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हरियाणा के इस जिले में MSP पर नहीं बिक रहा धान, 1200 रु./क्विंटल बेचने को मजबूर किसान

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Published : Oct 1, 2020, 9:00 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 9:37 PM IST

सरकार की स्कीम के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की फसल की खरीद एमएसपी पर ही होगी. स्कीम के तहत किसानों के फोन पर धान की खरीद का मैसेज आया. जिसके बाद किसान मंडी में फसल लेकर पहुंचे. लेकिन ना तो मंडी में कोई खरीददार मिला.

farmers selling their paddy
farmers selling their paddy

पलवल: कृषि कानूनों के विरोध के बीच सूबे में 27 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरु हो गई. सरकार ने भी दावा किया, किसानों से वादा किया कि एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जाएगा, लेकिन वादे दावे और हकीकत का अंतर देखना है तो चलिए पलवल के होडल की इस अनाज मंडी में. जहां 1888 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी वाला धान 11 से 12 सौ रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है.

नहीं हो रही एमएसपी पर खरीद

जगदीश नाम के किसान की धान की फसल तीन दिन से होडल की मंडी में पड़ी है. वो भूखे प्यासे सारा काम काज छोड़ तीन से मंडी में फसल खरीद का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारियों के कई बार चक्कर काट चुके हैं. किसानों ने कहा कि उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही.

हरियाणा के इस जिले में MSP पर नहीं बिक रहा धान, क्लिक कर देखें वीडियो

किसान जगदीश ने कहा कि मैंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर धान की फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया था. जिसके बाद मंडी की तरफ से मेरे पास मैसेज आया कि वो धान की फसल लेकर मंडी में आ जाए. मैसेज मिलने के अगले दिन बाद जगदीश किसान मंडी में धान की फसल लेकर पहुंचे, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उनकी फसल की खरीद नहीं हुई है.

अधिकारियों के चक्कर काट रहे किसान

ऐसे ही एक दूसरे किसान रामगोपाल ने बताया कि वो दो दिन से अधिकारियों के चक्कर काटने के मजबूर हैं. हर बार उन्हें कहा जाता है कि जल्द ही एमएसपी पर धान की खरीद होगी. लेकिन अभी तक धान का एक भी दाना नहीं खरीदा गया है. जिसका फायदा निजी कंपनिया उठा रही हैं और वो मनचाहे दामों पर किसानों की फसल खरीद है. ऐसे में किसान भी प्राइवेट दामों पर फसल बेचने को मजबूर हो चुके हैं.

सरकार की स्कीम के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की फसल की खरीद एमएसपी पर ही होगी. स्कीम के तहत किसानों के फोन पर धान की खरीद का मैसेज आया. जिसके बाद किसान मंडी में फसल लेकर पहुंचे. लेकिन ना तो मंडी में कोई खरीददार मिला. ना कोई व्यवस्था, हालात ये हैं कि होडल के किसान रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी मुस्द्दीलाल बनने को मजबूर हैं.

चुप्पी साध गए होडल मंडी सचिव

इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जब सरकारी खरीद को लेकर मंडी के सचिव दीपक कुमार से बातचीत की तो उनकी तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला. जब उनसे किसान कि फसल एमएसपी पर नहीं खरीदे जाने पर सवाल किया तो उनकी जुबान लड़खड़ा गई. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही किसानों की धान की फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी. इसके लिए उनकी उच्च अधिकारियों से बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है. वो अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं.

ये भी पढ़ें- हाथरस गैंगरेप पीड़िता के नाम पर इस लड़की की फोटो हुई वायरल, परिवार ने जताई आपत्ति

एमएसपी तो दूर की बात अभी तक सरकारी खरीद शुरू तक नहीं हुई है. जिसका फायदा उठाकर निजी कंपनियां औने-पौने दामों में किसानों की फसल खरीद रही हैं. सरकारी खरीद नहीं होने के चलते किसानों की फसल सप्ताह भर से मंडी में पड़ी है. ये खरीद कब शुरू होगी. कुछ नहीं पता.

पलवल: कृषि कानूनों के विरोध के बीच सूबे में 27 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरु हो गई. सरकार ने भी दावा किया, किसानों से वादा किया कि एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जाएगा, लेकिन वादे दावे और हकीकत का अंतर देखना है तो चलिए पलवल के होडल की इस अनाज मंडी में. जहां 1888 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी वाला धान 11 से 12 सौ रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है.

नहीं हो रही एमएसपी पर खरीद

जगदीश नाम के किसान की धान की फसल तीन दिन से होडल की मंडी में पड़ी है. वो भूखे प्यासे सारा काम काज छोड़ तीन से मंडी में फसल खरीद का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारियों के कई बार चक्कर काट चुके हैं. किसानों ने कहा कि उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही.

हरियाणा के इस जिले में MSP पर नहीं बिक रहा धान, क्लिक कर देखें वीडियो

किसान जगदीश ने कहा कि मैंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर धान की फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया था. जिसके बाद मंडी की तरफ से मेरे पास मैसेज आया कि वो धान की फसल लेकर मंडी में आ जाए. मैसेज मिलने के अगले दिन बाद जगदीश किसान मंडी में धान की फसल लेकर पहुंचे, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उनकी फसल की खरीद नहीं हुई है.

अधिकारियों के चक्कर काट रहे किसान

ऐसे ही एक दूसरे किसान रामगोपाल ने बताया कि वो दो दिन से अधिकारियों के चक्कर काटने के मजबूर हैं. हर बार उन्हें कहा जाता है कि जल्द ही एमएसपी पर धान की खरीद होगी. लेकिन अभी तक धान का एक भी दाना नहीं खरीदा गया है. जिसका फायदा निजी कंपनिया उठा रही हैं और वो मनचाहे दामों पर किसानों की फसल खरीद है. ऐसे में किसान भी प्राइवेट दामों पर फसल बेचने को मजबूर हो चुके हैं.

सरकार की स्कीम के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की फसल की खरीद एमएसपी पर ही होगी. स्कीम के तहत किसानों के फोन पर धान की खरीद का मैसेज आया. जिसके बाद किसान मंडी में फसल लेकर पहुंचे. लेकिन ना तो मंडी में कोई खरीददार मिला. ना कोई व्यवस्था, हालात ये हैं कि होडल के किसान रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी मुस्द्दीलाल बनने को मजबूर हैं.

चुप्पी साध गए होडल मंडी सचिव

इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जब सरकारी खरीद को लेकर मंडी के सचिव दीपक कुमार से बातचीत की तो उनकी तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला. जब उनसे किसान कि फसल एमएसपी पर नहीं खरीदे जाने पर सवाल किया तो उनकी जुबान लड़खड़ा गई. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही किसानों की धान की फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी. इसके लिए उनकी उच्च अधिकारियों से बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है. वो अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं.

ये भी पढ़ें- हाथरस गैंगरेप पीड़िता के नाम पर इस लड़की की फोटो हुई वायरल, परिवार ने जताई आपत्ति

एमएसपी तो दूर की बात अभी तक सरकारी खरीद शुरू तक नहीं हुई है. जिसका फायदा उठाकर निजी कंपनियां औने-पौने दामों में किसानों की फसल खरीद रही हैं. सरकारी खरीद नहीं होने के चलते किसानों की फसल सप्ताह भर से मंडी में पड़ी है. ये खरीद कब शुरू होगी. कुछ नहीं पता.

Last Updated : Oct 1, 2020, 9:37 PM IST
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