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पलवल: धरने पर बैठे किसानों ने ताली और थाली बजाकर 'मन की बात' कार्यक्रम का किया विरोध - मन की बात कार्यक्रम किसान विरोध

पलवल जिले में पिछले 25 दिनों से कृषि बिलों को रद्द करवाने और एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए किसान धरने पर बैठे हैं. किसानों ने पीएम मोदी का कार्यक्रम मन की बात का ताली और थाली बजाकर विरोध किया.

palwal farmers hunger strike
धरने पर बैठे किसानों ने ताली और थाली बजाकर 'मन की बात' कार्यक्रम का किया विरोध
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Published : Dec 27, 2020, 7:03 PM IST

पलवल: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर कुछ समय पहले पूरा देश ताली और थाली बजाता हुआ दिखाई दिया था लेकिन आज पलवल से कुछ और तस्वीर देखने को मिली है. पलवल में धरने पर बैठे किसानों और उनका सर्मथन करने पहुंचे लोगों ने पीएम मोदी की तर्ज पर उन्ही के प्रोग्राम मन की बात का विरोध करने के लिए ताली और थाली बजाई.

इस दौरान किसानों ने कहा कि अगर सरकार अपने तानाशाही रवैये से बाज नहीं आती है तो देश का किसान देश की राजनीती में परिवर्तन लाने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अपने संबोधन में किसानों के हितैषी होने का ढोल पीटते है, लेकिन आज किसान इस कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर खुले आसमान के निचे रहने को मजबूर है और प्रधानमंत्री को जरा भी फर्र नहीं पड़ता.

धरने पर बैठे किसानों ने ताली और थाली बजाकर 'मन की बात' कार्यक्रम का किया विरोध

ये भी पढ़िए: चरखी दादरी: 'मन की बात' के विरोध में किसानों ने थाली और ताली बजाकर किया प्रदर्शन

किसानों ने कहा कि सत्ताधारी ये ना सोचा कि इस आंदोलन को ठंडे बस्ते में दाल दिया जाएगा. ये आंदोलन पूरी गर्म जोशी के साथ ऐसे ही लगातार तब तक बढ़ता रहेगा जब तक इन काले कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है.

आपको बता दे कि पलवल के नैशनल हाइवे 19 पर स्थित गांव अटोहां चौक पर पिछले 25 दिनों से कृषि बिलों को रद्द करवाने और एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए किसान धरने पर बैठे हैं. वहीं किसानों के धरना स्थल पर सातवें दिन भी 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल जारी रही.

पलवल: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर कुछ समय पहले पूरा देश ताली और थाली बजाता हुआ दिखाई दिया था लेकिन आज पलवल से कुछ और तस्वीर देखने को मिली है. पलवल में धरने पर बैठे किसानों और उनका सर्मथन करने पहुंचे लोगों ने पीएम मोदी की तर्ज पर उन्ही के प्रोग्राम मन की बात का विरोध करने के लिए ताली और थाली बजाई.

इस दौरान किसानों ने कहा कि अगर सरकार अपने तानाशाही रवैये से बाज नहीं आती है तो देश का किसान देश की राजनीती में परिवर्तन लाने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अपने संबोधन में किसानों के हितैषी होने का ढोल पीटते है, लेकिन आज किसान इस कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर खुले आसमान के निचे रहने को मजबूर है और प्रधानमंत्री को जरा भी फर्र नहीं पड़ता.

धरने पर बैठे किसानों ने ताली और थाली बजाकर 'मन की बात' कार्यक्रम का किया विरोध

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किसानों ने कहा कि सत्ताधारी ये ना सोचा कि इस आंदोलन को ठंडे बस्ते में दाल दिया जाएगा. ये आंदोलन पूरी गर्म जोशी के साथ ऐसे ही लगातार तब तक बढ़ता रहेगा जब तक इन काले कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है.

आपको बता दे कि पलवल के नैशनल हाइवे 19 पर स्थित गांव अटोहां चौक पर पिछले 25 दिनों से कृषि बिलों को रद्द करवाने और एमएसपी पर कानून बनवाने के लिए किसान धरने पर बैठे हैं. वहीं किसानों के धरना स्थल पर सातवें दिन भी 24 घंटे की सांकेतिक भूख हड़ताल जारी रही.

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