पलवल/सोनीपत: कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो गए हैं. 100 दिन पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा में KMP-KGP यानी (Kundli–Manesar–Palwal और Kundli–Ghaziabad–Palwal) एक्सप्रेस-वे को 11 से 4 बजे तक जाम रखने का फैसला किया था और हुआ भी ऐसा ही. किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से KMP-KGP एक्सप्रेस-वे को 11 से 4 बजे तक जाम किया.
ये भी पढ़ें- आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसानों ने 5 घंटे तक जाम रखा KMP एक्स्प्रेस-वे
अच्छी बात ये रही कि किसानों ने जरूरी सेवाओं के वाहनों को नहीं रोका. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ये जाम लगाया गया था. एक्सप्रेसवे पर बैठे किसान ढोल-मंजीरा लिए गाते-बजाते रहे. उन्होंने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.
इस प्रदर्शन को देखते हुए DSP स्तर के अधिकारी और उनकी सहायता के लिए संबंधित थाना और चौकी प्रभारी के अलावा, पुलिस के जवान और RAF अर्धसैनिक बलों की तैनाती दंगारोधी साजो-सामान के साथ की गई थी. जिले में रोड जाम करने की संभावना के मद्देनजर ट्रैफिक डायवर्जन की भी अलग से व्यवस्था की गई थी. कांग्रेस के दिग्गज नेता करण सिंह दलाल ने भी किसानों को समर्थन देने के KMP-KGP एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे. उन्होंने सरकार से कृषि कानून को वापस लेने की मांग की. करण दलाल ने कहा कि ज्यादा देर तक बीजेपी का ये रवैया नहीं चलेगा. आज नहीं तो कल उन्हें इन तीनों कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा.
ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन: दिल्ली की सीमाओं पर 100 दिन पूरे, किसानों ने केएमपी को किया जाम
किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल भी सोनीपत में केएमपी पर पहुंचे और सरकार पर निशाना साधा. बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से था और शांतिपूर्ण तरीके से रहेगा और उन्होंने कहा कि जनता से बड़ा कुछ नहीं होता, लेकिन यह सरकार जनता को कुछ भी नहीं समझ रही है. जो कि अब जनता को समझ आ चुका है. उन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करने की भी बात कही.
ये भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव में बीजेपी के खिलाफ करेंगे प्रचार- किसान नेता
शनिवार को किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. इस दौरान KMP-KGP एक्सप्रेस-वे पर जाम की स्थिति बनी रही. 4 बजते ही किसानों ने KMP-KGP एक्सप्रेस-वे को खाली करना शुरू कर दिया. जिसके बाद फिर से ट्रैफिक सुचारू हो गया. फिलहाल 9 मार्च को किसान संयुक्त मोर्चा की अहम बैठक होगी. जिसमें आंदोलन की आगामी रूपरेखा तय की जाएगी.