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पलवल में सीएम फ्लाइंग की रेड, फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले का किया भंडाफोड़ - palwal latest news

पलवल में सीएम फ्लाइंग ने (CM Flying raid Palwal) फर्जी तरीके से लाइसेंस बनाने का भंड़ाफोड़ कर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोपी बृजमोहन ने ऑस्ट्रेलिया में बैठी लड़की का फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया था. पुलिस ने इस मामले में स्थानीय लाइसेंस अथोरिटी क्लर्क बृज मोहन, मोटर व कंप्यूटर ऑपरेटर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है.

CM Flying raid Palwal
CM Flying raid Palwal
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Published : Dec 8, 2021, 4:21 PM IST

पलवल: फर्जी गन लाइसेंस बनाने का मामला हो या फिर तहसील कार्यालय से रजिस्ट्री निकालकर अंगूठे का क्लोन बनाकर लोगों के खाते से रुपये निकालने का हो. आखिरकार जिले में लघु सचिवालय के कार्यालयों में फर्जीवाडा थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कार्यालयों में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. ताजा मामला फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस (fake driving license in Palwal) बनाने का आया है. दरअसल ऑस्ट्रेलिया में बैठी लड़की का पलवल की लाइसेंस अथोरिटी में नियमों को ताक पर रखकर लाइसेंस बना दिया गया.

सीएम फ्लाइंग (CM Flying raid Palwal) को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि पलवल की लाइसेंस अथोरिटी में नियमों को ताक पर रखकर लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. इसी आधार पर उन्होंने मामले की गहनता से जांच की और जांच में पाया गया कि न्यू कॉलोनी निवासी शैफाली नामक लड़की जो कि 5 मार्च 2018 में ऑस्ट्रोलिया चली गई थी. उसके वहां जाने के बाद उसका पलवल की लाइसेंस अथोरिटी से लाइसेंस बनाया गया. सीएम फ्लाइंग के अधिकारियों ने बताया कि 21 मार्च 2018 में लड़की के नाम से स्थाई ड्राइविग लाइसेंस के नाम पर 1030 रुपये की रसीद कटवाई गई. जबकि आवेदक मौके पर नहीं है और उसके लाइसेंस संबंधी सभी प्रक्रियाएं करवाई जा रही हैं. उस समय स्थानीय लाइसेंसिंग अथोरिटी पलवल में बृज मोहन मोटर लाइसेंस क्लर्क के पद पर तैनात था.

ये भी पढ़ें- भिवानी में यूरिया खाद की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सीएम फ्लाइंग की रेड, एक गिरफ्तार

इस प्रकार बृजमोहन व कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यालय स्थानीय ड्राइविंग लाइसेंस अथोरिटी पलवल द्वारा अन्य व्यक्तियों से मिली भगत करके शैफाली की गैरमौजूदगी में उनका स्थाई मोटर ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया. बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस अथोरिटी में लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक को कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है. इनमें आवेदक को खुद उपस्थित होकर फिजिकल मोटर ड्राइविंग टेस्ट देना होता है, कंप्यूटर पर फोटो होते हैं व डिजिटल फोरमेट पर हस्ताक्षर किये जाने बाद ही स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस बनता है. अगर आवेदक इन नियमों का पालन नहीं करता है और उसका लाइसेंस बन जाता है तो वह फर्जी होता है.

सीएम फ्लाइंग ने पूरे मामले की गहराई से जांच की तो मामला फर्जी पाया गया, क्योंकि आवेदक मौके पर मौजूद नहीं था और उसका लाइसेंस बना दिया गया. इस मामले में स्थानीय लाइसेंस अथोरिटी क्लर्क बृज मोहन, मोटर व कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं. इस बारे में कैंप थाना में शिकायत दी गई जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.

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पलवल: फर्जी गन लाइसेंस बनाने का मामला हो या फिर तहसील कार्यालय से रजिस्ट्री निकालकर अंगूठे का क्लोन बनाकर लोगों के खाते से रुपये निकालने का हो. आखिरकार जिले में लघु सचिवालय के कार्यालयों में फर्जीवाडा थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन कार्यालयों में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. ताजा मामला फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस (fake driving license in Palwal) बनाने का आया है. दरअसल ऑस्ट्रेलिया में बैठी लड़की का पलवल की लाइसेंस अथोरिटी में नियमों को ताक पर रखकर लाइसेंस बना दिया गया.

सीएम फ्लाइंग (CM Flying raid Palwal) को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि पलवल की लाइसेंस अथोरिटी में नियमों को ताक पर रखकर लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. इसी आधार पर उन्होंने मामले की गहनता से जांच की और जांच में पाया गया कि न्यू कॉलोनी निवासी शैफाली नामक लड़की जो कि 5 मार्च 2018 में ऑस्ट्रोलिया चली गई थी. उसके वहां जाने के बाद उसका पलवल की लाइसेंस अथोरिटी से लाइसेंस बनाया गया. सीएम फ्लाइंग के अधिकारियों ने बताया कि 21 मार्च 2018 में लड़की के नाम से स्थाई ड्राइविग लाइसेंस के नाम पर 1030 रुपये की रसीद कटवाई गई. जबकि आवेदक मौके पर नहीं है और उसके लाइसेंस संबंधी सभी प्रक्रियाएं करवाई जा रही हैं. उस समय स्थानीय लाइसेंसिंग अथोरिटी पलवल में बृज मोहन मोटर लाइसेंस क्लर्क के पद पर तैनात था.

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इस प्रकार बृजमोहन व कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यालय स्थानीय ड्राइविंग लाइसेंस अथोरिटी पलवल द्वारा अन्य व्यक्तियों से मिली भगत करके शैफाली की गैरमौजूदगी में उनका स्थाई मोटर ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया. बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस अथोरिटी में लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक को कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है. इनमें आवेदक को खुद उपस्थित होकर फिजिकल मोटर ड्राइविंग टेस्ट देना होता है, कंप्यूटर पर फोटो होते हैं व डिजिटल फोरमेट पर हस्ताक्षर किये जाने बाद ही स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस बनता है. अगर आवेदक इन नियमों का पालन नहीं करता है और उसका लाइसेंस बन जाता है तो वह फर्जी होता है.

सीएम फ्लाइंग ने पूरे मामले की गहराई से जांच की तो मामला फर्जी पाया गया, क्योंकि आवेदक मौके पर मौजूद नहीं था और उसका लाइसेंस बना दिया गया. इस मामले में स्थानीय लाइसेंस अथोरिटी क्लर्क बृज मोहन, मोटर व कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं. इस बारे में कैंप थाना में शिकायत दी गई जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.

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