पलवल: पूरी दुनिया का पेट भरने वाला अन्नदाता किसान इन दिनों दोहरी मार से गुजर रहा है. किसान पर एक मार कोरोना वायरस की पड़ रही है तो वहीं दूसरी मार गेहूं की तैयार खड़ी फसल को लेकर पड़ रही है. किसान के पास कोई ऐसा विकल्प नजर नहीं आ रहा है जिससे वह इस मुसीबत से निकल सके. किसान की सोना कही जाने वाली गेहूं की फसल पक कर कटने के लिए खेत में तैयार खड़ी है लेकिन किसान परेशान है कि वह अपनी फसल की समय पर कटाई कैसे कर पाएगा.
किसान को लेबर और मशीनरी मिलने में काफी दिक्कत हो रही है जितना मुमकिन हो पा रहा है किसान हाथ से कटाई करवा रहा है या फिर अपने परिवार के साथ कर रहा है. लेकिन हाथ से पूरे रकबे की कटाई करना असंभव है. किसान को उम्मीद है कि जल्द ही उनके पास मशीन पहुंच जाएगी.
गेहूं की बाली से गेहूं निकालने वाली मशीन का इंतजार हो रहा है. किसान को बड़ी बेसब्री से गेहूं निकालने वाली मशीन का इंतजार है लेकिन इसके बाद भी किसान की मुसीबत खत्म होने की का नाम नहीं ले रही है क्योंकि किसानों का कहना है कि गेहूं निकालने के बाद भी वह गेहूं को मंडी में नहीं ले जाकर बेच सकते क्योंकि कोरोना वायरस के चलते मंडी में खरीद नहीं हो रही है.
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ऐसे में किसान के पास गेहूं को संग्रह करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है जिस कारण किसान के सामने गेहूं को संग्रहालय में रखने का भी चुनौतीपूर्ण कार्य है. किसानों ने बताया कि गेहूं को इकट्ठा रखने में भी कई प्रकार के रोग लग जाते हैं इसीलिए उनको इन मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान का कहना है कि वह नहीं जानते कि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन कब तक रहेगा लेकिन वह फिर भी मेहनत कर रहे हैं.
कोरोना महामारी के बीच भी किसान किसी को भूखा नहीं रहने देना चाहता जिसके लिए वह अपने परिवार के साथ खेत में गेहूं की कटाई कर रहा है. उसको उम्मीद है कि जल्द ही मशीनरी उसके पास आ जाएगी और उसकी गेहूं को खरीदने का भी कोई ना कोई विकल्प जरूर निकाला जाएगा.
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