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पलवल में धरने पर बैठे किसानों ने बोरिंग खोदकर की पानी की व्यवस्था

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Published : Feb 9, 2021, 5:47 PM IST

पलवल में धरने पर बैठे किसानों ने अपना पैसा खर्च करके पानी की व्यवस्था की है. किसानों ने धरने के पास ही बोरिंग कर समर्सिबल लगाया है ताकि किसानों को पीने का पानी, रसोई के लिए पानी, नहाने के लिए पानी मिल सके.

palwal farmers protest water boring
palwal farmers protest water boring

पलवल: नेशनल हाईवे पर अटोन्हां चौक के समीप किसान दो फरवरी से दोबारा धरने पर बैठे हैं. धरने पर बैठे किसानों के लिए ना तो यहां पर पीने के पानी की व्यवस्था है और ना कोई बिजली की व्यवस्था. किसानों ने प्रशासन से इन व्यवस्थाओं का इंतजाम करने के लिए कहा था, लेकिन प्रशासन ने किसानों से वादा करने के बावजूद भी कोई इंतजाम नहीं किया.

जब प्रशासन ने किसानों के लिए ना तो बिजली की, ना पीने के पानी की कोई व्यवस्था की तो खुद किसानों ने अपना पैसा खर्च करके धरने के पास ही एक बोरिंग कराया और उसके अंदर समर्सिबल लगा दिया.

पलवल में धरने पर बैठे किसानों ने बोरिंग खोदकर की पानी की व्यवस्था

ये भी पढ़ें- पीएम के आंदोलनजीवी बयान पर राकेश टिकैत का हमला, बोले- ये आंदोलनकारियों का अपमान

बता दें कि, ये धरना 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जेलदार के नेतृत्व में किया जा रहा है. अरुण जैलदार ने इस बारे में कहा कि प्रशासन ने उनसे बिजली और पानी की सुविधा देने का वादा किया था, लेकिन बार-बार कहने के बाद भी प्रशासन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर सका.

इसके बाद कमेटी ने ये निर्णय लिया कि यहां पर मौके पर ही पानी के लिए बोर किया जाए ताकि उनको पानी उपलब्ध हो सके. इसी को लेकर उन्होंने यहां पर बोरिंग कराया.

वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए जेलदार ने कहा कि पहले यही बीजेपी वाले कपड़े उतारकर स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने का कांग्रेस पर दबाव बनाते थे, लेकिन आज खुद ही सत्ता में बैठने के बाद स्वामीनाथन रिपोर्ट को भूल गए हैं. उन्होंने कहा कि किसान अब दोबारा से धरने पर बैठ गए हैं और आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में भी खाली नहीं हुई गुरुग्राम नगर निगम की तिजोरी, वसूला 210 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स

पलवल: नेशनल हाईवे पर अटोन्हां चौक के समीप किसान दो फरवरी से दोबारा धरने पर बैठे हैं. धरने पर बैठे किसानों के लिए ना तो यहां पर पीने के पानी की व्यवस्था है और ना कोई बिजली की व्यवस्था. किसानों ने प्रशासन से इन व्यवस्थाओं का इंतजाम करने के लिए कहा था, लेकिन प्रशासन ने किसानों से वादा करने के बावजूद भी कोई इंतजाम नहीं किया.

जब प्रशासन ने किसानों के लिए ना तो बिजली की, ना पीने के पानी की कोई व्यवस्था की तो खुद किसानों ने अपना पैसा खर्च करके धरने के पास ही एक बोरिंग कराया और उसके अंदर समर्सिबल लगा दिया.

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बता दें कि, ये धरना 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जेलदार के नेतृत्व में किया जा रहा है. अरुण जैलदार ने इस बारे में कहा कि प्रशासन ने उनसे बिजली और पानी की सुविधा देने का वादा किया था, लेकिन बार-बार कहने के बाद भी प्रशासन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर सका.

इसके बाद कमेटी ने ये निर्णय लिया कि यहां पर मौके पर ही पानी के लिए बोर किया जाए ताकि उनको पानी उपलब्ध हो सके. इसी को लेकर उन्होंने यहां पर बोरिंग कराया.

वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए जेलदार ने कहा कि पहले यही बीजेपी वाले कपड़े उतारकर स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने का कांग्रेस पर दबाव बनाते थे, लेकिन आज खुद ही सत्ता में बैठने के बाद स्वामीनाथन रिपोर्ट को भूल गए हैं. उन्होंने कहा कि किसान अब दोबारा से धरने पर बैठ गए हैं और आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.

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