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धान उगाने के लिए किसानों ने शुरू की नर्सरियों की बिजाई - loksabha

कृषि अधिकारी पलवल ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों ने धान उगाने के लिए नर्सरियों की बिजाई शुरू कर दी है और बासमती किस्मों की बिजाई 15 जून से की जाएगी.

धान की फसल
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Published : May 24, 2019, 6:32 PM IST

पलवल: जिले में धान के उत्पादक किसानों ने धान की पौध तैयार करने के लिए नर्सरियों में बिजाई शुरू कर दी है.

कृषि अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि पलवल जिले में धान की सामान्य किस्मों की बिजाई चल रही है. जबकि बासमती किस्मों की बिजाई 15 जून से शुरू होगी. असुगंधित बौनी किस्मों का 10 से 12 किलोग्राम, संकर धान का 6 से 7 किलोग्राम और बासमती किस्मों का 8 किलोग्राम बीज पर एक एकड़ रोपाई के लिए पर्याप्त रहता है.

एक एकड़ में उगाई गई धान की पौध से सोलह से बीस एकड़ भूमि में धान की रोपाई की जा सकती है. बासमती किस्मों में पीआर 106,114,128, एचकेआर 102,126,127 और संकर किस्मों की नर्सरी में 30 मई तक और कम समय में पकने वाली किस्मों आईआर 64, पूसा 33, एचकेआर 46 और 47 की पौध 30 जून तक कर देनी चाहिए.

इसके अलावा बासमती किस्मों में बासमती 370, तरावड़ी बासमती, सीएसआर 30, पूसा बासमती 1, पूसा बासमती 1121, 1509, 1609, 1401,1460 और संकर बासमती पूसा आरएच 10 की नर्सरी की बिजाई जून के पहले पखवाडे में करनी चाहिए.

कृषि अधिकारी ने किसानों को सलाह दी कि धान की नर्सरी में खरपतवार को निकालते रहे और समय पर पानी दें. बीज को भूमिगत रोगों से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह से कीटनाशकों का छिड़काव अवश्य करें.

क्लिक कर देखें वीडियो.

किसान धान की फसल की तैयारी के दौरान हरी खाद का प्रयोग करें. हरी खाद बनाने के लिए खेतों में खड़ी हुई ढैंचा की फसल और मूंग की फसल की जुताई कर दें. खेत को अच्छी तरह से तैयार करें. खेत में पानी भर गुड़ाई करें और उसके बाद धान के पौध की रोपाई करें. एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी कम से कम 6 इंच रखी जाती है.

पलवल: जिले में धान के उत्पादक किसानों ने धान की पौध तैयार करने के लिए नर्सरियों में बिजाई शुरू कर दी है.

कृषि अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि पलवल जिले में धान की सामान्य किस्मों की बिजाई चल रही है. जबकि बासमती किस्मों की बिजाई 15 जून से शुरू होगी. असुगंधित बौनी किस्मों का 10 से 12 किलोग्राम, संकर धान का 6 से 7 किलोग्राम और बासमती किस्मों का 8 किलोग्राम बीज पर एक एकड़ रोपाई के लिए पर्याप्त रहता है.

एक एकड़ में उगाई गई धान की पौध से सोलह से बीस एकड़ भूमि में धान की रोपाई की जा सकती है. बासमती किस्मों में पीआर 106,114,128, एचकेआर 102,126,127 और संकर किस्मों की नर्सरी में 30 मई तक और कम समय में पकने वाली किस्मों आईआर 64, पूसा 33, एचकेआर 46 और 47 की पौध 30 जून तक कर देनी चाहिए.

इसके अलावा बासमती किस्मों में बासमती 370, तरावड़ी बासमती, सीएसआर 30, पूसा बासमती 1, पूसा बासमती 1121, 1509, 1609, 1401,1460 और संकर बासमती पूसा आरएच 10 की नर्सरी की बिजाई जून के पहले पखवाडे में करनी चाहिए.

कृषि अधिकारी ने किसानों को सलाह दी कि धान की नर्सरी में खरपतवार को निकालते रहे और समय पर पानी दें. बीज को भूमिगत रोगों से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह से कीटनाशकों का छिड़काव अवश्य करें.

क्लिक कर देखें वीडियो.

किसान धान की फसल की तैयारी के दौरान हरी खाद का प्रयोग करें. हरी खाद बनाने के लिए खेतों में खड़ी हुई ढैंचा की फसल और मूंग की फसल की जुताई कर दें. खेत को अच्छी तरह से तैयार करें. खेत में पानी भर गुड़ाई करें और उसके बाद धान के पौध की रोपाई करें. एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी कम से कम 6 इंच रखी जाती है.



---------- Forwarded message ---------
From: dinesh kumar <adinesh.sehrawat3@gmail.com>
Date: Fri 24 May, 2019
Subject: 24_5_palwal_dhan ki nursery_dinesh kumar
To: Haryana Desk <haryanadesk@etvbharat.com>, <bhupinderkumar@etvbharat.com>





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एंकर : पलवल, पलवल जिले में धान के उत्पादक किसानों ने धान की पौध तैयार करने के लिए नर्सरियों में बिजाई शुरू कर दी है। 

वीओं :कृषि अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि पलवल जिले में धान की सामान्य किस्मों की बिजाई चल रही है जबकि बासमती किस्मों की बिजाई पंद्रह जून से शुरू होगी। असुगंधित बौनी किस्मों का 10 से 12 किलोग्राम व संकर धान का 6 से 7 किलोग्राम तथा बासमती किस्मों का 8 किलोग्राम बीज एक एकड़ रोपाई के लिए पर्याप्त रहता है। एक एकड़ में उगाई गई धान की पौध से सोलह से बीस एकड़ भूमि में धान की रोपाई की जा सकती है। बासमती किस्मों में पीआर 106,114,128, एचकेआर 102,126,127 तथा संकर किस्मों की नर्सरी में 30 मई तक तथा कम समय में पकने वाली किस्मों आई आर 64,पूसा 33,एचकेआर 46 व 47,की पौध 30 जून तक कर देनी चाहिए। इसके अलावा बासमती किस्मों बासमती 370,तरावड़ी बासमती, सीएसआर 30,पूसा बासमती 1,पूसा बासमती 1121, 1509, 1609, 1401,1460 तथा संकर बासमती पूसा आरएच 10 की नर्सरी की बिजाई जून के पहले पखवाडे में करनी चाहिए।  धान की नर्सरी में खरपतवार को निकालते रहे और समय पर पानी दें। बीज को भूमिगत रोगों से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह से कीटनाशकों का छिडक़ाव अवश्य करें। उन्होंने कहा कि किसान धान की फसल की तैयारी के दौरान हरी खाद का प्रयोग करें। हरी खाद बनाने के लिए खेतों में खड़ी हुई ढैंचा की फसल व मूंग की फसल की जुताई कर देें। खेत को अच्छी तरह से तैयार करें। खेत में पानी भर गुडाई करें और उसके बाद धान की पौध की रोपाई करें। एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी कम से कम 6 इंच रखी जाती है। 

बाइट : महेश गुप्ता कृषि अधिकारी पलवल फाइल नं 2

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