पलवल: जिले की श्री कृष्ण चौबीसी गौशाला में गायों के आधार कार्ड बनाए गए हैं. वहीं गायों को बीमारी से बचाने के लिए मुहूं खुर, गलघोटू जैसी बीमारियों के टीके भी लगा दिए गए हैं. गौशाला मैनेजर के मुताबिक इस गौशाला में लगभग 700 गायें हैं. सभी की पहचान के लिए बिल्ले लगाए जा चुके हैं. हालांकि इस गौशाला में गायों की देखभाल भगवान भरोसे ही हो रही है. इस हाड़कंपा देने वाली ठंड में भी गायें बाहर रहने के लिए मजबूर हैं. गौशाला में गायों की अधिक संख्या और रहने के लिए शेडों की कमी के चलते गायें बाहर ही रह रही हैं. उपर से हो रही बरसात भी उनकी मुश्किलें बढ़ा रहा है.
आधार कार्ड और टीके लगाए जा चुके हैं: गौशाला मैनेजर
गौशाल के मैनेजर रणवीर ने बताया कि गौशाला में गायों की पहचान के लिए आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं. वहीं बीमारी से बचाने के लिए मुह खुर और गलघोटू जैसी बीमारी के टीके भी लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस गौशाला में लगभग 700 गायें हैं. सभी के पहचान के लिए बिल्ले लगाए जा चुके हैं.
लोगों की दान पर चल रही गौशाला
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों द्वारा गौशाला में जो दान दिया जाता है. उसी के द्वारा गायों की सेवा की जा रही है और देखभाल की जा रही है. उन्होंने कहा कि यS गौशाला लगभग 100 साल पुरानी गौशाला है, लेकिन आज तक सरकार की तरफ से इस गौशाला को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है.
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सरकार के मदद की है दरकार
उन्होंने कहा कि अगर सरकार की तरफ से इस गौशाला को कुछ राहत मिल जाए, तो गायों की और अच्छी तरह से देखभाल हो सकती है. गायों को रहने के लिए टीन शेड की कमी है. सरकार अगर टीन शेड बनाने के लिए मदद कर दे, तो काफी अच्छा होता. क्योंकी गायों को बारिश और सर्दी के मौसम में भी खुले में खड़ा रहना पड़ता है, लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रही है.