पलवल/करनालः हरियाणा सरकार ने रबी की फसल खरीद शुरू होने से पहले किसानों से वादा किया था कि जे फार्म कटने के 48 घंटे के भीतर आपके खाते में पैसा पहुंच जाएगा. इसी की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम अलगअलग- मंडियों में पहुंची जहां की सच्चाई जानकर आप हैरान हो जाएंगे.
पलवल अनाज मंडी में क्या हुआ ?
ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले पलवल अनाज मंडी में पहुंची जहां पहले हमारी मुलाकात विजयपाल से हुई. उन्होंने बताया कि वो 1 अप्रैल को मंडी में गेहूं बेच चुके हैं लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है. वो कई बार अपना खाता भी चैक कर चुक हैं. एक और किसान कैलाश ने बताया कि उन्होंने 2 अप्रैल को अपनी फसल बेची थी लेकिन उनको भी अभी तक पेमेंट नहीं मिली है.
करनाल में अलग ही परेशानी
सीएम सिटी करनाल की मंडी में ईटीवी भारत की टीम ने इसी सवाल का जवाब लेने की कोशिश की, लेकिन वहां एक अलग परेशानी सामने आई. किसानों ने बताया कि यहां तो अभी ई खरीद पोर्टल ही काम नहीं कर रहा है तो टोकन भी नहीं निकल रहा है. लिहाजा फसल बिकेगी नहीं तो पैसा कहां से आएगा.
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लिफ्टिंग एक बड़ी समस्या
आढ़ती राजवीर सिंह कहते हैं कि पेमेंट ना होने में सबसे बड़ी भूमिका लिफ्टिंग की है क्योंकि जिन कंपनियों ने गेहूं खरीदा है उन्होंने अभी तक मंडी से उसे उठाया नहीं है और इसीलिए वो किसानों को अभी पैसे नहीं दे रहे हैं ऐसे में सरकार के वादे का कोई मतलब नहीं रह जाता है.
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होडल मार्केट कमेटी के सेक्रेट्री ने क्या कहा ?
मार्केट कमेटी के सेक्रेट्री मनोज पराशर ने कहा कि कुछ किसानों की पेमेंट लिफ्टिंग की वजह से नहीं हहुई है क्योंकि हमने एजेंसियों को बोल रखा है कि उठान के 48 घंटे के अंदर किसानों की पेमेंट करो क्योंकि सरकार के निर्देश हैं, लेकिन किसानों को अभी तक पेमेंट नहीं मिला है इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था.
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डिप्टी सीएम ने क्या कहा था ?
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 30 मार्च को सिरसा में कहा था कि जे फार्म के 48 घंटे के बाद अगर किसानों को पेमेंट नहीं होती है तो 72 घंटे बाद उन्हें 9 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसा मिलेगा. यही बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी कह चुके हैं.
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