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पलवल में भी किसानों ने किया चक्का जाम, कृषि अध्यादेशों को लेकर दिखा रोष

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Published : Sep 20, 2020, 5:03 PM IST

केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन अध्यादेशों का देश और प्रदेश में अलग-अलग किसान संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है, जिसका असर पलवल जिले में भी दिखा.

farmers did chakka jam in palwal against agriculture ordinance
पलवल में भी किसानों ने किया चक्का जाम

पलवल: जिले के देवीलाल पार्क में रविवार को एकत्रित होकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और अध्यादेश वापस लेने की मांग की. किसानों ने प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा. पुलिस ने जगह-जगह बैरिगेटिंग भी लगाई थी. इस दौरान किसान सभा पलवल के जिला प्रधान धर्मचंद ने कहा कि ये अध्यादेश किसान विरोधी है. इसलिए हम सब इसका विरोध कर रहे हैं.

धर्मचंद ने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने देश की जनता को आश्वासन दिया था कि हमारी सरकार बनने पर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करेंगे, लेकिन उसको लागू करना तो दूर, सरकार ने उल्टा सर्वोच्च न्यायालय में ये हलफनामा दे दिया कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं कर सकते.

पलवल में भी किसानों ने किया चक्का जाम

वहीं भारतीय किसान यूनियन के पलवल जिला अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों अध्यादेश किसानों के हित में नहीं हैं. उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से किसानों पर दर्ज किए गए केस को वापस ले.

वहीं आम आदमी पार्टी के नेता रणधीर चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा पारित किए गए अध्यादेशों से किसानों को फायदा नहीं होगा, बल्कि पूंजीपतियों को फायदा पहुंचेगा. चौहान ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए.

वहीं तमाम विरोध के बीच पलवल के विधायक दीपक मंगला ने कृषि अध्यादेश को पूर्णत: किसानों के हित में बताया और कहा कि कुछ विपक्ष के लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं. किसान विपक्षी दलों के बहकावे में न आएं.

पढ़ें- राज्य सभा से कृषि सुधार बिल पास, सदन की कार्यवाही स्थगित

पलवल: जिले के देवीलाल पार्क में रविवार को एकत्रित होकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और अध्यादेश वापस लेने की मांग की. किसानों ने प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहा. पुलिस ने जगह-जगह बैरिगेटिंग भी लगाई थी. इस दौरान किसान सभा पलवल के जिला प्रधान धर्मचंद ने कहा कि ये अध्यादेश किसान विरोधी है. इसलिए हम सब इसका विरोध कर रहे हैं.

धर्मचंद ने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने देश की जनता को आश्वासन दिया था कि हमारी सरकार बनने पर स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करेंगे, लेकिन उसको लागू करना तो दूर, सरकार ने उल्टा सर्वोच्च न्यायालय में ये हलफनामा दे दिया कि हम स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं कर सकते.

पलवल में भी किसानों ने किया चक्का जाम

वहीं भारतीय किसान यूनियन के पलवल जिला अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों अध्यादेश किसानों के हित में नहीं हैं. उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि सरकार तुरंत प्रभाव से किसानों पर दर्ज किए गए केस को वापस ले.

वहीं आम आदमी पार्टी के नेता रणधीर चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा पारित किए गए अध्यादेशों से किसानों को फायदा नहीं होगा, बल्कि पूंजीपतियों को फायदा पहुंचेगा. चौहान ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए.

वहीं तमाम विरोध के बीच पलवल के विधायक दीपक मंगला ने कृषि अध्यादेश को पूर्णत: किसानों के हित में बताया और कहा कि कुछ विपक्ष के लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं. किसान विपक्षी दलों के बहकावे में न आएं.

पढ़ें- राज्य सभा से कृषि सुधार बिल पास, सदन की कार्यवाही स्थगित

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