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ठेंगे पर कानून! कंपनियां खुलेआम बेच रही कैमिकल युक्त पटाखे

पलवल जिले के बघोला गांव के नजदीक पटाखे बनाने वाली कंपनियां (Firecracker companies openly selling firecrackers) खुलेआम पटाखा बेच रही हैं. जबकि सूबे में पटाखों पर बैन लगा है.

Fire Crackers
पलवल में खुलेआम पटाखे बिक रहे हैं.
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Published : Oct 30, 2021, 1:44 PM IST

पलवल: हरियाणा के पलवल जिले के बघोला गांव के नजदीक कैमिकल युक्त पटाखे बनाने वाली कंपनियां (Firecracker openly sold in palwal) खुलेआम पटाखा बेच रही हैं. जबकि सरकार और कोर्ट के आदेश हैं कि दीपावली ( Diwali Crackers Ban)पर कैमिकल वाले पटाखे न जलाएं और नहीं बिक्री करें. बावजूद इसके कंपनियां धड़ल्ले से कैमिकल वाले पटाखे बेच रही हैं. बता दें कि सरकार और कोर्ट ने कहीं पर भी बैन पटाखे की बिक्री ना करने का आदेश दिया है.

क्योंकि इससे भारी तादाद में प्रदूषण फैलता है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. उसके बाद भी पटाखे बनाने वाली कंपनियां खुलेआम पटाखे बेच रही हैं. कंपनी के अंदर भारी संख्या में लोग बाइकों पर गाड़ियों में रखकर पटाखे ले जा रहे हैं. जब पटाखे बनाने वाले कंपनी के मालिकों से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके पास पटाखा बेचने के आदेश है. मीडिया ने जब कंपनी के मालिक से आदेश की कॉपी मांगी तो उन्होंने कहा कि वह कॉपी नहीं दिखा सकते.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश : सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरूवार को एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमारे पास पटाखों को बैन करने की अर्जी आई है लेकिन कोर्ट समय-समय पर पहले ही लोकहित में कई फैसले दे चुका है. कोर्ट ने कहा कि 2018 में ही हमने ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर पाबंदी लगा दी थी, इसके बावजूद राज्य सरकारों ने आदेश को ठीक से लागू नहीं किया. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा हमारे देश में कानून लागू कराने वाली एजेंसियां कैसी हैं, सब जानते हैं. हम सब जानते हैं कि बाजार अब भी सामान्य पटाखे बिक रहे हैं, लेकिन किसी की तो इस बात की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए जो हमारे आदेश का पालन करा सके. केंद्र और राज्य एजेसियों की जवाबदेही बनती है कि वो बैन को पूरी तरह से लागू करवाएं. हमने सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाज़त दी थी, लेकिन बाजार में सभी प्रकार के पटाखे मिल रहे है."

ये भी पढ़ें : अवैध पटाखा फैक्ट़्री का भंडाफोड़, भारी मात्रा में खतरनाक केमिकल बरामद

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को प्रतिबंधित पटाखों पर लगी पाबंदी को लागू करना होगा. अगर कोई राज्य बैन ठीक से लागू नहीं करा पाता है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य के चीफ सेक्रेटरी और होम सेक्रेटरी की होगी. बुजुर्गों और बच्चों के जीवन के साथ खेलने का किसी को अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि हम जश्न मनाने के खिलाफ नहीं है लेकिन ये दूसरों की जान की कीमत पर नहीं हो सकता.

पलवल: हरियाणा के पलवल जिले के बघोला गांव के नजदीक कैमिकल युक्त पटाखे बनाने वाली कंपनियां (Firecracker openly sold in palwal) खुलेआम पटाखा बेच रही हैं. जबकि सरकार और कोर्ट के आदेश हैं कि दीपावली ( Diwali Crackers Ban)पर कैमिकल वाले पटाखे न जलाएं और नहीं बिक्री करें. बावजूद इसके कंपनियां धड़ल्ले से कैमिकल वाले पटाखे बेच रही हैं. बता दें कि सरकार और कोर्ट ने कहीं पर भी बैन पटाखे की बिक्री ना करने का आदेश दिया है.

क्योंकि इससे भारी तादाद में प्रदूषण फैलता है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. उसके बाद भी पटाखे बनाने वाली कंपनियां खुलेआम पटाखे बेच रही हैं. कंपनी के अंदर भारी संख्या में लोग बाइकों पर गाड़ियों में रखकर पटाखे ले जा रहे हैं. जब पटाखे बनाने वाले कंपनी के मालिकों से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके पास पटाखा बेचने के आदेश है. मीडिया ने जब कंपनी के मालिक से आदेश की कॉपी मांगी तो उन्होंने कहा कि वह कॉपी नहीं दिखा सकते.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश : सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरूवार को एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमारे पास पटाखों को बैन करने की अर्जी आई है लेकिन कोर्ट समय-समय पर पहले ही लोकहित में कई फैसले दे चुका है. कोर्ट ने कहा कि 2018 में ही हमने ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर पाबंदी लगा दी थी, इसके बावजूद राज्य सरकारों ने आदेश को ठीक से लागू नहीं किया. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा हमारे देश में कानून लागू कराने वाली एजेंसियां कैसी हैं, सब जानते हैं. हम सब जानते हैं कि बाजार अब भी सामान्य पटाखे बिक रहे हैं, लेकिन किसी की तो इस बात की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए जो हमारे आदेश का पालन करा सके. केंद्र और राज्य एजेसियों की जवाबदेही बनती है कि वो बैन को पूरी तरह से लागू करवाएं. हमने सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाज़त दी थी, लेकिन बाजार में सभी प्रकार के पटाखे मिल रहे है."

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को प्रतिबंधित पटाखों पर लगी पाबंदी को लागू करना होगा. अगर कोई राज्य बैन ठीक से लागू नहीं करा पाता है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य के चीफ सेक्रेटरी और होम सेक्रेटरी की होगी. बुजुर्गों और बच्चों के जीवन के साथ खेलने का किसी को अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि हम जश्न मनाने के खिलाफ नहीं है लेकिन ये दूसरों की जान की कीमत पर नहीं हो सकता.

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