laws) कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए और देशवासियों से यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. किसानों को इन तीनों कानूनों के बारे में समझाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह समझ नहीं पाए. हमने किसानों की बातों और उनके तर्क को समझने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. जिन कानूनों पर ऐतराज था उनको समझने में सरकार ने भरपूर कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर घर वापसी की अपील की है.
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