पलवल: खेती एक जोखिम का काम है. इसमें कदम-कदम पर चुनौती ही चुनौती है. खेत तैयार करने से लेकर फसल को मंडी में बेचने तक हर चरण में मुश्किलों से गुजरना पड़ता है. हालांकि बीते कई सालों में खेती में आमूलचूल तब्दीली आई है. तकनीक और तौर-तरीकों में बदलाव हुआ है. सदियों से जो खेती होती रही वह अब पूरी तरह बदल गई. यही वजह है कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब लोगों का रूझान खेती की ओर बढ़ना शुरू हो गया है. इसी कड़ी में पलवल के किसानों का रूझान केले की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा (Banana cultivation in Palwal) है.
जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि पलवल जिले में साल 2021- 22 के तहत सात हेक्टेयर भूमि में केले की खेती करने का लक्ष्य बागवानी विभाग हरियाणा द्वारा प्रदान किया गया था. अब इस लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि पलवल जिले के कुलैना गांव, मकसूदपुर, सोलड़ा में केला की खेती की जा रही है. उक्त गांवों में करीब 9 किसानों को केले की खेती करने पर अनुदान राशि दी गई है. बागवानी विभाग द्वारा केले की खेती करने वाले किसानों को एक हेक्टेयर पर दो साल के अंर्तगत 50 हजार रूपए देने का प्रावधान है.
पहले साल में 37 हजार 500 रूपये जबकि दूसरे साल में फसल की रखरखाव के लिए 12 हजार 500 रूपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है. केले की खेती को देखते हुए चार अन्य किसानों ने भी केले की खेती करनी शुरू कर दी है. उन्हें भी विभाग द्वारा जल्द ही अनुदान राशि दे दी जाएगी. अब्दुल रज्जाक ने कहा कि पलवल जिले में बीते तीन सालों से केले की खेती करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. खादर क्षेत्र के किसानों में केले की खेती करने के प्रति काफी रूझान बढ़ा है. केले की जी-9 किस्म की अच्छी पैदावार हो रही है. केले की फसल नकदी फसलों में आती है.
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किसान एक एकड़ में केले की फसल लगाकर एक साल में तीन से पांच लाख रूपए कमा सकता है. डॉ. अब्दुल रज्जाक का कहना है कि पलवल के बाजार में केले की मांग लगातार बढ़ रही है इसलिए किसानों को केले की खेती करने के लिए बागवानी विभाग द्वारा जानकारी प्रदान की जा रही है. किसान परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की खेती की ओर बढे़ें और बागवानी विभाग की योजनाओं का लाभ उठाऐं ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का किसानों की आमदनी को दोगुणा करने का मिशन पूरा हो सके.
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वहीं गांव कुलैना के किसान भगत सिंह और मूलचंद शर्मा ने बताया कि तीन एकड़ में केले की फसल लगाई हुई है. केले की खेती करने के लिए बागवानी विभाग द्वारा अनुदान दिया जा रहा है. केले की खेती नकदी फसल है. किसानों से अपील करते हैं कि धान, गेहूं व अन्य परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की खेती करें और आर्थिक रूप से मजबूत बनें.
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